साध्वी जया किशोरी की शादी और मां बनने से पहले पति को लेकर ख्वाहिश ध्यान देने लायक है
कई लोगों को यह लगता है कि ये साधू-संत हैं और शादी नहीं करेंगी लेकिन जया किशोरी की मैरिज प्लान (Jaya Kishori Marriage) है. वे शादी भी करना चाहती हैं और बाकी महिलाओं की तरह मां भी बनना चाहती हैं, क्योंकि मां बनना जीवन का सबसे बड़ा सुख है.
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जया किशोरी जिनकी शादी (Jaya Kishori Marriage) और उनके पति (Jaya Kishori husband) के बारे में लोग इंटरनेट पर खूब सर्च करते हैं. जया किशोरी काफी प्रसिद्ध कथावाचक हैं. लोग इनकी खूबसूरती के भी कायल हैं लेकिन इनके शब्दों का असर लोगों पर पानी की तरह होता है.
कई लोगों को यह लगता है कि ये साधू-संत हैं और शादी नहीं करेंगी लेकिन जया किशोरी का मैरिज प्लान भी उन्हीं की तरह है. वे शादी भी करना चाहती हैं और बाकी महिलाओं की तरह मां भी बनना चाहती हैं, क्योंकि मां बनना जीवन का सबसे बड़ा सुख है, लेकिन जैसा वे चाहती हैं अगर वैसा हुआ तो...
'मुझे शादी करनी है मैं कोई साधू संत नहीं हूं'
अपने प्रवचन में हमेशा शादी और रिश्तों के अहमियत को शामिल करने वाली जया किशोरी का कहना है कि वह इंसान जो सिर्फ मेरी अच्छाइयों से नहीं बल्कि मेरी बुराइयों से भी प्यार करे और उसे ठीक करने की कोशिश करे वही मेरा जीवन साथी बन सकता है. बस कोई ऐसा मिलना चाहिए तभी मैं शादी कर सकती हूं. हालांकि जया किशोरी शादी के बाद भी प्रवचन जारी रखेंगी.
कई लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों को अपनी जिंदगी में उनके हिसाब से स्थान देते हैं. अगर समाने वाला व्यक्ति उनके हिसाब से काम नहीं करता तो उन्हें बुरा महसूस होता है, गुस्सा आता है. जया किशोरी की शादी की खबर ऐसे लोगों के लिए भी यही विषय है. ऐसे लोगों जया किशोरी को शायद शादी के बंधन में देखना पसंद ना करें लेकिन उन्हें अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने का पूरा हक है. आपकी उनके प्रति श्रद्धा है तो उसे कायम रखिए लेकिन याद रखिए कि वो संत नहीं हैं जो शादी नहीं कर सकतीं.
शादी जैसे फैसले के बारे में जया किशोरी का कहना है कि जो व्यक्ति यह फैसला जल्दीबाजी में लेता है उसका रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिक पाता है. रिश्ता टूटने का प्रमुख कारण यह है कि लोग एक-दूसरे को समझ नहीं पाते हैं. जया किशोरी का मानना है कि शादी का फैसला सिर्फ दिल से नहीं बल्कि दिमाग से भी लेना चाहिए.
असल में हम किसी और की शादी को देखकर अपनी शादी का अंदाजा नहीं लगा सकते. हमारे देश में तो ज्यादातर लोग शादी या तो दिल से करते हैं या फिर दिमाग से...दिल और दिमाग का मिश्रण बहुत कम देखने को मिलता है.
इस बारे में जया किशोरी कहती हैं कि शादी ऐसी चीज है जहां किसी भी तरह की कोई बदली नहीं चल सकती है. यानी ऐसा नहीं हो सकता कि आपकी जगह कोई दूसरा इंसान शादी कर ले. जिस तरह से स्वर्ग को देखने के लिए खुद मरना पड़ा है उसी तरह व्यक्ति को भी खुद शादी करनी पड़ती है.
शादी जैसा महत्वूपर्ण फैसला लेने से पहले लड़का-लड़की को एक दूसरे से जरूर मिलना चाहिए. चाहें लव मैरिज हो या फिर अरेंज मैरिज, क्योंकि जब तक आप एक-दूसरे से मिलेंगे नहीं तो जानेंगे कैसे. बिना किसी को जाने-पहचाने शादी कितने सालों तक चलेगी यह कैसे कहा जाए. इस जमाने में शादी के लिए एक-दूसरे को जानना बेहद जरूरी है.
अब देखना होगा कि अपने प्रवचनों में शादी जैसे विषय पर भक्तों का मार्कदर्शन करने वाली यंग साध्वी जया किशोरी का जीवन साथी कौन बनेगा. जो भी हो जोड़ों को एक-दूसरे पर विश्वास करना बेदह जरूरी है. ज्यादातर लोग अपने पार्टनर पर शक करते हैं जिस वदह से उनके रिश्ते में दूरी बनने लगती है. दूसरी बात खूबी के साथ कमी को अपनाना जो इंसान की आदत में है ही नहीं, लेकिन जब रिश्ते को मजबूत बनाना है और जिंदगी भर का साथ पाना है तो जया किशोरी की कही इस बात पर गौर फरमाना होगा, ताकि जीवन खुशहाल बना रहे.

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