पाकिस्तान की हकीकत से दूर पेशावर अटैक पर एक गीत
पेशावर आर्मी स्कूल पर हुए हमले के एक बरस बाद एक वीडियो जारी किया गया है. ये वीडियो पेशावर की यादें ताजा कर खून में उबाल तो ला सकता है पर पाकिस्तान की हकीकत को नहीं बदल सकता.
-
Total Shares
''वो जिस बचपन में थोड़ा और जीना था, वो जिसने मां तुम्हारा ख्वाब छीना था, मुझे मां उससे बदला लेने जाना है, मुझे दुश्मन के बच्चों को पढ़ाना है.''
ये बोल हैं पाकिस्तान के बच्चों के, जो आज 'पेशावर कांड' की पहली बरसी पर ये गीत गा रहे हैं. 16 दिसंबर भारत ही नहीं पाकिस्तान के लिए भी एक मनहूस तारीख थी. पेशावर पाकिस्तान के आर्मी पब्लिक स्कूल में तालिबानी आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर 141 लोगों की जान ले ली. इनमें 132 स्कूली बच्चे थे. पाकिस्तान में होने वाला ये अब तक का सबसे भयानक आतंकवादी हमला था.
कुछ ख्वाब बिखरे, कुछ दिए बुझे, पर खुद को संभालने की कोशिश में, घटना के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान आर्मी की एक इकाई इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बहुत ही भावुक कर देने वाला वीडियो जारी किया था. जिसमें बच्चों द्वारा गाया गया था 'बड़ा दुशमन बना फिरता है जो बच्चों से डरता है'. इस गीत ने पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया को भावुक कर दिया था.
आज इस घटना को एक साल हो गया. लोग दिलों में दर्द संजोए, धीरे-धीरे सामान्य होने की कोशिश कर रहे हैं. एक बार फिर एक जबरदस्त संदेश के साथ लोगों की हिम्मत को ISPR ने बढ़ाने की कोशिश की और पिछले वीडियो का सीक्वल रिलीज किया. इस वीडियो में बच्चे गा हे हैं 'मुझे मां उससे बदला लेने जाना है, मुझे दुशमन के बच्चों को पढ़ाना है'.
ये घटना जिसमें सैकड़ों मासूमों को निशाना बनाया गया, ये दुनिया के इतिहास में दर्ज निर्मम घटनाओं में से एक है. पाकिस्तान ने इस घटना को एक बरस होने होने से पहले ही इस अपराध के चार दोषियों को फांसी दे दी और फिर बदला लेने की बात कहने वाला ये वीडियो जारी किया. भले ही ये वीडियो भावुक करता है, लेकिन हकीकत इससे अलग है. पाकिस्तान में ISPR भी है और ISI भी. भारत में आतंक फैलाने का जिम्मा ISI के सिर होता है. वहां की आर्मी और ये आतंकवादी संगठन निरंकुश हैं. मदरसों में भी नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है. ऐसे में ये वीडियो पेशावर की यादें ताजा कर खून में उबाल तो ला सकता है पर पाकिस्तान की हकीकत को नहीं बदल सकता.

आपकी राय