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Updated: 12 अप्रिल, 2016 08:03 PM
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एकांत की तलाश में अक्सर प्यार करने वाले लोग पार्क, बीच, और मॉल्स में एक दूसरे के साथ दिखाई देते हैं. और ऐसी जगहों पर पुलिस और भारतीय संस्कृति के रक्षक हमेशा उन्हें परेशान करने के लिए तैयार बैठे रहते हैं. आजकल के कपल्स की यही एक प्रॉब्लम है, कि उन्हें एकसाथ समय बिताने के लिए जगह नहीं मिलती. लेकिन प्रेमियों की मुश्किल हल कर रहा है एक स्टार्टअप.

'स्टे अंकल' नाम के इस स्टार्टअप की शुरुआत की 26 साल के संचित सेठी ने. इसकी मदद से कोई भी व्यक्ति दिल्ली एनसीआर और मुंबई के चुनिंदा होटलों में 8-10 घंटे के लिए कमरे बुक करा सकता है. इन कमरों का किराया काफी कम होता है, और ये बाकी होटल के कमरों से ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित हैं.

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फाउंडर संचित का कहना है कि 'भारत में कोई भी ऐसा कानून नहीं है जो अविवाहितों को कमरा किराए से लेने से रोकता हो. अगर आपके पास सरकारी पहचान पत्र है, तो आपको कमरा मिल जाएगा.'

सिर्फ प्रेमी ही नहीं, यात्री भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. खासकर वो लोग जो बहुत कम समय के लिए किसी दूसरे शहर में जाते हैं. शुरुआत में संचित का आइडिया यात्रियों के लिए ही कमरा मुहिया कराना था. लेकिन उनका कहना है कि उनके पास 99 प्रतिशत कॉल्स केवल अविवाहित लोगों की आती हैं, जिन्हें कुछ समय के लिए कमरा चाहिए होता है.

आम तौर पर अगर किसी होटल में 8 घंटे के लिए कमरा लिया जाए तो किराया 1500-5000 तक होता है लेकिन 'स्टे अंकल' के जरिए केवल 1400 से 5000 की कम कीमत पर ही आसानी से कपल्स अपने लिए कमरा रुम ले सकते हैं. इस कंपनी ने दिल्ली एनसीआर और मुंबई के कई होटलों के साथ करार किया हुआ है.

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कई होटल इन कपल्स को रुम देने में झिझकते थे क्योंकि उन्हें पुलिसवालों से परेशानियों का सामना करना पड़ता था. वो आज भी इस कंपनी से लिंकअप करने में झिझकते हैं. 10 में से 2 या तीन ही कंपनी के साथ जुड़ता है क्योंकि उनका मानना है कि ये हमारे देश की सभ्यता के खिलाफ है. फिर भी अब तक दिल्ली के 34 और मुंबई के 10 होटल इस कंपनी से जुड़ चुके हैं. संचित का कहना है कि पिछले3 महीने में उन्होंने करीब 200 लोगों को अपनी सेवाएं दी हैं. ये कंपनी अपने ग्राहकों की निजता और सुरक्षा की गारंटी भी लेता है.

तो भले ही ये सेवा लोगों को देश की संस्कृति का हनन लगे, लेकिन जरूतमंदों से पूछिए तो इसके अलावा और क्या चाहिए.. अब पार्क और समंदर किनारे समय बिताने के दिन गए.

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