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Updated: 19 जुलाई, 2019 04:23 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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सोशल मीडिया के इस दौर में सबसे पहले तो हमें जिम्मेदार होना सीखना पड़ेगा. जिम्मेदारी इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पूर्व की अपेक्षा आज चीजें कहीं तेजी के साथ वायरल हो रही हैं और रोज एक नई मुसीबत खड़ी कर रही हैं. लोग फेमस होने के लिए ऐसा बहुत कुछ कर जा रहे हैं जो न केवल सामाजिक संरचना के लिहाज से जहर है, बल्कि जिससे हालात बाद से बदतर हो रहे हैं. बात समझने के लिए हम एजाज खान का रुख कर सकते हैं. एजाज खान ,पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट हैं जो इन दिनों टिक टिक टॉक पर वीडियो बना रहे हैं. इनके वीडियो का कंटेंट ऐसा है जो आए रोज नए नए विवादों का कारण बन रहा है. खबर है कि एक ऐसे ही वीडियो ने एजाज खान को मुसीबत में डाल दिया है. एजाज को मुंबई साइबर क्राइम पुलिस ने एक साम्प्रदायिक वीडियो की वजह से गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि एजाज ने अपने वीडियो के जरिये लोगों की भावना भड़काने और सामाजिक ताने बाने को गिराने का काम किया है. एजाज खान को सेक्शन 153A और सेक्शन 67 के तहत गिरफ्तार किया गया है.

एजाज खान, सोशल मीडिया, वीडियो, गिरफ़्तारी, Ajaz Khanविवादित वीडियो बनाने के मामले में एजाज खान को गिरफ्तार किया गया है

ज्ञात हो कि एजाज खान ने झारखंड में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग के बाद TikTok के स्टार फैजू  के साथ एक वीडियो बनाया था. बात अगर इस वीडियो की हो तो इसमें साफ तौर पर उन्होंने मुंबई पुलिस का मजाक उड़ाते हुए कहा गया था कि अब अगर कोई आतंकी बनता है तो कुछ मत कहना. इस वीडियो के अलावा भी एजाज खान ने ऐसे तमाम वीडियो बनाए हैं जिसमें उन्होंने मुस्लिम धर्म के लोगों को वैध या अवैध तरीके से सड़क पर आकर मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ विरोध करने की अपील की थी.

कह सकते हैं कि एजाज खान की गिरफ़्तारी वाकई जरूरी थी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि यदि ये गिरफ़्तारी न होती तो उन लोगों को खुली छूट मिलती जो 30-40 सेकंड में ऐसा बहुत कुछ कर जा रहे हैं जिसका खामियाजा पूरे देश और देश की अखंडता और एकता को भुगतना पड़ता. चंद लाइक्स, कमेंट, शेयर और व्यूज के चक्कर में आज लोग ऐसा बहुत कुछ कर जा रहे हैं जिससे दो समुदायों के आपसी रिश्ते लगभग टूटने की कगार पर पहुंच गए हैं.

आज के परिदृश्य में दंगों का एक बड़ा कारण 30-40 सेकंड्स के ऐसे वीडियो हैं. लोग अपने कमरों में बैठकर वीडियो बना रहे हैं. परिणामस्वरूप ये वीडियो खूब शेयर हो रहे हैं और आए रोज नया बवाल हमारे सामने आ रहे हैं. बात बिल्कुल साफ है सोशल मीडिया के इस दौर में यदि ऐसी गतिविधियों को नियंत्रित नहीं किया गया तो जो परिणाम आएंगे वो न सिर्फ पूरे समाज के लिए घातक हैं. बल्कि कहीं डरावने हैं.

एजाज खान के मामले को ही देखें तो मिलता है कि ऐसे तमाम वीडियो हैं जिसमें इन्होंने पायल रोहतगी का जिक्र किया है और कहा है कि उन्होंने अपने वीडियो पायल के विरोध में बनाए हैं. एजाज के विपरीत यदि बात पायल की हो तो आए रोज उनका कोई न कोई ऐसा वीडियो जरूर आता है जिसमें वो हिन्दू मुस्लिम और लोगों को बांटने वाली बात करती हैं. सोशल मीडिया का ये 'वीडियो' स्वरुप कितना घातक है. इसे हम बीते दिनों रांची में हुई घटना से भी समझ सकते हैं. जिसमें रांची की ऋचा भारती ने एजाज खान के दोस्त फैजू पर प्रतिक्रिया दी और नतीजा उन्हें जेल जाकर भुगतना पड़ा.

गौरतलब है कि आज जैसा सोशल मीडिया का स्वरुप है, दिल्ली में बैठा व्यक्ति बंगाल जला सकता है. इसी तरह पटना से चला एक वीडियो लखनऊ या फिर कानपुर के लोगों के आपसी भाईचारे को प्रभावित कर सकता. कर्नाटक का एक वीडियो मुंबई या फिर भोपाल में लोगों के मरने का कारण बन सकता है. कुल मिलकर ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि ये एक ऐसा मकड़जाल है जिसको यदि वक़्त रहते नहीं संभाला गया तो आने वाले वक़्त में हमारे पास संभालने को कुछ नहीं बचेगा. लोग हिट हो जाएंगे और सामने रह जाएगा लाशों का ढेर और सिर्फ चींखें.

हमें ये याद रखना होगा कि हम एक ऐसे वक़्त में रह रहे हैं जहां स्थिति बहुत गंभीर है. पहले सिर्फ फेसबुक और ट्विटर था मगर आज हमारे पास ऐसा बहुत कुछ हो गया है जिसको यदि हमने नियंत्रित नहीं किया तो हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर लेंगे जहां भाईचारे की न तो गुंजाइश रहेगी और न ही किसी को इतनी फुर्सत होगी की वो इन बातों पर विचार करे.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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