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Updated: 03 मई, 2018 10:37 PM
सुशांत तलवार
सुशांत तलवार
  @Sushant.Talwar.33
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बुधवार आधी रात को डेटा चोरी के आरोप झेल रहे फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के वार्षिक F8 डेवलपर सम्मेलन में प्रस्तुति दी. फेसबुक यूके स्थित मतदाता प्रोफाइलिंग फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका के कथित रूप से मदद करने के लिए फेसबुक को कठघरे में खड़ा किया गया. इसके तहत 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रभाव डालने, ब्रेक्सिट जनमत संग्रह और 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव में उपयोगकर्ताओं का प्रोफाइल इस्तेमाल कर उन्हें प्रभावित करने का आरोप है. हालांकि सम्मेलन के पहले दिन जुकरबर्ग ने इन मुद्दों से दूरी बनाए रखी और इसके बजाय भविष्य के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया.

हालांकि, इस साल के सम्मेलन में फेसबुक के सीईओ ने पिछले साल की तरह इस बार उन्होंने ऑग्मेंटेड और वर्चुअल रियलिटी जैसी भविष्य की तकनीकों के बारे में कोई बात नहीं की. बल्कि अपना पूरा ध्यान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और बाकी उत्पादों के संशोधन पर अपना ध्यान केंद्रित रखा.

वाट्सएप नए फीचर ला रहा है

हालांकि फेसबुक कई बदलावों की तैयारी कर रहा है लेकिन वाट्सएप ये है जो बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाला है. 1.3 बिलियन से भी अधिक यूजर वाला ये इंस्टेंट मैसेजिंग एप स्टिकर और व्यवसाय-केंद्रित ऐप फीचर अपडेट लाने की तैयारी में है. आने वाले कुछ महीनों में ये ग्रुप वीडियो कॉल भी जोड़ने वाला है.

whats app, facebookवाट्सएप को जिस प्राइवेसी के वादे के साथ लॉन्च किया गया था वही अब खत्म करने की कोशिश की जा रही है

वाट्सएप के निदेशक मुबारिक इमाम ने इस नए फीचर की घोषणा की. हालांकि उन्होंने इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं दी, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसमें एक साथ चार लोग एक साथ एक वीडियो कॉल का हिस्सा बन सकते हैं. स्टीकर फीचर पहले से ही फेसबुक मैसेंजर, लाइन और वीकैट जैसे अन्य मैसेजिंग ऐप्स पर उपलब्ध हैं. ऐसे में वाट्सएप अपने स्टेटस फीचर की सफलता का अनुकरण कर सकता है, जिसने पहले ही 450 मिलियन रोजाना एक्टिव यूजर की संख्या पा ली है. ये आंकड़ा स्नैपचैट के स्टोरी फीचर से भी बहुत ज्यादा है, जहां से ये आइडिया कॉपी किया गया था.

वाट्सएप विज्ञापनदाताओं के उपलब्ध है

लेकिन ऐसा नहीं है कि वाट्सएप के लिए सिर्फ स्टिकर और वीडियो कॉलिंग फीचर्स अपडेट ही नहीं है बल्कि इसकी पैरेंट कंपनी फेसबुक ने आने वाले दिनों में वाट्सएप को विज्ञापनदाताओं के लिए उपलब्ध कराने की भी योजना बना रही है. हालांकि, वाट्सएप को विज्ञापनदाताओं के लिए खोलने के लिए फेसबुक का ये आइडिया कोई नया नहीं है. जनवरी 2018 की शुरुआत में छोटे व्यवसायों के लिए फेसबुक ने एक अलग वाट्सएप एप्लिकेशन की घोषणा करने के कुछ ही समय बाद ही ये कदम उठाया है. इस एप का उद्देश्य ग्राहकों के साथ बेहतर कनेक्ट बनाने में मदद करना और उपयोगकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण बिजनेट चैट को अधिक सुविधाजनक बनाना था.

वाट्सएप के सह-संस्थापक का इस्तीफा

हालांकि फेसबुक के लिए फायदेमंद साबित होने वाले ये कदम उन लोगों को नागवार गुजरे जो वाट्सएप के साथ शुरुआती दिनों से जुड़े हुए थे. वाट्सएप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जान कॉम ने सोमवार को एक फेसबुक पोस्ट में पुष्टि की कि वह कंपनी छोड़ रहे हैं.

वाशिंगटन पोस्ट का दावा है कि कॉम ने "फेसबुक के साथ मतभेद" के बाद कंपनी छोड़ने का फैसला किया है. विज्ञापनदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए वाट्सएप के व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करने का प्रयास पर विवाद हुआ. 1980 के दशक में सोवियत संघ में पले बढ़े कॉम हमेशा से ही डाटा के गोपनीयता की वकालत करते आए हैं. और पहले भी उन्होंने विज्ञापन के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

यहां तक कि 2014 में फेसबुक को वाट्सएप बेचने के बाद भी, उन्होंने स्पष्ट किया था कि मैसेजिंग एप अपने उपयोगकर्ताओं के "बहुत चिंता" करता है और उनके डेटा की गोपनीयता को भी बनाए रखने में भरोसा करता है. 2014 में एक और ब्लॉग पोस्ट में अपनी इस बात को समझाते हुए, उन्होंने लिखा: "आपकी गोपनीयता के लिए सम्मान हमारे डीएनए में है, और हम आपके बारे में जितना संभव हो उतना कम जानने में दिलचस्पी रखते हैं: आपको हमें अपना नाम नहीं देना है और हम आपके ईमेल पते के लिए नहीं पूछते... वाट्सएप द्वारा उस डेटा में से कोई भी कभी भी एकत्र और संग्रहित नहीं किया गया है, और वास्तव में हम इसे बदलने का भी कोई इरादा नहीं रखते हैं."

हालांकि, आज वाट्सएप कॉम के किए वादे को तोड़ रहा है.

हालांकि कॉम ने कंपनी छोड़ने के पीछ के असली कारण को नहीं बताया. लेकिन उनके जाने की परिस्थितियां वाट्सएप में बढ़ती समस्याओं की ओर एक स्पष्ट संकेत तो दे ही रही हैं. फेसबुक-कैम्ब्रिज एनालिटिका घोटाले ने भी दो अरब से अधिक यूजर के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के बारे में मार्क जुकरबर्ग द्वारा किए गए वादों के खोखलेपन को उजागर कर दिया है.

लेकिन इस सभी उठापटक के बीच, एक बात तो साफ है: कॉम के बाहर जाने के साथ ही यह लोकप्रिय एप जिसे गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के विचारों पर खड़ा किया गया था, अब ऐसे भविष्य का सामना कर रहा है जहां इसे अपने पुराने स्वरुप के एक बदसूरत क्लोन में बदला जा सकता है.

(DailyO से साभार)

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सुशांत तलवार सुशांत तलवार @sushant.talwar.33

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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