New

होम -> समाज

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 07 मार्च, 2018 12:33 PM
रणविजय सिंह
रणविजय सिंह
  @ranvijaysinghlive
  • Total Shares

सोनू (काल्पनिक नाम) पिछले चार दिनों से दिल्ली में चल रहे एक आंदोलन का हिस्सा है. उसकी सुर्ख लाल आंखें नींद और थकान से लबालब भरी हुई हैं. इतनी कि उन्हें खोलकर बात करने में भी उसे तकलीफ हो रही है. वो अपने कमजोर हो रहे शरीर को दीवार से टिका कर बातें कर रहा है. कहता है- 'पता नहीं और कितने दिन यूं ही बैठना होगा, लेकिन हम यहां से तबतक न जाएंगे जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती.'

ssc scam, studentsआंदोलन से आस लगाए बैठे हैं छात्र

सोनू जैसे सैकड़ों नौजवान पिछले आठ दिनों से दिल्ली के लोधी रोड स्थित कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के दफ़्तर के ठीक सामने धरने पर बैठे हैं. इनकी मांग है कि SSC के तहत होने वाली परीक्षाओं की CBI जांच हो, क्योंकि इसमें घोटाला हो रहा है. इनकी इतनी छोटी सी मांग को सरकार नजरअंदाज कर रही है, जिस वजह से इन नौजवानों ने सड़क को घर और आसमान को छत बना लिया है.

ssc scam, studentsसीबीआई जांच की मांग

पिछले आठ दिनों से हर सुबह 6 बजे इस सड़क पर राष्ट्रगान गाया जाता है और फिर सड़क की सफाई होती है. इसके बाद ये नौजवान मांगे पूरी होने की उम्मीदों की गठरी को पीठ पर लादे सड़क पर ही बैठ जाते हैं. दिन चढ़ते-चढ़ते इंकलाब जिंदाबाद जैसे जुनूनी नारे बुलंद होने लगते हैं. इतने बुलंद कि बैठे हुए गले की तन रही नसें भी साफ दिख जाती हैं.

ssc scam, studentsएक दूसरे को संभाल रहे हैं छात्र

बीच-बीच में वीर रस से लबरेज शेरो-शायरी और गाने भी गाए जाते हैं. ताकि लुढकती उम्मीकदों की गठरी को संभाला जा सके. हालांकि, आठ दिन लंबे आंदोलन का असर अब इन नौजवानों पर भी दिखने लगा है. पारले बिस्किट और आधे पेट भोजन के भरोसे ये आठ दिन काट चुके हैं. पाउच का पानी भी गले तक उतरते-उतरते सूख जाता है. इतना झेलने के बाद रात को नींद भी इनका इम्तिहान ले रही है. कई नौजवान 24 घंटे में सिर्फ 3 घंटे सो पा रहे हैं. कोई घुटनों में सिर को गाड़ कर तो कोई सड़क को ही बिस्तईर बना कर. लेकिन इतनी तकलीफों के बाद भी नौजवानों के जोश में कोई कमी नजर नहीं आती. हां, कभी कभार हताशा से घिर जाने पर आंखों से आंसू जरूर छलक जाते हैं, लेकिन तुरंत ही कोई साथी मनोबल बढ़ाने को पास आ जाता है.

ssc scam, studentsभरपेट खाना भी नहीं मिल पा रहा छात्रों को

इन छात्रों के मुताबिक इनके इस आंदोलन की ताकत ये है कि इसका कोई लीडर नहीं है. अगर लीडर होता तो वो अपने हित साधकर आंदोलन को खत्मआ करा चुका होता. नौजवानों का आरोप है कि सत्ता पक्ष के लोग आंदोलन को कुचलने के हर संभव प्रयास में लगे हैं. कभी आराजक तत्वों को धरने में भेज कर तो कभी इनके डेलिगेशन को डरा धमका कर. छात्र मुखर होकर कहते हैं कि इनके पिछले दो डेलिगेशन को सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से करियर बर्बाद करने की धमकियां दी गईं, जिस वजह से वो लोग धरना छोड़ कर जा चुके हैं. नौजवानों का कहना है कि सरकार जितना प्रयास आंदोलन को कुचलने में कर रही है उतना अगर भ्रष्टा़चार मिटाने में करती तो आज ये हालात न होते.

ssc scam, studentsआंदोलन खत्म करवाने की तमामा कोशिशें जारी हैं

बात तो इनकी भी सही है. सरकार ने आंदोलन के नजदीकी मेट्रो स्टेरशन को बंद करा रखा है. आस-पास के टॉयलेट भी बंद करवा दिए गए. इस वजह से आंदोलन में शामिल लड़कियों को खासी दिक्ककतों को सामना करना पड़ा रहा है. नौजवानों का कहना है उनकी कोई नहीं सुन रहा. जो भी आ रहा है बस अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक कर चलता बन रहा है. कार्यवाही के नाम पर निल बट्टे सन्नाटा. कई नौजवानों को उम्मीरद है कि देर सवेर सरकार जागेगी और उनकी सुनी जाएगी. लेकिन उम्मीमदों को पंख कब लगेंगे इसका कोई अंदाज नहीं.

सोनू जैसे कई नौजवान अपनी कहानियां बताते हुए रो पड़ते हैं. कोई दो साल से तैयारी में लगा है तो कोई तीन साल से. घरों के पुछार और पड़ोसियों के खोबसन से भी ये आजिज हैं. कहते हैं- 'घर वाले पूछते हैं नौकरी में और कितना वक्तक लगेगा? अब उनसे क्या कहें कि यहां तो धांधली हो रही है.' आंदोलन की जगह पर पकौड़े को लेकर भी खूब चर्चा है. छात्र कहते हैं, सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार का ऐलान कर दिया है. पकौड़ा बेचो और जीवन काट दो. ऐसे में एसएससी का घोटाला क्या मायने रखता है.

ssc scam, studentsन खाने को रोटी और न सोने को जगह

खैर, बिना लीडर के चल रहे इस आंदोलन का एक ही मोटिव है, SSC की परीक्षाओं की सीबीआई जांच. इनका आरोप है कि धांधली की वजह से इनका भविष्ये चौपट हो रहा है. अगर एक बार जांच हो गई तो भ्रष्टा चार के कई मगरमच्छा सामने आ जाएंगे. इन आरोपों के साथ ये सवाल भी करते हैं कि आखिर भ्रष्टााचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने का दावा करने वाली सरकार सीबीआई जांच कराने में इतना सोच क्यों रही है. कहीं इस खेल में संत्री से लेकर मंत्री तो नहीं शामिल.

तमाम आरोपों और सवालों के बीच ये आंदोलनकारी नौजवान खुद में भगत सिंह लिए सड़क पर बैठे हैं. और हर बुलंद आवाज के साथ राइजिंग इंडिया की खोखली दीवार को हिला रहे हैं. शायद ये आवाज उस बड़े मंदिर तक भी पहुंच जाए, जो हंगामे और तू-तू, मैं-मैं के शोर से भर गई है. बाकी इन नए भगत सिंह और राजगुरु की आठवीं रात बिना खाने के ही कटेगी. आज इन्हें खाना खिलाने वाला कोई नहीं.

ये भी पढ़ें-

भ्रष्टाचार मिटाने की कड़वी दवा, आखिर क्यों नहीं खोज रही है सरकार ?

मितरों... पकौड़ा विवाद का PNB घोटाले से बहुत पुराना नाता है !

भारत में सबसे वीभत्स थे ये 8 विरोध प्रदर्शन...

लेखक

रणविजय सिंह रणविजय सिंह @ranvijaysinghlive

लेखक आजतक में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय