New

होम -> स्पोर्ट्स

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 17 मार्च, 2021 06:17 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

खेलों को लेकर हम भारतीय बड़े पर्टिकुलर हैं. जैसा देश का मिजाज है, एक दौर था जब खेल का मतलब क्रिकेट और हॉकी होता था इसके अलावा जो कुछ है, वो समय ₹, पैसे और रिसोर्स की बर्बादी की तरह देखा जाता था. फिर दौर बदला और बैडमिंटन, लॉन टेनिस, कबड्डी, हॉकी, बॉक्सिंग, तीरंदाजी, रेसलिंग जैसे खेल अस्तित्व में आए या ये कहें कि इन खेलों में लोगों को ठीक ठाक पैसा दिखा और वो इन खेलों की तरफ आकर्षित हुए. लेकिन सवाल ये है कि क्या 'खेल' को इतने तक ही सीमित किया जा सकता है? क्या खेल बस यही हैं? जवाब है नहीं. दुनिया में तमाम खेल खेले जा रहे हैं और इन्हीं खेलों में एक खेल है तलवारबाजी. भारत में तलवार बाजी को अब तक सिर्फ हमने टीवी पर ही देखा मगर आज भवानी देवी के कारण भारत में तलवारबाजी को पहचान मिल गई है. हमें ये देखकर बिल्कुल भी आश्चर्य में नहीं पड़ना चाहिए यदि हम भविष्य में ऐसे सेंटर्स देखें जहां तलवारबाजी सिखाई जा रही है और मां बाप वहां अपने बच्चे का एडमिशन कराने के लिए कतार में खड़े हैं. ज्ञात हो कि भारतीय तलवारबाज भवानी देवी ने जापान के टोक्यो में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है. देश को गर्व इस बात पर होना चाहिए कि तमिलनाडु की भवानी देवी ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली भारत की पहली तलवारबाज बन गई हैं.

Bhavani Devi, Sword, Olympic, Sports, Kiran Rijiju, Gold Medal, Tokyo Olympicभवानी देवी ने तलवारबाजी के रूप में एक ऐसे खेल को पहचान दे दी है जिसके बारे में चुनिंदा लोग ही जानते थे

एक ऐसा खेल जिसे हम भारतवासी अब तक शायद ही खेल मानते हों, उसके चमकते सितारे यानी भवानी देवी के बारे में जानकारी खुद खेल मंत्री किरण रिजिजू ने दी है. भवानी देवी की उपलब्धि को लेकर खेल मंत्री ने ट्वीट किया है और उन्हें बधाई दी है. बताते चलें कि 27 साल की भवानी तलवारबाजी का सेबर इवेंट में पारंगत हैं.

अब तक देश के सामने गुमनाम रहीं भवानी ने एडजस्टेड ऑफिशियल रैंकिंग (AOR) के आधार पर ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है. हालांकि भवानी के ऑफिशियल क्वालीफिकेशन पर मुहर 5 अप्रैल को उस वक़्त लगेगी जब रैंकिंग जारी होगी. कहना गलत नहीं है कि 2017 में आइसलैंड में पहली इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीतने वाली भवानी वो महिला हैं जिन्होंने पहली बार तलवारबाजी में पदक जीतकर उसे भारत की झोली में डाला था.

2004 में तलवारबाजी को करियर चुनने वाली भवानी 8 बार की नेशनल चैंपियन हैं और ये अपने मे दुर्भाग्यपूर्ण था कि भवानी 2016 के रियो ओलंपिक में जगह नहीं बना पाई थीं.इतनी काबिलियत के बावजूद भले ही भवानी अब तक देश और देश की जनता के सामने गुमनामी में रह रही थीं. मगर खेल मंत्री के ट्वीट के बाद जिस तरह पूरे देश का प्यार भवानी के लिए उमड़ा है उससे जहां एक तरफ खुशी मिलती है तो वहीं दूसरी तरफ हैरत भी होती है ये जानकर कि एक आम भारतीय का खेलों के प्रति रवैया क्या है?

गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक की घोषणा हो चुकी है. जैसी रिपोर्ट्स आ रही हैं टोक्यो ओलंपिक 23 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त तक चलेगा ऐसे में देखना दिलचस्प रहेगा कि भवानी भारत की झोली में ओलंपिक का गोल्ड डलवा पाती हैं या फिर हर बार की तरह तलवारबाजी जैसे खेल में भी चीन, अमेरिका, जापान जैसे खेलों का दबदबा रहेगा?

टोक्यो ओलंपिक और भवानी देवी के मद्देनजर सवाल तो तमाम हैं जिनके जवाब के लिए हमें केवल इंतजार करना होगा. बाकी भवानी के रूप में एक उम्दा शुरुआत तो हुई है साथ ही हमें खेलों की दुनिया में तलवारबाजी का महत्व भी पता चला है और इसके लिए हमें और किसी को नहीं बल्कि भवानी देवी को थैंक यू कहना चाहिए जिन्होंने अपने नाम के अनुरूप काम किया है.

ये भी पढ़ें -

Punam Raut: टीम इं‍डिया का नायाब हीरा जिसने संघर्षों का 'दंगल' लड़कर पाया मुकाम

क्रिकेट 'Gentleman Game' है ये कोरी लफ़्फ़ाज़ी है, सिराज-बुमराह मामले से सिद्ध हुआ!

Mithali Raj: नृत्य में पारंगत एक 'आलसी' लड़की का वर्ल्ड क्रिकेट में 'नजीर' बन जाना!

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय