New

होम -> समाज

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 04 फरवरी, 2016 10:41 AM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

हम उस में रहते देश है जहां महिलाएं देवी भी कहते हैं और उन्हें डायन भी घोषित कर दिया जाता है. झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से तो 'डायन' या 'टोनही' बताकर महिलाओं की बेरहम हत्‍याओं के मामले भी अकसर सामने आते हैं. गाय ने दूध देना बंद कर दिया, कुँए में पानी सूख गया, किसी बच्चे की मौत हो गई, कोई बीमार पड़ गया, जैसी छोटी-छोटी बातों के लिए औरत को जिम्मेदार बताकर डायन करार दिया जाता है.

सिर्फ इतना नहीं, उनके साथ जो सुलूक किया जाता है उसे सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं. उनके साथ यौन अत्याचार, मुंडन कर देना, आँखें फोड़ देना, जबान काट लेना, निर्वस्त्र कर देना, कुछ के मुंह में मल-मूत्र तक ठूँस देना, यहां तक कि हत्या भी.

329177958_020316072239.jpg
 

ऐसे देश में जहां डायन का खिताब देने पर महिलाओं के साथ ये सलूक होता है, उसी देश में एक महिला फख्र से खुद को डायन कहती है. ये हैं इप्सिता रॉय चक्रवर्ती. एक कुलीन परिवार में जन्मी और पली बढ़ी इप्सिता की मां एक शाही खानदान से थीं और पिता डिप्लोमैट. जब वो कनाडा रहती थीं, उन्होंने वहां प्राचीन संस्कृतियों और पौराणिक मान्यताओं की पढ़ाई की और फिर विक्का धर्म अपनाया. शादी के बाद वो भारत लौट आईं. 1986 में इप्सिता ने खुद को डायन घोषित कर दिया था.

विक्का धर्म एक नया धार्मिक आंदोलन है जिसकी स्थापना 19वीं सदी में इंग्लैंड के गेराल्ड गार्डनर ने की थी. 1954 में विक्का धर्म के बारे में लोगों को बताया गया. ये डायन के सताये हुए लोगों के परीक्षण के दौरान शुरू किया गया था. इसमें लोगों को भूत प्रेत जैसी बातों से विश्वास खत्म करने के लिए कहा जाता था. इस प्रथा को इप्सिता भारत लेकर आईं.

549438_1015267444938_020316072401.jpg
 

विक्का यानी 'बुद्धिमानों की कला', इप्सिता इसे ‘study of comparative belief systems’  या तुलनात्मक विश्वास का अध्ययन भी कहती हैं. इप्सिता का कहना है कि लोग किसी भी औरत को डायन बताकर कैसे जला या मार सकते हैं, जबकि चुडैल और डायन जैसा कुछ होता ही नहीं है. ऐसी ही बुरी प्रथाओं और धारणाओं को खत्म करने के लिए इप्सिता ने 2006 में विकेन ब्रिगेड बनाई. उन्होंने कुछ छात्रों को इकट्ठा किया और उन्हें विक्का के कुछ पुराने तरीके सिखाए. अब वो और उनकी टीम अंधविश्वास उन्मूलन और ‘डायन’ शब्द के साथ जुड़े हुए कलंक को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए काम कर रहे हैं. ये विक्का समाज के लोग रहस्य और विज्ञान और पूर्व और पश्चिम की गूढ़ परंपराओं को एक साथ लाते हैं.

img_2768-500x318_020316072303.jpg
 

इप्सिता ने 'स्पिरिट्स आई हैव नोन' 'सेक्रेड ईविल' और 'बिलव्ड विच' नाम की तीन किताबें लिखी हैं. उनकी बेटी दीप्ता चक्रवर्ती ने भी अपनी मां से विक्का की शिक्षा ली है और वो भी इसी दिशा में काम कर रही हैं. 

10-410x500_020316072315.jpg
                                                          अपनी बेटी दीप्ता के साथ इप्सिता

डायन घोषित महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करने और लोगों के अंधविश्वास को खत्म करने के लिए अगर ये महिला खुद को डायन कहती है, तो ऐसी डायन की जरूरत तो पूरे भारत को है.

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय