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Updated: 05 मई, 2021 01:26 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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कोरोना महामारी की दूसरी लहर के सर उठाने के साथ ही देश में मौत के नंगे नाच के बीच लोगों को ये काफी बुरा लग रहा था. बाद में विदेशी खिलाड़ी वापस जाने की जिद करने लगे. भारत के माहौल से डरे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने तो अपनी सरकार से भी सुरक्षित वापस बुलाने की गुहार लगाईं. इस बीच देश में कोरोना के हालत में सबसे सुरक्षित बताया जा रहा आईपीएल का "बायो बबल" भी धवस्त हो गया. कुछ खिलाड़ी और स्टाफ संक्रमित पाए गए. संक्रमण के और नए केस सामने आ रहे हैं. लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिहाज से बीसीसीआई ने फिलहाल सीजन को सस्पेंड करने का फैसला लिया.

आईपीएल रोका गया है रद्द नहीं किया गया. लीग के चेयरमैन ब्रजेश पटेल ने कहा भी कि इसे जल्द ही पूरा करने की कोशिश की जाएगी. लेकिन कब और कैसे यह साफ नहीं है. आईपीएल सस्पेंड होने के साथ अलग-अलग फ्रंट पर बहुत कुछ दांव लगा था. आइए जानते हैं- फिलहाल टूर्नामेंट सस्पेंड होने के नफा नुकसान...

आईपीएल सस्पेंड होने का फायदा क्या है?

- सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि बायो बबल (सुरक्षा चक्र) टूटने की वजह से खिलाड़ी महामारी की चपेट से दूर हो रहेंगे. वैसे भी बायो बबल टूटने के साथ खिलाड़ी और स्टाफ कोरोना के खतरे के नजदीक थे. अब तक कई खिलाड़ी और स्टाफ पॉजिटिव पाए गए हैं.

- आईपीएल सस्पेंड होने से तीन टीमों को बड़ा फायदा मिल सकता है. ये टीमें हैं- पंजाब किंग्स, डेल्ही कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स.

- पंजाब किंग्स के एक सबसे बड़े खिलाड़ी केएल राहुल को सर्जरी की वजह से बाहर थे. 10 मई को वापस आने तक लीग स्टेज में राहुल के बिना पंजाब के तीन चार मैच हो जाते. अब ऐसा नहीं होगा. उनकी मौजूदगी से टीम को लीग स्टेज में मजबूती मिलेगी.

- इंजरी की वजह से डेल्ही कैपिटल के कप्तान श्रेयस अय्यर टूर्नामेंट से बाहर थे. मई तक ख़त्म हो रहे सीजन में उनके ना खेलने की आशंका थी. लेकिन सीजन सस्पेंड होने से उनके अब वापसी की उम्मीद है. आर आश्विन भी परिवार में कोविड 19 केसेस की वजह से बाहर हो गए थे. वे भी बचे मैचों में खेल सकते हैं.

  • सीजन के पहले मैच में फिंगर इंजुरी की वजह से राजस्थान रॉयल्स के ऑल राउंडर बेन स्टोक को बाहर जाना पड़ा था. जोफ्रा आर्चर भी बाहर थे. सीजन सस्पेंड होने की वजह से अब दोनों खिलाड़ियों का लाभ डेल्ही कैपिटल्स टीम को मिल सकता है. जाहिर तौर पर दोनों दुनिया के बड़े खिलाड़ी हैं.

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आईपीएल सस्पेंड होने के दूसरे नफा-नुकसान

- आईपीएल के 14वें सीजन का इकोसिस्टम वैल्यू कितने करोड़ का था यह कन्फर्म नहीं है, मगर पिछली बार यह 45,800 करोड़ रुपये का था जो 2019 के 47, 500 करोड़ के मुकाबले 3.6 प्रतिशत कम था. इकोसिस्टम वैल्यू में आईपीएल से जुड़ा नफ़ा-नुकसान का समूचा कारोबार शामिल होता है.

- 14वां सीजन 52 दिन का था जिसमें से 24 दिन का खेल हुआ है. इस आधार पर अनुमान लगाए जा रहे हैं कि करीब आधे से कुछ ज्यादा का नुकसान होगा.

- एड, मार्केटिंग और एंटरटेनमेंट दुनिया में नुकसान बीसीसीआई से लेकर टीमफ्रेंचाइजी, ब्राडकास्टर्स, ऐसोसिएट ब्राडकास्टर, ऑफिशियल स्पोंसर, ऐसोसिएट स्पोंसर और विज्ञापनदाताओं को होगा. लगभग आधे से ज्यादा.

- वीवो आईपीएल का प्रमुख स्पोंसर है. अन्य आधिकारिक स्पॉन्सर्स में अपस्टॉक्स, ड्रीम 11, अनएकेडमी, टाटा मोटर्स और क्रेड, बायजू, फोनपे, जस्ट डायल, विमल इलायची, बिंगो, हैवल्स फैन्स, फार्मईजी जैसे और स्पॉन्सर भी हैं.

- 14 वें सीजन में रद्द होने तक सिर्फ 24 मैच खेले गए हैं. मोटे तौर पर अनुमान है कि बीसीसीआई को करीब दो हजार से ढाई हजार करोड़ का नुकसान होगा. ब्राडकास्टिंग और स्पोंसरशिप से करीब 4 हजार करोड़ की कमाई का अनुमान था.

- स्टार को 16 सौ करोड़ से ज्यादा का सीधे-सीधे नुकसान होगा. स्टार ने बीसीसीआई से पांच साल के लिए प्रसारण करार किया है. उसके एक सीजन का खर्च करीब 32 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा है. 14वें सीजन के लिए स्टार ने 18 एसोसिएट ब्राडकास्टर और 100 एडवर्टाइजर से करार किया था.

- खिलाड़ियों के वेतन और दूसरे खर्चों के आधार पर टीम फ्रेंचाइजियों को भी आधे से ज्यादा नुकसान का झटका लगेगा. हालांकि ये कितना होगा अभी कन्फर्म नहीं है.

- अगर आईपीएल के रुके मैच शुरू हुए तो कारोबारी नुकसान से बचा जा सकता है. लेकिन तब सबसे बड़ी दिक्कत शेड्यूल को लेकर खादी हो जाएगी. यह कब और कैसे होगा इस बारे में कुछ साफ नहीं. निश्चित ही इससे दुनियाभर का क्रिकेट कैलेंडर प्रभावित होगा.

डिजिटल फर्स्ट को तगड़ा झटका

फिलहाल तो सबसे ज्यादा झटका एजुकेशन, गेमिंग, एंटरटेनमेंट की डिजिटल फर्स्ट कम्पनियों को होगा. दरअसल, आईपीएल की टार्गेट ऑडियंस का करीब 38 प्रतिशत हिस्सा 21 साल से कम एज ग्रुप का है. इसे ध्यान में रखते हुए एड और मार्केटिंग के आक्रामक कैम्पेन तैयार हुए थे. कंपनियों ने इसके लिए काफी पैसा निवेश किया अथा. एंटरटेनमेंट, एडुटेक कंपनियों (ग्रेड अप, बाईजू, अन अकेडमी, ड्रीम 11, एमपीएल आदि) ने बड़े पैमाने पर स्पोंसरशिप ली थीं. अलग-अलग एडटेक प्लेटफॉर्म्स ने मिलकर सीजन के कुल एड रेवेन्यू का 15% कंट्रीब्यूट किया था. टूर्नामेंट बीच में ही रुकने से मार्केटिंग स्ट्रेटजी, कैम्पेन और निवेश को फिलहाल जोरदार झटका लगा है.

आईपीएल का रेवेन्यू मॉडल क्या है

- आईपीएल के जरिए होने वाली समूची कमाई का करीब 47 प्रतिशत हिस्सा बीसीसीआई के खाते में जाता है. जबकि इतना ही हिस्सा टीम फ्रेंचाइजी को मिलता है. बाकी का 6 प्रतिशत हिस्सा सीजन की प्राइज मनी पर खर्च होता है. बीसीसीआई को प्रसारण अधिकार बेचने और स्पोंसरशिप से पैसे मिलते हैं.

- फ्रेंचाइजी टीमों की ज्यादातर कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा प्रसारण फीस और बीसीसीआई की केंद्रीय स्पाॉन्सरशिप से मिलने वाले पैसे के जरिए है. ये कमाई का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा है. बदले में फ्रेंचाइजी भी अपने कुल रेवेन्यू का करीब 20 प्रतिशत बीसीसीआई के साथ साझा करती हैं.

- फ्रेंचाइजी टीमें विज्ञापन, प्रसारण अधिकार, टिकटों की बिक्री, टीम से जुड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री आदि से कमाती हैं. टीमें भी कंपनियों की साझीदार बनकर विज्ञापन के बदले पैसे लेती हैं. जर्सी, बैट आदि पर कंपनियां जो लोगो लगाती हैं उसके बदके पैसा देती हैं.

- जबकि प्रसारण अधिकार खरीदने वाली कंपनी सहयोगी ब्राडकास्टर्स और ब्रांड्स के साथ विज्ञापन के लिए करार के जरिए पैसे कमाती हैं.

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लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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