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Updated: 02 जनवरी, 2018 07:26 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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नेताओं के बिगड़ते बोल तो आप आए दिन सुनते रहते होंगे. कभी ये बयान लड़कियों की आजादी को ठेस पहुंचाने वाले होते हैं तो कभी हिंदू-मुस्लिम की भावनाओं को आहत करते हैं. दरअसल, नेताओं के ये बयान देश को गर्त में धकेल रहे हैं, जिस पर अभी अंकुश लगाना होगा. भाजपा के एक नेता ने नए साल पर ऐसा बयान दिया है, जो उनकी समझ पर एक सवालिया चिन्ह खड़ा करता है. नया साल आते ही राजस्थान के अलवर से भाजपा विधायक लाल सिंघल ने हिंदुओं के कम बच्चे पैदा करने और मुस्लिमों के अधिक बच्चे पैदा करने को लेकर विवादित बयान दिया. इससे पहले हिंदू जागरण मंच के नेता अज्जू चौहान तो यहां तक कह चुके हैं कि हिंदुओं को 4 बच्चे पैदा करने चाहिए.

आए दिन हिंदू-मुस्लिम आबादी पर नेताओं के विवादित बयानों से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सिर्फ बच्चे पैदा कर देना ही काफी है या उनके भविष्य के बारे में भी सोचना जरूरी है? क्या अपने भविष्य को लेकर भी सजग रहने की जरूरत है? क्या इंसानियत पर खतरों के बादल छाने से पहले संभलने की जरूरत है? आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे आंकड़े, जिन्हें जानने के बाद, हिंदू हो या मुस्लिम, ज्यादा बच्चे पैदा करने का ख्याल दिलो-दिमाग से निकाल देगा.

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30 साल बाद ये हो जाएगी हालत

2011 के आंकड़ों के मुताबिक भारत की आबादी 121 करोड़ थी. एक अनुमान के अनुसार मौजूदा समय में भारत की आबादी करीब 129 करोड़ है. माना जा रहा है कि इसी दर से आबादी बढ़ती रही तो 2050 तक यह 180 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी. जनाब ये तो आंकड़ा अभी सिर्फ 32 साल बाद तक का है. अगर इसी हिसाब से आने वाले 50 सालों का अंदाजा लगाया जाए तो भारत की आबादी 2070 तक करीब 215-220 करोड़ तक हो जाएगी, यानी लगभग दोगुनी. सड़कों पर जाम, बस और ट्रेन में भीड़ को देखकर यह तो साफ कहा जा सकता है कि ऐसी स्थिति होने पर चलना भी दूभर हो जाएगा.

...तो 25 गुना हो जाएगी आबादी

अगर 2001 से 2011 तक के जनगणना आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो इस दौरान हिंदुओं की आबादी 1.4 फीसदी की दर से बढ़ी है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 2.2 फीसदी की दर से. अगर इसी दर से आबादी बढ़ती रही तो करीब 200 साल बाद भारत में हिंदू और मुस्लिम आबादी एक बराबर हो जाएगी. आपको बता दें कि तब भारत की कुल आबादी 3,264 करोड़ हो जाएगी. अभी भारत की आबादी करीब 129 करोड़ है यानी जब तक हिंदु-मुस्लिम आबादी एक बराबर होगी, तब तक तो देश की आबादी 25 गुना बढ़ चुकी होगी. ये आंकड़े उन बड़बोले नेताओं के मुंह पर कराया तमाचा हैं, जो आए दिन यही कहते हैं कि मुस्लिम तेजी से जनसंख्या बढ़ा रहे हैं तो हिंदुओं को भी अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए. सोचिए अभी तो मौजूदा दर से जनसंख्या बढ़ने पर ये हाल है, अगर ये दर बढ़ जाती है तो आंकड़ों की कल्पना भी डराने वाली होगी.

200 साल बाद खुश होंगे या दुखी?

भले ही कोई हिंदू हो या मुस्लिम, 200 साल बाद जब दोनों की आबादी एक दूसरे के बराबर हो जाएगी तो क्या मुस्लिम खुश होंगे और हिंदू दुखी? नहीं... दरअसल दोनों को ही तब सिर्फ दुख होगा. इतनी बड़ी आबादी रहेगी कहां? अगर पूरी जमीन पर लोग ही रहेंगे तो फसल कहां उगेगी और खाएंगे क्या? सड़कों पर अभी गाड़ियों से जाम लग जाते हैं तो फिर 200 साल कितनी गाड़ियां होंगी, इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती. अगर थोड़ा गंभीर होकर सोचा जाए तो तेजी से बढ़ रही आबादी हिंदू या मुस्लिम के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए खतरा है.

अगर देखा जाए तो इस समस्या से अगर अभी नहीं निपटा गया तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे. सरकार को चाहिए कि वह बढ़ती आबादी से निपटने के लिए कोई सख्त नीति लाए, ना कि सिर्फ अपने बढ़ते वोट बैंक को देखकर जश्न मनाए. साथ ही, हिंदुओं या मुस्लिमों को लेकर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. अगर इन बड़बोले नेताओं की बातों में लोग आ जाते हैं तो इसका परिणाम पूरे देश को भुगतना होगा.

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