New

होम -> टेक्नोलॉजी

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 15 अक्टूबर, 2016 01:58 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
  • Total Shares

हाल ही में एप्पल के सीईओ टिम कुक ने अपने बयान में कहा है कि वो ऑगमेंटेड रिएलिटी की ओर बढ़ेंगे. जिन लोगों को ये टर्म नहीं पता उन्हें बता दूं की ये एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें कम्प्यूटर से बनी हुई तस्वीर आपकी आंखों के सामने होती है. जैसे गूगल ग्लास है जो एक वर्चुअल तस्वीर लोगों की आंखों के सामने बना देता है. टिम कुक को फ्यूचर इसमें ही दिखता है और उनके हिसाब से कुछ समय में ऑगमेंटेड रिएलिटी अपना सही आकार ले लेगी.

टिम की ये बात सुनकर बड़ा ही अच्छा लगा. अब लगा की एप्पल तकनीकी रूप में और भी ज्यादा बेहतर हो जाएगा. मन में एक उम्मीद जगी कि बॉस अब अगला आईफोन तो इससे भी बेहतर होगा. मतलब एकदम धांसू. हर साल एप्पल का इंतजार कुछ नए के लिए रहता है. अब देखिए न, आईफोन 7 में नया रंग, नया प्रोसेसर और नया बहुत कुछ आया है! यही नहीं, जेट ब्लैक रंग भले ही बाकी स्मार्टफोन्स ने पहले दे दिया हो, लेकिन एप्पल वाले अब ले कर आए हैं. इसे इनोवेटर कहा जाता है साहब! हर नई तकनीक की शुरुआत यहीं से होती है. तो क्या हुआ की ये थोड़ा लेट हो गया, वैसे भी एप्पल के प्रति लोगों की वफादारी इससे थोड़े ही कम होने वाली है.

ये भी पढ़ें - ये हैं 10 तरह के डिस्काउंट, जानिए और इनका फायदा उठाइए...

तारीफ पर तारीफ...

अब आईफोन 7 को रिलीज हुए तो काफी समय हो गया है, लेकिन रिव्यू में इसकी तारीफ अभी भी उतनी ही हो रही है. इसे परफेक्ट फोटो फोन कहा जा रहा है. तो क्या हुआ अगर कैमरा मेगापिक्सल नहीं बढ़ाए गए, लेकिन सेल्फी का कैमरा तो और बेहतर कर दिया गया ना. अब बैक कैमरा अगले साल अपडेट हो जाएगा, उसमें क्या? और 7 प्लस देखा आपने पीछे दो कैमरे हैं. भले ही एचटीसी ने दो-तीन साल पहले डुअल बैक कैमरा कॉन्सेप्ट निकाला हो, लेकिन एप्पल के लिए तो पहला है ना. जो भी हो. आईफोन 7 की तारीफ करना तो बनाता है. अगर इसे बेस्ट कैमरा फोन कहा जा रहा है तो ये है. इसमें कोई शक नहीं.

iphone1_101516012403.jpg
 आईफोन 7

iSheep's की दुनिया...

जी, इस टर्म से भले ही आप अनजान हों, लेकिन ये दुनिया के उन लाखों लोगों को कहा जाता है जिन्हें एप्पल के प्रोडक्ट्स से प्यार होता है. ये सबसे पहले सैनडिस्क ने इजाद किया था जब उनके म्यूजिक प्लेयर की जगह लोग आईपॉड से गाने सुनने लगे थे. लेकिन बाद में ये वर्ल्ड फेमस हो गया. isheep मतलब 'मैं भेड़'. इस शब्द के कई मायने निकाले गए हैं. अब एप्पल यूजर्स अपने ब्रैंड पर इतना भरोसा करते हैं कि बिना एप्पल कुछ और लेते ही नहीं हैं. उनकी दुनिया एप्पल प्रोड्क्ट्स के इर्द गिर्द रहती है. अब हो भी क्यों ना. उनके पास कोई आम स्मार्टफोन नहीं बल्कि आईफोन होता है. फिर भले ही उन्होंने और कोई एप्पल प्रोडक्ट ना इस्तेमाल किया हो, लेकिन भाई बात है एप्पल की.

हड्डी टूट जाए, लेकिन फोन ना टूटे...

एप्पल आईफोन 7 की पब्लिसिटी और रिव्यू देखकर मन में एक चाह जागी, मुझे भी ये चाहिए. इससे पहले एक बार आईफोन का इस्तेमाल जरूर किया है. सच में जब लोग आपके फोन को तरसी हुई निगाहों से देखते हैं ना तो ऐसा लगता है कि बस दुनिया पा ली आपने. आईफोन की कीमत देखकर मन को थोड़ा धक्का जरूर लगा, लेकिन सोचा कि वीडियो देखकर मन और पक्का हो जाएगा. इसी कोशिश में एक वीडियो देखा. आईफोन यूजर का मजाक बनाया गया था इसमें.

ये वीडियो देखकर आपको क्या लगता है. अरे अगर कोई 60 हजार का फोन खरीदेगा. माफ कीजिए, अगर कोई 60 हजार का आईफोन खरीदेगा तो गिरने पर दिल और दिमाग दोनों यही कहेंगे कि हे राम मेरे आईफोन को बचा लेना, भले ही मेरा कुछ भी कर.

आईफोन और आइने वाली सेल्फी...

आईफोन 7 खरीदने का मन और ज्यादा हो गया जब इसके जेट ब्लैक रंग वाले मॉडल से किसी की सेल्फी फेसबुक पर देखी. इंसानी आदत से मजबूर जलन की भावना मन में ऐसी घर कर गई कि लगा बस अब तो मुझे भी चाहिए ये. फटाफट ऑनलाइन साइट्स देखीं और ऑफर के बारे में सोचा. क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स डालने से पहले अकाउंट बैलेंस याद आ गया. फिर लगा EMI लेने पर भी कई साल तक इसका कर्ज नहीं चुका पाऊंगी. ऐसे में टिम अंकल की बात याद आई.

ऑगमेंटेड रिएलिटी और आईफोन दोनों के भाव मन में दौड़ने लगे. लालच से मन भर आया और सोचा की अब पैसे जोड़कर अगला आईफोन जरूर खरीदूंगी. 'आईफोन 8' का इंतजार शुरू हो गया है. कम से कम एप्पल ने एक और यूजर तो बना लिया.

ये भी पढ़ें - आईफोन 7 खरीदने के सबसे किफायती ऑफर, जानिए उनके नियम और शर्तें भी

काश ये एप्पल ना खाया होता मालिक...

अब देखिए एप्पल यूजर तो एप्पल यूजर ही होता है. एक बार जो इसे इस्तेमाल कर लिया तो फिर इसे ही इस्तेमाल करना है. मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. अब सोचिए एप्पल के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते. कई दिन तक इसे लेने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं. किस-किस तरह की खबर सामने आती है. कोई इसे लेने के लिए किडनी बेचता है तो चीन में एक जोड़े ने पिछले साल नया आईफोन लेने के लिए अपना बच्चा ही बेच दिया था.

अब इसी साल की बात ले लीजिए, कुछ दिन पहले एप्पल के एक फैन ने बैंगकॉक से सिडनी की फ्लाइट ली और 18 घंटे बारिश में बैठा रहा. सिर्फ इसलिए कि वो नया आईफोन 7 खरीद सके. ये साहब थे थाइलैंड के एट्टापोन 'टॉम' थॉम्सन. इन्होंने 800 डॉलर यानी करीब 53500 रुपए की प्लेन टिकट खरीदी फिर हजारों किलोमीटर सफर किया और अंतत: वहां पहुंचे जहां सिडनी में आईफोन 7 बिकने वाला था. 18 घंटे की मेहनत, बारिश, तकलीफ और रात दो बजे तक लाइन में खड़े रहने के बाद इन्हें आईफोन मिला. ये तो था एक किस्सा. ऐसे कई किस्से आईफोन 7 के साथ अब तक जुड़ चुके हैं.

आईफोन का जादू ही कुछ ऐसा है, इसके दीवाने हर जगह हैं. कुछ लोग तो इसे लेने के लिेए किसी भी हद तक जा सकते हैं. कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन क्या ये सही है. आईफोन लेने का मन तो बहुत था, लेकिन इसके लिए कोई दीवानगी नहीं है. लोगों को कुछ हद तक ये जरूर समझना चाहिए की ये सिर्फ एक डिवाइस है.

अगर आपके पास नहीं है तो कोई बात नहीं अगले साल आ जाएगा, लेकिन नहीं जनाब जो इसका स्वाद एक बार चख चुके हैं वो घर-बार, दोस्त-यार सब बेचकर इसे खरीदने के पीछे पड़े रहते हैं. उनके लिए मन से बस यही बात निकलती है कि काश इन्होंने ये एप्पल ना खाया होता मालिक.

एक दिन होगा हमारे पास...

एप्पल लेने का मन तो है, लेकिन इस साल नहीं तो अगले साल सही एक दिन तो ये हमारे पास होगा ही. उम्मीद यही है कि लोग इसकी दीवानगी को हद से ज्यादा आगे नहीं बढ़ाएंगे और थोड़ा इंतजार कर लेंगे.

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय