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Updated: 21 सितम्बर, 2021 04:36 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) से एक महीने पहले विराट कोहली (Virat Kohli) ने टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने का फैसला कर सबको चौंका दिया था. विराट कोहली ने टी20 फॉर्मेट में टीम इंडिया (Team India) की कप्तानी से हटने का निर्णय लेने के पीछे वर्कलोड यानी काम की अधिकता को कारण बताया था. वहीं, अब विराट कोहली ने आईपीएल (IPL) की अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर यानी आरसीबी की कप्तानी छोड़ने का भी ऐलान कर दिया है. दरअसल, टी20 की कप्तानी (Captaincy) छोड़ने के बाद से ही कोहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान बने रहने को लेकर आलोचनाओं का शिकार हो रहे थे. वैसे, विराट कोहली के इस फैसले से उनका वर्कलोड काफी हद तक कम हो जाएगा. लेकिन, विराट कोहली ने टी20 फार्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ते समय लिखी चिट्ठी में एक घोषणा और की थी कि टेस्ट और वनडे में कप्तानी करने के लिए उन्हें 'स्पेस' की जरूरत महसूस हो रही है. यह एक तरह से कोहली का फैसला था कि वो टेस्ट और वनडे में किसी के लिए जगह खाली नहीं करने वाले हैं.

वहीं, बीसीसीआई (BCCI) ने सचिव जय शाह ने आधिकारिक बयान में कहा था कि विराट एक खिलाड़ी के रूप में और टीम के एक सीनियर सदस्य के रूप में भारतीय क्रिकेट के भविष्य को आकार देने में योगदान देना जारी रखेंगे. जय शाह के इस बयान में विराट कोहली को एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर ही पेश किया गया था. नाकि, टेस्ट और वन डे (One Day) कप्तान के तौर पर. वहीं, हाल ही में आई कुछ मीडिया रिपोर्टस ने इस संभावना को और बल दिया है कि भविष्य में विराट कोहली के हाथों से वन डे की कप्तानी भी जा सकती है.

दरअसल, मीडिया में आई खबरों के अनुसार, टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से विराट कोहली के व्यवहार को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. वहीं, टेस्ट मैचों की कप्तानी में उनका रिकॉर्ड बेहतर है. लेकिन, हो सकता है कि 2019 के बाद से ही शतक बनाने के लिए तरस रहे विराट कोहली को बीसीसीआई टेस्ट मैच की कप्तानी से भी अलग कर 'स्पेस' देने की कोशिश करे. टीम इंडिया के कई महानतम खिलाड़ियों पहले भी कप्तानी छोड़कर लंबे समय तक एक खिलाड़ी के तौर पर टीम से जुड़े रहे हैं. कहना गलत नहीं होगा कि विराट कोहली के लिए शायद अब वो समय आ गया है कि वह कप्तानी को छोड़कर अपना ध्यान पूरी तरह से अपने खेल पर केंद्रित करें.

विराट कोहली टी20 वर्ल्ड कप के बाद इस फार्मेट की कप्तानी को अलविदा कह रहे हैं.विराट कोहली टी20 वर्ल्ड कप के बाद इस फार्मेट की कप्तानी को अलविदा कह रहे हैं.

भविष्य के लिए नेतृत्व तैयार करना भी कप्तान की जिम्मेदारी

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भविष्य के लिए नेतृत्व तैयार करना भी एक कप्तान की ही जिम्मेदारी होती है. टीम इंडिया के कई पूर्व कप्तानों ने ऐसा किया है. सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी जैसे नाम युवाओं को मौका देने और नेतृत्व तैयार करने के लिए जाने जाते हैं. महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी से हटने के बावजूद लंबे समय तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे. जैसे ही उन्हें अपना प्रदर्शन गोते खाता दिखा, उन्होंने अचानक ही संन्यास की घोषणा भी कर दी. वहीं, विराट कोहली के मामले में नेतृत्व को तैयार करने की बात थोड़ा अटपटी नजर आती है. इसी साल जुलाई में भारत और श्रीलंका के बीच हुई वनडे और टी20 सीरीज में बीसीसीआई किसी और खिलाड़ी को इस दौरे पर कप्तान बनाकर भेजना चाहती थी. लेकिन, विराट कोहली गब्बर यानी शिखर धवन के नाम पर अड़ गए. खैर, बीसीसीआई ने विराट कोहली की बात मानी. लेकिन, यह पूरी तरह से गैर-पेशेवर व्यवहार था.

इससे इतर विराट कोहली ने रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी को टीम इंडिया के उपकप्तान पद से हटाने का आईडिया भी बीसीसीआई को दिया था. वहीं, विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच टकराव की खबरें भी लगातार सामने आती रही हैं. एक कप्तान के तौर पर कोहली के फैसले भविष्य की टीम इंडिया के लिए सटीक नहीं कहे जा सकते हैं. लंबे समय से खबरें थीं कि बीसीसीआई क्रिकेट के सभी फॉर्मेट (वनडे, टेस्ट, टी20) में अलग-अलग कप्तान के बारे में विचार कर रहा है. इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री और विराट कोहली एक किताब विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे थे. जिसके बाद रवि शास्त्री समेत टीम इंडिया के स्टॉफ के कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव निकले थे. जिसके चलते पांचवां और अंतिम टेस्ट रद्द करना पड़ा था. ऐसी स्थितियों में विराट कोहली का एप्रोच कई जगहों पर गैर-पेशेवर नजर आता है.

ईगो छोड़कर खेल पर ध्यान देने का समय

विराट कोहली टी20 वर्ल्ड कप के बाद इस फार्मेट की कप्तानी को अलविदा कह रहे हैं. उनके साथ ही टीम के हेड कोच रवि शास्त्री का करार भी बीसीसीआई के साथ खत्म हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री भी टीम इंडिया से अलग हो जाएंगे. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि रवि शास्त्री कई बार विराट कोहली के गलत फैसलों का बचाव करते नजर आ चुके हैं. बीसीसीआई लंबे समय से विराट कोहली और रवि शास्त्री की इस जुगलबंदी को तोड़ने के मूड में था. बोर्ड ने महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का मेंटर और रविचंद्रन अश्विन की टी20 टीम में वापसी के साथ अपनी ओर से काफी हद तक संदेश स्पष्ट कर दिया है कि विराट कोहली को सभी चीजें उनके हिसाब से नहीं मिल सकती हैं. वो भी ऐसे समय में जब उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं जा रहा हो. संभावनाएं ये भी जताई जा रही है कि रवि शास्त्री के बाद टीम इंडिया के कोच की भूमिका में अनिल कुंबले नजर आ सकते हैं.

भारत के महानतम गेंदबाजों में से एक अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच की तकरार किसी से छिपी नहीं है. अगर अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच के रूप में वापसी करते हैं, तो आने वाला समय विराट कोहली के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है. इस स्थिति में उन्हें अपने ईगो को किनारे रखते हुए खेल पर ध्यान देना होगा. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली के आंकड़े उन्हें क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक बनाते हैं. लेकिन, उन्हें ये भी समझना होगा कि रोहित शर्मा उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंदियों में से एक हैं. अगर उनके खेल में सुधार आता है, तो भविष्य में कप्तानी का मौका उनके पास फिर से भी आ सकता है. लेकिन, अगर उनका अपना खेल इसकी वजह से प्रभावित होगा, तो विराट कोहली के लिए टीम इंडिया के सभी फॉर्मेट में अपनी जगह पक्की करना भी मुश्किल हो जाएगा. कहना गलत नहीं होगा कि फिलहाल विराट कोहली को कप्तानी के बारे में भूलकर टीम इंडिया में एक बल्लेबाज के तौर पर ही अपना भविष्य देखना चाहिए.

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लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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