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Updated: 10 सितम्बर, 2019 04:30 PM
विकास कुमार
विकास कुमार
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नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि इस एक्ट में जुर्माने की राशि बढ़ा काफी दी गई है. जो ट्रैफिक रुल तोड़ने वाले आरोपियों के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है. जैसा कि गुड़गांव में एक ट्रैक्टर ड्राइवर का 59,000 रुपए का चालान कटा. उसपर शराब पीकर ट्रैक्टर चलाने का आरोप था. ड्राइवर के पास जरूरी कागजात भी मौजूद नहीं थे. पुलिस ने ट्रैक्टर जब्त कर लिया है. वहीं गुड़गांव में ही दिल्ली के एक शख्स का 23 हजार का चालान कटा था जिसके स्कूटी की कीमत ही 15 हजार रुपए थी. ऐसे में ट्रैफिक के दौरान आपको अपने अधिकार, नियम और कर्तव्य की जानकारी होनी चाहिए. ताकि इसका ख्याल रखकर आप इस तरह के भारी-भरकम जुर्माना देने से बच सकें.

1. आपका चालान काटने के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास उनकी चालान बुक या फिर ई-चालान मशीन होना जरूरी है. यदि इन दोनों में से कुछ भी उनके पास नहीं है तो आपका चालान नहीं काटा जा सकता है.

2. ट्रैफिक नियमों को फॉलो करना जरूरी है लेकिन आपको नियमों का हवाला देकर ट्रैफिक पुलिस परेशान नहीं कर सकती है. ट्रैफिक पुलिस के जवान आपसे गलत व्यवहार नहीं कर सकते हैं.

3. हर ट्रैफिक जवान को यूनिफॉर्म में रहना जरूरी है. यूनिफॉर्म पर बकल नंबर और उसका नाम होना चाहिए. अगर ये दोनों ट्रैफिक पुलिस के पास नहीं हैं तो आप उससे पहचान पत्र दिखाने को कह सकते हैं. अगर ट्रैफिक पुलिस अपना पहचान पत्र दिखाने से मना करता है तो आप अपनी गाड़ी के दस्तावेज उसे न दें.

4. ट्रैफिक पुलिक का हेड कॉन्सटेबल आप पर सिर्फ 100 रुपये का ही फाइन कर सकता है. इससे ज्यादा का फाइन सिर्फ ट्रैफिक ऑफिसर यानी ASI या SI कर सकता है.

5. अगर आपका चालान कटा है और आपके पास फाइन देने के लिए पैसे नहीं है तो आप फाइन बाद में भी दे सकते हैं. इस सूरत में आपको कोर्ट चालान जारी किया जाएगा. एक तारीख दी जाएगी जब आपको कोर्ट में जाकर चालान देना होगा. इस स्थिति में ट्रैफिक अफसर आपका ड्राइविंग लाइसेंस अपने पास रख सकता है.

motor vehicles actट्रैफिक नियमों का पालन करने में ही फायदा है

6. सेंट्रल मोटर व्हीकल कानून के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेज को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. मोटर व्हीकल कानून 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने का समय 7 दिन का होता है.

7. हालांकि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के मुताबिक अगर आप ट्रैफिक पुलिस को मांगने पर फौरन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते, तो यह जुर्म नहीं है. इसके बाद भी अगर पुलिस दस्तावेज तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काट देती है, तो आपके पास कोर्ट में इसे खारिज कराने का विकल्प रहता है.

8. यदि आपको कभी भी ट्रैफिक पुलिस रोकते है तो आपका फ़र्ज़ है कि बिना किसी बहस के आप रुक जाएं और अफ़सर द्वारा मांगे गए कागज़ात उन्हें दिखाएं. हालांकि ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा ज़रूरी नहीं कि आप उन्हें कोई और कागज़ात दिखाएं.

9. ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी की चाबी नहीं छीन सकती. अगर आपकी गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी है तो क्रेन उसे तब तक नहीं उठा सकती, जब तक आप गाड़ी के अंदर बैठे हों.

10. अगर ट्रैफिक नियम को तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस आपको हिरासत में लेती है तो हिरासत में लेने के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना जरूरी है.

11. यह भी आप पर निर्भर करता है कि आप कागज़ात अफ़सर को सौपें या फिर नहीं. मोटर वाहन अधिनियम के सेक्शन 130 के मुताबिक किसी भी सार्वजानिक जगह पर वर्दी पहने हुए ट्रैफिक अधिकारी के मांगने पर मोटर चालक को कागज़ात दिखाने होंगें. पर सिर्फ दिखाने होंगें न कि सौंपने होंगे.

12. कभी भी पुलिस की अवैध मांगों को पूरा नहीं करना चाहिए. अगर कोई कॉन्स्टेबल आपसे अवैध रूप से पैसा मांग रहा है तो आप उसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करें.

हालांकि सबसे अच्छी बात ये है कि आप जब यात्रा के लिए निकलते हैं तो आप ट्रैफिक रुल का पूरी तरह से पालन करें. ताकि आपको किसी तरह की परेशानी में फंसने की जरूरत ही ना पड़े. ऐसे में आपको ये भी पता होना चाहिए कि किस तरह के ट्रैफिक रुल को आपको पालन करने की जरूरत है. और अगर आप पालन नहीं करते हैं तो नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कितना जुर्माना भरना पड़ सकता है.

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लेखक

विकास कुमार विकास कुमार @100001236399554

लेखक आजतक में पत्रकार हैं

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