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Updated: 18 अप्रिल, 2018 03:48 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
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तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित एक महिला पत्रकार के गाल थपथपाकर विवादों में आ गए हैं. महिला पत्रकार जब सवाल पूछ रही थीं तब गवर्नर ने उनके सवाल को अनदेखा किया, मुस्कुराते हुए उनके गाल थपथपाए और आगे बढ़ गए. लेकिन मामला गंभीर तब हुआ जब महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रामनियन ने उस तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट किया और लिखा कि 'मैंने तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित से प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में एक सवाल पूछा. जवाब में उन्होंने बड़ा बनते हुए, बिना मेरी इजाजत के मेरे गाल पर थपथपाया.'

इस ट्वीट के बाद इस तस्वीर का वायरल होना लाजिमी ही था, क्योंकि ट्वीट में पत्रकार ने लिखा 'without consent'. और जब मामला कन्सेंट का हो तो फिर उसकी दिशा ही बदल जाती है, लिहाजा अब गवर्नर के चरित्र पर लांछन लगना शुरू हो गया था.

ये वो वीडियो है, जिसे अगर आप गौर से देखेंगे तो समझ पाएंगे कि उस वक्त किस तरह का माहौल रहा होगा :

लक्ष्मी ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि 'मैंने अपने चेहरे को कई बार धोया. फिर भी मैं इससे बाहर नहीं निकल पा रही. गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित मैं बहुत परेशान और नाराज हूं. आपके लिए भले ही ये प्रशंसा करने का तरीका हो और आपका बुजुर्गों वाला व्यवहार हो, लेकिन मेरे मेरे लिए आप गलत हैं.

लक्ष्मी सुब्रामनियन ने जब ये ट्वीट किया तो उन्हें बहुतों ने कहा भी कि इस बात को वो इतना सीरियसली न लें, हो सकता है उन्होंने बुजुर्ग होने के नाते इस तरह किया था.

इसपर कुछ लोगों का कहना ये भी था कि गवर्नर उस जर्नलिस्ट का कुछ नहीं लगता, फिर क्यों उसे छुआ.

जबकि कई लोगों को इस तरवीर में कुछ भी गलत नहीं लगा. उन्होंने पत्रकार को गलत नहीं कहा लेकिन गवर्नर की भी गलती नहीं लगी. लोगों का कहना था कि कोई भी महिला वस्तु नहीं होती. उसकी आत्म सम्मान उसका जन्मसिद्ध अधिकार है. लेकिन इस जगह ये थपथपाना किसी बूढ़े व्यक्ति का था, जैसा कि घर पर बड़े लोग छोटों के साथ करते हैं.

जबकि कुछ महिलाओं ने गवर्नर को अनप्रोफेशनल कहा और लक्ष्मी का साथ दिया

लोगों ने तो ये भी कहा कि क्या गवर्नर ने कभी किसी पुरुष को इस तरह छुआ, अगर नहीं तो गड़बड़ है.

कुछ ने महिला को गलत बताया और कहा कि ये सिर्फ स्टंट है

एक ने कहा कि पत्रकार ओवररिएक्ट कर रही हैं, तो जवाब में एक महिला का कहना था कि अगर आपकी बहन ये पत्नी को ऑफिस में उसका बॉस इसी तरह थपथपाए तो भी क्या आप यही कहेंगे.'

फिर आई गवर्नर की माफी

तो इस तस्वीर को जिसने देखा, उसका अपना नजरिया था, लेकिन एक महिला जब किसी बात को लेकर आवाज उठाती है तो गेंद उसी के पाले में होती है. और इस मामले में भी शायद यही हुआ. गवर्नर को इस पूरे मामले पर माफी मांगनी पड़ी. जिसमें उन्होंने लिखा कि 'मुझे आपका सवाल अच्छा लगा था. इसलिए प्रशंसा की नीयत से पोती की तरह मैंने आपका गाल थपथपाया था. वो सिर्फ स्नेह था. मैं भी इस पेशे में 40 साल रहा और समझता हूं कि आपकी भावनाएं आहत हुई होंगी. इसलिए आपसे माफी मांगता हूं.'

apologyगवर्नर ने लक्ष्मी से माफी मांगी

लेकिन लक्ष्मी ने माफी पत्र ट्वीट करते हुए लिखा कि- 'प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कुछ भी हुआ उसपर आपने माफी मांगी है, मैं आपका माफीनामा स्वीकार करती हूं, लेकिन फिरभी मैं आपकी दलील से आश्वस्त नहीं हूं कि आपने ये उस सवाल की प्रशंसा करने के लिए किया था जो मैंने आपसे पूछा था.'

पूरा मामला सामने है, लेकिन इस बात को लेकर बहस अभी भी थमी नहीं है. भले ही गवर्नर के इरादे नेक हों, और उन्होंने पत्रकार को पोती की तरह स्नेह देने की कोशिश की हो, लेकिन जिस पद की हैसियत से वो प्रेस पॉन्फ्रेंस में आए थे उसकी गरिमा में रहते हुए उनका किसी महिला के गालों को थपथपाना शोभा नहीं देता. पर आपको इस तस्वीर में क्या दिखाई दिया- स्नेह या शोषण?

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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