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Updated: 09 जुलाई, 2016 04:46 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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ओलंपिक में खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है. इस महिला धावक का ये ख्वाब तो पूरा नहीं हो पाया, लेकिन ओलंपिक के क्वालिफाइंग राउंड में असफल होने के बाद भी ये एथलीट हर किसी के लिए प्रेरणा बन गई.

अमेरिका की 28 साल की धावक साराह ब्राउन का लक्ष्य था रियो ऑलंपिक में भाग लेना. 800 और 1500 मीटर की दौड़ के लिए वो काफी समय से तैयारी कर रही थीं. लेकिन एक दिन उन्हें पता चला कि वो प्रेगनेंट हैं.

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अमेरिका की टॉप एथलीट के रूप में जानी जाती हैं साराह ब्राउन

एक टॉप एथलीट जब अपने करियर के चर्म पर हो तो गर्भधारण करने का ख्याल भी उसके जहन में नहीं आता. खासकर उस साल में तो बिलकुल नहीं जिस साल ओलंपिक होने वाले हों. साराह ब्राउन भी आने वाले 3 सालों तक बच्चा नहीं चाहती थीं और इसीलिए कॉपर आईयूडी गर्भनिरोध का इस्तेमाल कर रही थीं, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये 99% कारगर है. लेकिन साराह उस 1% लोगों में से थीं, उनके केस में ये गर्भनिरोधक फेल हो गया और वो प्रेगनेंट हो गईं.

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  गर्भनिरोधक फेल होने पर हुईं प्रेगनेंट

कह सकते हैं कि ये गर्भ साराह के ख्वाब और उनके शानदार करियर के रास्ते में एक रुकावट था. वो चाहतीं तो उसी वक्त जाकर गर्भपात करवा सकती थीं, आखिर ऑलंपिक जैसा शानदार मौका उनका इंतजार कर रहा था. लेकिन साराह ने अपनी प्रेगनेंसी को खुशी-खुशी स्वीकार किया.

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लेकिन प्रेगनेंसी उनके हैसले नहीं तोड़ पाई

साराह का कहना था कि- 'एथलीट के रूप में भी हमें ये यकीन करना चाहिए कि हमें कोई और नियंत्रित कर रहा है, वही सबकुछ करने वाला है. जीवन में कभी-कभी बड़ी चुनौतियां और बड़ी जिम्मेदारियां आती हैं. ईश्वर ने मुझे बहुत ही प्यार से ये याद दिलाया है कि उन्होंने मेरे जीवन के लिए बहुत कुछ सोच रखा है...जो बहुत ही अच्छा है. अब तक मुझे दोस्त, बेटी, बहन, पत्नी, एथलीट कहकर पुकारा गया और अब मुझे मां कहलाने का सौभाग्य मिलेगा.' साराह ने अपनी प्रेगनेंसी की खबर पूरी दुनिया को अपने ब्लॉग के जरिए दी.

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 साराह गर्भावस्था में भी करती रहीं प्रेक्टिस

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गर्भवती होने के बाद भी साराह अपने लक्ष्य को भूलना नहीं चाहती थीं. उनके ख्वाब अब भी आंखों में तैर रहे थे. इसलिए प्रेगनेंसी के बाद भी साराह ने अपनी प्रेक्टिस नहीं छोड़ी.

 

A video posted by Sarah Brown (@sarahmb15) on

उनके ट्रेनिंग रुटीन में कई घंटे तैराकी, दौड़ और वर्कआउट शामिल रहे. साराह के पति डैरेन ब्राउन उनके कोच भी हैं, जिन्होंने साराह को गर्भावस्था के दौरान बहुत ही सावधानी से ट्रेन किया.

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गर्भावस्था में बच्चे का ख्याल रखते हुए की प्रैक्टिस

और चार महीने पहले यानि मार्च में साराह ने एक स्वस्थ बेटी (एबिगेल) को जन्म दिया.

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 साराह ने एक स्वस्थ बच्ची का जन्म दिया

बच्चे को जन्म देने के दो हफ्ते बाद ही साराह ने अपनी ट्रेनिंग फिर से शुरू कर दी. अब जरा कल्पना कीजिए कि बच्चे को जन्म देने के लिए अपनी सारी शक्ति लगा देने के बाद एक महिला का शरीर किस अवस्था में होता है. साराह का शरीर भी कमजोर था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकि उनके ख्वाब ही उन्हें हिम्मत दे रहे थे. वो दौड़ती रहीं और हर कदम पर उनके पति उनका साथ देते रहे. अब ओलंपिक ट्रायल के लिए सिर्फ चार ही महीनों का समय बचा था. साराह डटी रहीं और दौड़ती रहीं.

 

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आखिर वो वक्त आ गया जिसके लिए वो कड़ी मेहनत कर रही थीं. साराह ने यूजीन में यूएस ओलंपिक ट्रायल में हिस्सा लिया, लेकिन अफसोस कि वो कोई जगह नहीं बना सकीं. जीतोड़ मेहनत के बाद भी क्वालिफाई नहीं कर पाना किसी का भी आत्मविश्वास तोड़ देता है, लेकिन अब साराह एथिलीट ही नहीं, एक मां भी थीं, और एक मां भला कैसे कमजोर हो सकती है.

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हार के बाद भी निराश नहीं हुईं साराह

दौड़ के तुरंत बाद ही साराह ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी चार महीने की बेटी के साथ एक तस्वीर शेयर की और एक संदेश लिखा- 'ये कोई परियों की कहानी नहीं है जो खत्म हुई हो..ये सफर कभी न खत्म होने वाला सफर है, जिसकी शुरुआत अब हुई है, तीन लोगों के एक परिवार की शुरुआत. आपके साथ और प्यार का शुक्रिया और आप शर्त लगा सकते हैं कि इस मां को हमेशा दौड़ते हुए देखते रहेंगे ' 

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एक मां का शरीर इतनी बड़ी चुनौती के लिए कभी-भी तैयार नहीं होता, ये जानते हुए भी एक एथलीट के रूप में साराह अपने प्रयासों में ईमानदार रहीं और चार महीने की बच्ची के साथ ओलंपिक ट्रायल में पूरे विश्वास के साथ उतरीं. ओलंपिक में नहीं दौड़ सकेंगी तो क्या, जीत तो वो तभी गईं थीं जब मां बनने के बाद उन्होंने मैदान में पहला कदम रखा था.

लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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