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Updated: 17 सितम्बर, 2021 04:45 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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लंबे समय से अटकलों का दौर चल रहा था कि दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई (BCCI) सभी फॉर्मेट (ओडीआई, टेस्ट, टी20) में अलग-अलग कप्तानी के बारे में विचार कर रहा है. इसी बीच टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli captaincy) ने अचानक से सोशल मीडिया के सहारे टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने की घोषणा कर दी. विराट कोहली ने सोशल मीडिया पर जारी की गई अपनी चिट्ठी में बताया कि 'वर्कलोड' की वजह से वह आगामी टी20 वर्ल्ड कप के बाद इस फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में कप्तानी के लिए तैयार होने के लिए मुझे थोड़ा स्पेस छोड़ने की जरूरत है.

विराट कोहली के इस फैसले के बाद से ही कई तरह की चर्चाओं को बल मिला है. बीसीसीआई की आंतरिक राजनीति से लेकर तमाम तरह के डर्टी गेम तक के बारे में फैंन्स और क्रिकेट एक्सपर्ट अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. कोई आंकड़ों के सहारे विराट कोहली को बेहतर कप्तान साबित कर रहा है. तो, कोई ये बता रहा है कि विराट कोहली की आक्रामकता ही वो वजह है, जिससे टीम इंडिया अब पलटवार करने में मजबूत हुई है. खैर, ये सभी चर्चाएं पूरी तरह से गैर-जरूरी ही नजर आती हैं. क्योंकि, विराट कोहली ने जिस 'वर्कलोड' और 'स्पेस' की बात कहकर टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी है. उस कमी को वो आईपीएल (IPL) की कप्तानी छोड़कर भी पूरा कर सकते थे.

विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया (Team India) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन किया है.विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन किया है.

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया (Team India) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन किया है. विराट कोहली के कप्तान के तौर पर खेले गए मैचों के आंकड़े देखे, तो वह टीम इंडिया के सफलतम कप्तानों (Virat Kohli steps down as Indian captain) में सबसे ऊपर नजर आते हैं. लेकिन, उन्होंने टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने को लेकर जो चिट्ठी लिखी है, वो बहुत ही अटपटी लगती है. वर्कलोड (Workload) और स्पेस जैसे भारी-भरकम शब्द का विराट कोहली ने इस चिट्ठी में इस्तेमाल तो किया है, लेकिन ऐसा कहीं से भी नजर नहीं आता है कि उनके ऊपर ऐसा कोई वर्कलोड हो या स्पेस की कमी हो.

बीते साल ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई टेस्ट सीरीज के बीच में ही विराट कोहली भारत लौट आए थे. खैर, इसकी वजह भी वाजिब थी. विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा जनवरी में माता-पिता बने थे और ये किसी भी कपल के लिए बहुत स्पेशल मोमेंट होता है. उस दौरान बीसीसीआई द्वारा उन पर किसी तरह का दबाव बनाकर टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे को पूरा करने जैसी कोई खबर सामने नहीं आई थी. तो, इतना कहा जा सकता है कि जिस 'स्पेस' की विराट कोहली मांग कर रहे हैं, वो उन्होंने आसानी से मिल ही जाता है.

खैर, बात आईपीएल की हुई है, तो उस पर वापस लौटते हैं. 'वर्कलोड' की वजह से टीम इंडिया की टी20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने वाले विराट कोहली इस समय अपनी खराब फॉर्म से भी जूझ रहे हैं. जो सीधे तौर पर वर्कलोड की ओर ही इशारा करता है. निश्चित रूप से एक कप्तान के तौर पर विराट कोहली के ऊपर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में भारी दबाव को कम नहीं कहा जा सकता है. लेकिन, इन तमाम दबावों के बीच जो बात सवाल खड़े करती है, वो यह है कि विराट कोहली लंबे समय से आईपीएल में खेलने वाली टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) के भी कप्तान हैं. क्या वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी को छोड़कर वर्क-लाइफ बैलेंस नहीं बना सकते थे? टीम इंडिया हर साल टी20 के जितने मैच खेलती है, उससे ज्यादा तो विराट कोहली और उनकी टीम आईपीएल में खेलते हैं. जो उनके उस वर्कलोड को बढ़ाता ही है, जिसका हवाला उन्होंने दिया है.

दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का कप्तान बनने का मोह विराट कोहली से नहीं छूट सका है. दरअसल, आईपीएल की वजह से विराट की ब्रांड वैल्यू बढ़ती है. हर साल किसी नई प्रोडक्ट कंपनी के साथ उनका करार होता है. जाहिर है कि करोड़ों रुपयों का ये ब्रांडिंग खेल 'वर्कलोड' और 'स्पेस' के लिए ज्यादा मुफीद नही है. विराट कोहली के ऊपर वर्कलोड है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन, टी20 की कप्तानी छोड़ने के समय इसका हवाला देना पूरी तरह से अजीब लगता है. बीसीसीआई की निजी लीग की टीम में कप्तान के तौर पर वर्कलोड लेना विराट कोहली को मंजूर है. लेकिन, टीम इंडिया की टी20 टीम की कप्तानी में उनके सामने खुद को बेहतर बनाने के लिए स्पेस कम पड़ जाता है. वर्कलोड और स्पेस के लिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम की कप्तानी को अलविदा कह कर वो सारी समस्याओं से आसानी से निजात पा सकते थे. लेकिन, यहां वर्कलोड से ज्यादा जरूरी आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी नजर आती है.

खैर, बीसीसीआई एक क्रिकेट बोर्ड है, तो निश्चित तौर पर वह भविष्य की संभावनाओं को विचार में रखते हुए ही कुछ निर्णय लेता है. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया अब तक एक भी आईसीसी टूर्नामेंट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी है. इस बात से इतर कई चीजें ऐसी भी हैं, जो विराट कोहली के खिलाफ जाती हैं. उनकी साथी खिलाड़ियों को लेकर अप्रोच बहुत ही खराब है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो दुनिया के नंबर एक स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइिंग इलेवन से बाहर रखने का फैसला कप्तान ही करता है. क्या इस फैसले में आईपीएल की वजह से उभरी राइवलरी का अक्स नजर नहीं आता है? बोर्ड के सूत्रों के हवाले से ये भी खबर सामने आई है कि रोहित शर्मा को उनकी उम्र की वजह से टीम इंडिया के उप-कप्तान की भूमिका से हटाने का आईडिया भी विराट कोहली ने बीसीसीआई को दिया था. ये सभी चीजें विराट कोहली के पेशेवर अंदाज को बट्टा लगाती है.

वैसे, इसकी वजह आईपीएल भी नहीं है. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के आईपीएल में लगातार खराब प्रदर्शन ने विराट कोहली की आक्रामकता को गुस्से का रूप दे दिया है. ऐसा लगता है कि वह इसे पेशेवर अंदाज में न लेते हुए निजी तौर पर लेते हैं. जो विराट कोहली के फैसलों में भी नजर आता है. अपनी करीबी लोगों को मौके पर मौके देना और जूनियर खिलाड़ियों को लेकर किसी तरह का स्टैंड लेने से बचना उनकी इस कमजोरी को आसानी से सामने ले आता है. खैर, विराट कोहली के खेल और फॉर्म को बिगाड़ने में आईपीएल ही सबसे बड़ी वजह है. अगर वह आईपीएल में केवल एक खिलाड़ी की तरह खेलेंगे, तो वो और ज्यादा पेशेवर तरीके से क्रिकेट को खेल सकेंगे. कहना गलत नहीं होगा कि 'वर्कलोड' को कम करने के लिए विराट कोहली अगर आईपीएल की कप्तानी छोड़ते हैं, तो वही उनके लिए सबसे सही होगा.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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