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Updated: 08 मई, 2018 08:29 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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आपने ठगी के कई तरीके सुने होंगे, लेकिन दिल्ली के कपड़ा व्यापारी से जैसी ठगी हुई है, वैसी न तो कभी सुनी होगी, न देखी होगी. एक बाप-बेटे ने मिलकर इस कपड़ा व्यापारी को बेवकूफ बनाया और उससे करीब डेढ़ करोड़ रुपए ऐंठ लिए. बेवकूफ बनाने के लिए उन्होंने एक ऐसा सामान बेचने की बात की, जो दरअसल इस दुनिया में है ही नहीं, लेकिन वह कपड़ा व्यापारी बड़ी ही आसानी से उनके झांसे में आ गया. बस यहीं से शुरू हुआ ठगी का सिलसिला. वो ठग लाख, दो लाख, दस लाख, बीस लाख करके धीरे-धीरे पैसे लेते रहे और कपड़ा व्यापारी को करीब 1.43 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया. चलिए अब एक नजर डाल लेते हैं उस समान पर जो ये लोग बेच रहे थे.

ठगी, अपराध, पुलिस, दिल्लीदोनों बाप-बेटे को ठगी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

'राइस पुलर' बेच रहे थे ठग

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने वीरेंद्र मोहन बरार और नितिन मोहन बरार को गिरफ्तार किया है. ये लोग एक ऐसी काल्पनिक चीज बेचने के नाम पर पैसे ऐंठ रहे थे, जो इस दुनिया में है ही नहीं. इन लोगों ने उसे 'राइस पुलर' का नाम दिया था. और बड़ी बात ये है कि कपड़ा व्यापारी उसकी बातों में भी आ गया. राइस पुलर के नाम पर वह तांबे की एक प्लेट दिखा रहे थे. उनका कहना था कि ये एक ऐसी प्लेट है, जिस पर उत्तराखंड में बिजली गिरी थी. बिजली गिरने की वजह से वह इतनी अधिक चार्ज हो गई है कि वह चावल (राइस) को भी अपनी ओर खींच सकती है. ठग तो यहां तक दावा कर रहे थे कि इस प्लेट की जरूरत नासा और डीआरडीओ जैसी संस्थाओं को भी है और नासा इसे 37,500 रुपए तक में खरीद सकता है.

अब इसका सच भी जान लीजिए

जरा सोच के देखिए, कोई चीज चावल को अपनी ओर कैसे खींच सकती है? दरअसल, जिस प्लेट से चावल खींचा जा रहा था उस पर चुंबक की कोटिंग थी और पके हुए चावलों के अंदर लोहे के बारीक तार थे. कपड़ा व्यापारी ने अगर जरा सी समझदारी दिखाई होती तो यहीं पर वह ठगी से बच सकता था. पैसों के लालच में दिल्ली का कपड़ा व्यापारी उनकी बातों में फंस तो गया, लेकिन जब तक उसे समझ आया कि उसे ठगा जा रहा है, तब तक 1.43 करोड़ रुपयों की ठगी हो चुकी थी. ये पैसे उस प्लेट की टेस्टिंग के लिए टेस्टिंग सूट खरीदने, कैमिकल लाने और साइंटिस्ट हायर करने के नाम पर लिए गए थे.

ठगी का ये किस्सा एक सबक है

यूं तो बहुत सारे ठगी के मामले सुनने को मिलते रहते हैं, लेकिन इस ठगी में एक काल्पनिक चीज का इस्तेमाल किया गया. ठग ऐसे हथकंडे भी अपना सकते हैं, शायद इसका अंदाजा उस कपड़ा व्यापारी को भी नहीं था, तभी तो उसके 1.43 करोड़ रुपए ठगों के हाथ में चले गए. कपड़ा व्यापारी को उस वक्त भी शक नहीं हुआ जब उन्होंने कहा कि बिजली गिरने से वो प्लेट बहुत अधिक चार्ज हो गई है.

कैसे काम करते हैं ठग?

ठगी का पहला स्टेप होता है उस इंसान को खोजना जो आसानी से आपकी बातों में आ जाए. ऐसा इंसान जो बहुत सारे सवाल करे या बात-बात पर चीजों को वेरिफाई करने लगे, उसे ठगना मुश्किल होता है. ऐसे इंसान को ये ठग काफी रिसर्च करके ढूंढ़ते हैं. जैसे ही उन्हें लगता है कि सामने वाला शख्स उनकी बातों में फंस रहा है, बस वहीं से वो अपना जाल बिछाना शुरू कर देते हैं. ठगी के कई छोटे-बड़े मामले देखने को मिले हैं, लेकिन ऐसी ठगी पहले कभी नहीं देखी.

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