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Updated: 02 सितम्बर, 2021 08:15 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिक पूरी तरह लौट चुके हैं. अब काबुल एयरपोर्ट समेत पूरी राजधानी पर तालिबान का कब्जा है. इस बीच तालिबान के उस झूठ का भी पर्दाफाश हो गया है जिसमें वह महिलाओं की आजादी की बात कर रहा था. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबान ने अपना भयानक चेहरा उजागर करना शुरु कर दिया है. तालिबान अब प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए अपने सभी वादों को अब झुठलाता नजर आ रहा है.

तालिबान अब ब्रिटिश और अमेरिकन सेना की मदद करने वाले अफगानी नागरिकों को गद्दार बताकर उन्हें रात के वक्त धमकी भरे खत भेज रहा है. महिला छात्रों को अलग तालिबान का डर सता रहा है. वे घरों से बाहर निकलना छोड़ चुकी हैं. वहीं काबुल की अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा को ये मैसेज मिला है कि “तुम अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी और सरकार के लिए काम करती थी. थोड़ा इंतजार करो, हम तुमसे निबटेंगे.' एक दूसरे मैसेज में कहा गया है- कि ‘हम तुम्हारा रेप करेंगे और तुम्हें मार देंगे’.

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अफगानिस्तान की कुछ लड़कियां अपनी आपबीती किसी तरह भारत के जिम्मेदार लोगों तक पहुंचा रही हैं. उन्होंने अपनी पहचान छिपा रखी है. उनका कहना है कि हमें खिड़की से बाहर देखने में भी डर लगता है. वे हमें उठा ले जाएंगे, वे पढ़ी-लिखी लड़कियों को निशाना बना रहे हैं. जबकि हजारों अफगानी लड़कियां देश से बाहर निकलना चाहती हैं, वे दूसरे देशों से शरण के लिए मदद मांग रही हैं. लड़कियां डरी और सहमी हुई हैं और घरों में छिपी हुई हैं.

खबरें आ रही हैं कि तालिबानी लड़ाके अफगान की पढ़ी-लिखी लड़कियों को धमकी भरे मैसेज भेज रहे हैं. सरकार के लिए काम करने वाले लोगों के घरों के बाहर सरेंडर करो या मरो लिखी हुई चिट्ठी चिपका रहे हैं. इन पत्रों के सहारे कहा जा रहा है कि अफगान के नागरिकों को तालिबान की कोर्ट में हाजिरी लगानी होगी. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाएगा.

इसी बीच अफगानिस्तान की समीरा हमीदी ने अफगानी महिलाओं की हालत बताई है. समीरा हमीदी को अफगान महिलाओं को मौलिक मानवाधिकारों के नुकसान का डर है. इन्होंने 17 दिन बाद का अपडेट शेयर किया है कि अफगानी महिलाएं तालिबान राज में किन  स्थितियों में हैं और अधिकार के नाम पर उन्हें क्या मिला है.

समीरा हमीदी के ट्ववीट के अनुसार, अफगानी महिलाएं राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों से गायब हो गई हैं. तालिबान महिला नेतृत्व वाले गैर सरकारी संगठनों की तलाशी लेता है, उनसे पूछताछ करता है और उन्हें बंद करने का आदेश देता है. इसके अलावा प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं को कॉल, मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए धमकी दी जाती है.

वहीं तालिबान ने महिलाओं को घर पर रहने के लिए कहा है. उनका तरक है कि उन्हें नहीं लगता कि उनके लड़ाकों को महिलाओं का सम्मान करने के लिए पर्याप्त शिक्षा दी गई है. महिलाओं को कार्यालयों, बैंकों और मीडिया संस्थानों से वापस भेज दिया गया और घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है. महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी खत्म हो गई है. भविष्य की संभावित शासन संरचना की हर चर्चा में महिलाओं की उपेक्षा की जाती है.

इतना ही नहीं स्कूलों और विश्वविद्यालयों में लिंग आधारित अध्ययन थोपे गए. तालिबान को नहीं लगता कि नई सरकार में महिलाओं को वरिष्ठ भूमिकाओं का हिस्सा होना चाहिए. प्रमुख महिला कार्यकर्ता अपनी सुरक्षा के डर से देश भर में फंसी हुई हैं. 17 दिनों के निकासी ने अधिकांश महिलाओं को जोखिम में छोड़ दिया है.

अब आप समझ गए होंगे कि तालिबान की हकीकत क्या है. ये बनी बनाई बातें नहीं हैं वहां की सच्चाई है जो वहां कि महिला कार्यकर्ता सोशल मीडिया के जरिए बता रही हैं. इसके पहले एक अफगानिस्तान की लड़की के दुनियां के नाम एक खत लिखा था. जिसमें उसने बताया था कि मेरी सहेली और मैं पढ़कर कुछ बनना चाहते थे. तालिबानी लड़ाके उसे उठा ले गए और उसकी शादी तालिबान के नेता के बेटे से करा दी. वे पढ़ी लिखी लड़कियों से शादी कर रहे हैं ताकि बच्चे पैदा कर सकें. अब वह किस हाल में मुझे नहीं पता.

मुझे डर लगता है कि वे किसी भी वक्त मेरे घर पर आकर मुझे उठा ले जाएंगे. मेरी मां ने उनके राज को पहले झेला था. उनकी कहानियां बताती थीं तो हम खौफ में चले जाते थे लेकिन अब हम खुद उसी दौर में जी रहे हैं. वे किसी के बी घर 40-50 की संख्या में पहुंच जाते हैं और खाना बनवाते हैं. मेेरे घर भी आए थे.

मैं जब आंखें खोलती हूं तो अंधेरा और आंखें बंद करती हूं तो अंधेरा...नहीं पता कि अब क्या होगा. मैं यहां से जाना चाहती हूं, हालांकि मैं अपने देश से बहुत प्यार करती हूं. ज्यादा सोचूंगी तो पागलल हो जाउंगी. खत में मेरा नाम और पता नकली है. मैं अपना घर छोड़ चुकी हूं...अब सब बर्बाद हो गया, कुछ नहीं बचा…

आप सोचिए इतने खौफ में जीने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते...क्या हालात होंगे वहां के...खासकर वे लड़कियां और महिलाएं जिन्होंने इन 20 सालों में अपनी जिंदगी सवारी थीं, दोबारा उसी गटर में जाकर गिर गईं...खौफ ही वजह है जो इस छात्रा ने अपना नाम गलत बताया है...

दुनियां देखती रही और इन 17 दिनों में अफगानिस्तान का यह हाल हो गया… जबकि तालिबान ने तो कहा था कि वह महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखेगा. हम किसी को भी निशाना नहीं बनाएंगे. हम सभी को माफ करते हैं. तालिबान ने ये भी कहा है कि महिलाओं को शरियत में मिले उनके अधिकार दिए जाएंगे.

महिलाएं पढ़ सकेंगी, कुछ जगहों पर नौकरी कर सकेंगी. महिलाओं को हमसे डरने की जरूरत नहीं. जबकि शादीशुदा तालिबानी भी अफगानिस्तान की खूबसूरत लड़कियों से जबरन शादी कर रहे हैं. डर के साए में जीना क्या होता है...कोई इन तालिबानी महिलाओं से पूछे जिन पर दिन प्रतिदन तालिबान का अत्याचार बढ़ता जा रहा है.

ये वीडियो देखिए-

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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