16 करोड़ रु का इंजेक्शन! दुनिया की सबसे महंगी दवा खरीदने के प्रयास का हिस्सा बन गए मोदी
जोलगेनेस्मा (Zolgensma) दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है. जिसे खरीदने में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी हिस्सा बन गए हैं. किसी भी आम इंसान के लिए इस इंजेक्शन को खरीदना शायद मुमकिन नहीं है.
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जोलगेनेस्मा (Zolgensma) दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है. जिसे खरीदने में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी हिस्सा बन गए हैं. किसी भी आम इंसान के लिए इस इंजेक्शन को खरीदना शायद मुमकिन नहीं है. एक इंजेक्शन की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू, 16 करोड़. एक नॉर्मल लाइफ जीने वाले लोग बस अपने हाथ पर इसकी गिनती कर सकते हैं. लेकिन अगर यह 16 करोड़ किसी की जिंदगी के लम्हों की कीमत हो तो?
ऐसे तो हम अपनी सारी दौलत देकर भी जिंदगी का एक पल नहीं खरीद सकते, लेकिन अगर हमारे हांथ में ऐसा कर पाना संभव हो तो? दरअसल, पीएम मोदी ने यह कदम तीरा कामत (Teera Kamat) के इलाज के लिए उठाया है. तीरा पांच महीने की एक नन्ही बच्ची है जो स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी नामक बीमारी से पीड़ित है. इस बीमारी में बॉडी में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता है. जिसकी वजह से मांसपेशियां और तंत्रिकाएं खत्म होने लगती हैं.
दूध पीने से तीरा का दम घुटने लगता है
तीरा का इलाज सिर्फ Zolgensma इंजेक्शन से ही संभव है. जिसे अमेरिका से मंगाया जाता है. यह दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है जिसकी कीमत लगभग 16 करोड़ रूपए हैं. वहीं जब इस पर टैक्स लग जाता है तो इसकी कीमत करीब 22.5 करोड़ रूपए हो जाता है. अब आप ही सोचिए एक आम इंसान के लिए इतने रूपए का इंतजाम करना क्या आसान होगा?
लेकिन तीरा के माता-पिता को अब लग रहा है कि उनकी बेटी का इलाज हो जाएगा, क्योंकि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी. जिसके बाद पीएम मोदी ने टैक्स माफ कर दिया. इस तरह पीएम मोदी Zolgensma इंजेक्शन खरीदने के प्रयास में हिस्सा बन गए.
बच्ची को समय रहते इंजेक्शन ना लगने पर वह ज्यादा से ज्यादा 13 महीने तक जिंदा रहती. तीरा के एक फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया था. जिसके बाद उसे मुंबई के SRCC चिल्ड्रन हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर रखा गया था.
तीरा के पिता मिहिर IT कंपनी में जॉब करते हैं और मां प्रियंका फ्रीलांस इलेस्ट्रेटर हैं. ऐसे में उनके लिए भी इस इंजेक्शन को खरीदना आसान नहीं था. उन्होंने इस मुश्किल का हल निकालने के लिए सोशल मीडिया पर एक पेज बनाया और क्राउड फंडिंग शुरू कर दी. इसका उन्हें लाभ मिला और करीब 16 करोड़ रूपए का जुगाड़ भी हो गया. वहीं पीएम मोदी के टैक्स माफ करने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही इंजेक्शन खरीदा जा सकेगा, जिससे तीरा का इलाज संभव हो पाएगा.
तीरा की बीमारी का कैसे पता चला
तीरा के पिता के अनुसार, उसका जन्म अस्पताल में हुआ था. जब वह घर आई तो सब ठीक था लेकिन फिर दूध पीने के समय भी उसका दम घुटने लगता. उसके बॉडी में पानी की कमी होने लगी. एक बार ऐसा हुआ ही कुछ समय के लिए उसकी सांसें थम गईं. वहीं पोलियो पिलाने के समय भी उसकी सांस रूक जाती. न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाने के बाद इस बीमारी का पता चला.
इस बीमारी में दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी धीरे-धीरे कम होती जाती है. इस वजह से सांस लेने और भोजन चबाने में भी परेशानी होने लगती है. यह बीमारी कई तरह की होती है, जिसमें SMA Type 1 को सबसे गंभीर माना गया है.
Zolgensma का इंजेक्शन मंहगा क्यों है
Zolgensma दुनिया की सबसे महंगी दवा इसलिए है क्योंकि यह उस जीन की जगह इस्तेमाल किया जाता है जो SMN प्रोटीन बनाने का काम करता है. यह इंजेक्शन अमेरिका, जर्मनी, ब्राजील या जापान जैसे देशों में ही मिलता है. Zolgensma के लिए ब्रिटेन भी इन्हीं देशों पर आश्रित है. यह बीमारी ज्यादातर बच्चों में पाई जाती है. SMA पीड़ित बच्चे को एक ही बार यह दवा दी जाती है. बॉडी के अंदर जाने के बाद यह दवाई एसएमएन प्रोटीन बनाना शुरू कर देती है.
मोटर न्यूरॉन्स-तंत्रिका कोशिकाओं के नुकसान को रोकने का काम करता है. साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है. इस इंजेक्शन का निर्माण करने वाली कंपनी ने बताया कि इन्हीं कारणों से इसकी कीमत इतनी ज्यादा है. वहीं दूसरे नंबर पर 7.3 करोड़ की ग्लिबेरा थैरेपी और तीसरे नंबर पर लक्सटुर्ना इंजेक्शन है जिसकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपए है.
इन दवाइयों की कीमत सुनकर ऐसा लगता है कि जिनके पास पैसे न हों वो तो बिना इलाज करवाए ही ये दुनिया छोड़ जाएंगे. ऐसे में क्राउड फंडिंग और पीएमओ का ही सहारा है. पीएम मोदी ने तीरा के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इंजेक्शन पर टैक्स माफ कर उसके घरवालों को बड़ी राहत दी है.
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