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Updated: 15 जनवरी, 2022 09:59 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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Virat Kohli steps down as India Test Captain: दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच में टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने इस आखिरी फॉर्मेट से भी कप्तानी छोड़ दी है. दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले ही विराट कोहली को वनडे फॉर्मेट की कप्तानी से हटा दिया गया था. वहीं, बीते साल कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के टी20 फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ दी थी. और, इसके बाद उन्होंने आईपीएल की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया था. बीता साल किसी भी तरह से विराट कोहली के पक्ष में नहीं गया था. उनका प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा था. वहीं, हालिया दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज में भी विराट कोहली कुछ कमाल नहीं दिखा सके. वहीं, तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में पहले मैच में जीत के साथ बढ़त बनाने के बावजूद विराट कोहली इसे सीरीज जीत में नहीं बदल सके.

वैसे, विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का जो फैसला लिया है, वो समझा जा सकता है. दक्षिण अफ्रीका सीरीज में उनके व्यवहार की पहले ही आलोचना हो रही थी. वहीं, पिछले एक साल से ज्यादा समय से शतक नहीं बना पाए विराट कोहली पर परफॉर्म करने का भी बहुत दबाव था. क्योंकि, विराट के पास केवल टेस्ट टीम की कप्तानी ही बची थी, तो उनके ऊपर दक्षिण अफ्रीका में खुद के प्रदर्शन को सुधारने का दबाव तो था ही. इसके साथ कप्तान के रूप में कोहली पर टीम इंडिया के अच्छे प्रदर्शन का भी दबाव था. लेकिन, 2-1 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद काफी कुछ साफ हो गया. विराट कोहली का जैसा स्वभाव है, टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने को लेकर वैसा ही चौंकाने वाला उनका ट्वीट आया है.

Virat Kohli Left Test Captaincyदक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले ही विराट कोहली को वनडे फॉर्मेट की कप्तानी से हटा दिया गया था.

विराट कोहली ने ट्वीट करते हुए अपनी टेस्ट कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया है. कोहली ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मैंने सात साल की कठिन मेहनत और लगातार संघर्ष से टीम को सही दिशा में ले जाने की कोशिश की. मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ किया और इसमें मैंने अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी. हर चीज को कभी न कभी रुकना होता है. और, मेरे लिए भारत की टेस्ट कप्तानी को छोड़ने का यही वक्त है. इस सफर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन मेरी कोशिश और भरोसे में कभी कमी नहीं आई. मैंने हमेशा हर चीज में अपना 120 परसेंट देने में विश्वास किया है और अगर मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं, तो मैं जानता हूं कि यह सही नही है. मेरे दिल में पूरी तरह से स्पष्टता है और मैं अपनी टीम के साथ बेईमानी नहीं कर सकता.' 

कोहली ने आगे लिखा कि 'मैं बीसीसीआई को शुक्रिया कहना चाहता हूं कि उसने मुझे इतने लंबे समय तक टीम की कप्तानी करने का मौका दिया. इससे ज्यादा मैं टीम के उन साथी खिलाड़ियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मेरे उस विजन, जो पहले दिन से मैं इस टीम के साथ लेकर चला था, में ढले और किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानी. आप लोगों ने मेरे सफर को बहुत यादगार और खूबसूरत बनाया है. रवि भाई और सपॉर्ट स्टाफ का शुक्रिया जो इस गाड़ी, जो टेस्ट क्रिकेट में लगातार ऊपर जाती रहे, का इंजन रहे. आप सभी का इस विजन को धरातल पर लाने में बड़ा योगदान है. और सबसे आखिर में महेंद्र सिंह धोनी का शुक्रिया जिन्होंने मुझ पर एक कप्तान के रूप में भरोसा किया और मुझमें एक ऐसा खिलाड़ी देखा, जो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकता है.'

9 मिनट में बीसीसीआई का ट्वीट आ गया, जैसे इंतजार ही हो रहा था!

वैसे, टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान विराट कोहली ने जैसे ही टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया. उसके ठीक 9 मिनट बाद ही बीसीसीआई का ट्वीट आ गया है. बीसीसीआई ने अपने ट्वीट में विराट कोहली के भारतीय क्रिकेट को लेकर दिए गए योगदान के लिए शुक्रिया अदा किया. लेकिन, इतनी तेज रिप्लाई देने को लेकर कहा जा रहा है कि बीसीसीआई बस विराट कोहली के ट्वीट का इंतजार ही कर रहा था. वैसे, विराट कोहली के हाथों में केवल टेस्ट टीम की कमान थी, तो बहुत हद तक संभव है कि बीसीसीआई ने विराट कोहली को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अपना प्रदर्शन सुधारने की हिदायत के साथ भेजा हो. लेकिन, सीरीज हार के बाद विराट कोहली पर इस्तीफा देने का अघोषित दबाव बन गया हो. वैसे, बीसीसीआई ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'BCCI टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को उनकी प्रेरणादायी नेतृत्व क्षमता के लिए बधाई देती है. जिसने टेस्ट टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उन्होंने भारत की 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमे से 40 मैच टीम इंडिया ने जीते.'

जितने बड़े कप्तान, उतनी ही मायूसी भरी विदाई

रिकॉर्ड के मामले में देखेंगे, तो विराट कोहली टीम इंडिया के सबसे सफलतम कप्तानों में सबसे ऊपर हैं. यहां तक कि कोहली के रिकॉर्ड आंकड़ों में भी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से ऊपर है. लेकिन, टीम इंडिया के जितने बड़े कप्तान रहे हैं. उनकी विदाई उतनी ही मायूसी भरी रही है. फिर चाहे वो सौरव गांगुली हों या महेंद्र सिंह धोनी या विराट कोहली.

सौरव गांगुली- साल 2005 में सौरव गांगुली की कप्तानी भी ऐसे ही गई थी. हालांकि, सौरव गांगुली की कप्तानी जाने के पीछे तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल को जिम्मेदार बताया जाता है. उस दौरान ग्रेग चैपल का बीसीसीआई को भेजा गया एक ईमेल भी लीक हुआ था. लेकिन, सौरव गांगुली पर गाज गिरने की वजह टीम इंडिया और उनकी खराब परफॉर्मेंस थी. कप्तानी से हटाए जाने के बाद सौरव गांगुली को टीम से ड्रॉप तक कर दिया गया था. हालांकि, जनवरी 2007 में जब उन्हें वनडे मैच खेलने का मौका मिला था. इस मैच में उन्होंने 98 रन बनाकर आलोचकों को करारा जवाब दिया था.

महेंद्र सिंह धोनी- टीम इंडिया के कैप्टन कूल यानी महेंद्र सिंह धोनी के नाम आईसीसी के हर इवेंट की ट्रॉफी जीतने का रिकॉर्ड है. लेकिन, सफलतम कप्तानों में से एक कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी को भी अपने लगातार गिरते प्रदर्शन की वजह से कप्तानी छोड़नी पड़ गई थी. दरअसल, धोनी के इस्तीफे से पहले टीम इंडिया को 'घर का शेर' कहा जाने लगा था. क्योंकि, विदेशों में टीम इंडिया की सफलता का आंकड़ा लगातार गिर रहा था. जिसके चलते धोनी पूर्व भारतीय खिलाड़ियों समेत कई लोगों की आलोचनाओं का शिकार हो रहे थे. इसकी वजह से महेंद्र सिंह धोनी को 2014-15 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही कप्तानी छोड़नी पड़ी थी.

विराट कोहली- इस बात में कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान हैं. लेकिन, कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने एक भी आईसीसी ट्रॉफी नही जीती थी. इतना ही नहीं, एक साल से ज्यादा समय से विराट कोहली शतक बनाने को भी तरस रहे थे. बीते साल टी20 वर्ल्ड कप के दौरान विराट की कप्तानी में टीम इंडिया सुपर-8 स्टेज से ही बाहर हो गई थी.

विराट ने धोनी का धन्यवाद किया है, जो चौंकाने वाला है

विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने के ऐलान में महेंद्र सिंह धोनी का भी शुक्रिया अदा किया है, जो चौंकाने वाला कहा जा सकता है. वैसे, आज जिस दबाव से विराट कोहली गुजर रहे हैं, तमाम रिकॉर्ड टीम इंडिया के नाम करवाने वाले महेंद्र सिंह धोनी को भी ऐसे ही वक्त से गुजरना पड़ा था. उन पर रन न बना पाने, और टीम इंडिया की नई जेनरेशन के साथ तालमेल न बैठा पाने का आरोप लग रहा था. बीसीसीआई उस समय विराट कोहली को आगे कर रही थी, और आखिर धोनी को कुर्सी खाली करनी पड़ी थी. आज जब विराट टीम इंडिया के कप्तान की कुर्सी छोड़ रहे हैं, तो शायद वे धोनी का दर्द समझ पा रहे होंगे. ताज पहनते समय एक नशा होता है, जिसमें तख्त से उतरने वाला दिखाई नहीं पड़ता. 

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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