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Updated: 17 मार्च, 2019 07:16 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां झूठ शायद सियासत करने वाले हर व्यक्ति की मुंह पर होता है. जहां किसी भी तरह से जुर्म को छुपाने के लिए ढोंग किया जाता है और फिर नारे लगाए जाते हैं 'पाकिस्तान जिंदाबाद'. इमरान खान सरकार के मंत्रियों और खुद 'नया पाकिस्तान' का दावा करने वाले इमरान खान ने कई बार ये कहा है कि उनके देश में अब अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाती है और हिंदुस्तान से बेहतर स्थिति में अल्पसंख्यक उनके देश में रहते हैं. यहां तक कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद कई पाकिस्तानी मंत्रियों ने ये कहा था कि उनके यहां अल्पसंख्यकों को अच्छी तरह रखा जाता है तभी अल्पसंख्यकों द्वारा हमले नहीं होते. पर असल बात तो ये है कि पाकिस्तानी या यूं कहें कि नई पाकिस्तानी सरकार का ये दावा भी उतना ही खोखला है जितना पाकिस्तान का आतंकवाद को खत्म करने का दावा है.

पाकिस्तान में हाल ही में एक ऐसा किस्सा सामने आया है जिसके बारे में सुनकर भी रूह कांप उठेगी! अल्पसंख्यकों की ये हालत कि महिलाओं को जबरन उठवा लिया जाता है. उनका रेप किया जाता है, उनसे निकाह किया जाता है, उन्हें पीटा जाता है और बोला जाता है कि उन्हें मुस्लिम बनना होगा. उनके पति और बच्चों पर हमले होते हैं और उन्हें सिर छुपाने की जगह भी नहीं मिलती. ये पाकिस्तान के इतिहास के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन नए पाकिस्तान का दावा करने वाले इमरान खान की पोल खोलने के लिए काफी है. 1947 से लेकर अब तक पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन ये ताजा मामला बताता है कि चाहें कुछ भी हो जाए पाकिस्तान नहीं बदल सकता. 

यही किस्सा है साइमा इकबाल का. 35 साल की साइमा पाकिस्तानी ईसाई हैं. ये तीन बच्चों की मां हैं और इनके साथ जो हुआ वो किसी की भी आंखों में आंसू ला सकता है. साइमा को 25 फरवरी को अगवा कर लिया गया और जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए विवश किया गया.

बार बार रेप करने के बाद निकाह किया, पुलिस ने आत्मदाह की धमकी के बाद लिखी रिपोर्ट..

साइमा को जिसने अगवा किया था उसका नाम है मोहम्मद खालिद साती. 25 फरवरी को अगवा करने के बाद साइमा को जबरन इस्लाम कबूल करवाया. साइमा को धमकी दी गई कि उसके परिवार को मार दिया जाएगा. साइमा को बेरहमी से पीटा गया और कई बार उसके साथ रेप किया गया. फिर जबरन साइमा के साथ निकाह किया गया और तब तक पुलिस को होश नहीं आया.

साइमा के पति नावेद इकबाल एक कॉल सेंटर में काम करते हैं और नाइट शिफ्ट होने के कारण उन्हें 26 फरवरी को पता चला कि उनकी पत्नी को अगवा कर लिया गया. नावेद ने उसी समय पुलिस में जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि 1 मार्च तक कोई रिपोर्ट ही नहीं दर्ज की गई. पुलिस ने रिपोर्ट तब लिखी जब नावेद ने आत्मदाह की धमकी दी.

साइमा के पति नावेद का बयान भी यही है कि उन्हें सुरक्षा नहीं महसूस हो रही है और वो बेहद बुरे हालात में हैं.

आरोपी को 5 मार्च को गिरफ्तार किया गया और उसी दिन नावेद की पत्नी साइमा को भी ढूंढा जा सका, लेकिन तब नावेद के पैरों तले जमीन खिसक गई जब पुलिस ने आरोपी का साथ दिया.

'तुम्हारी पत्नी अब मुस्लिम है और उसका निकाह हो गया है' : पुलिस..

नावेद को पुलिस ने कुछ और ही कहानी कही और बोला कि साइमा का निकाह हो गया है. अब वो मुसलमान है और उसके धर्मपरिवर्तन और निकाह के दस्तावेज भी हैं. नावेद के अपनी पत्नी से वापस मिलने के सारे अरमानों पर पुलिस ने ही पानी फेर दिया था. नावेद के मुताबिक सभी दस्तावेज नकली हैं क्योंकि शादी के सर्टिफिकेट में काज़ी के साइन ही नहीं हैं.

अपने तीन बच्चों के साथ साइमाअपने तीन बच्चों के साथ साइमा

इकबाल दंपती के तीन बच्चे हैं. कमर (13 साल), दानिश (8 साल) और माइकल (4 साल). पुलिस अभी भी आरोपी का साथ ही दे रही है और बतौर साइमा पुलिस के सामने ही खालिद ने साइमा को धमकी दी है कि अगर उसके रिपोर्ट वापस नहीं ली तो उसके परिवार को भुगतना पड़ेगा. नावेद ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक ऑर्गेनाइजेशन से अपील की है कि उनकी मदद की जाए.

साइमा के साथ जो हुआ उसे इस वीडियो में सुना जा सकता है. जिस तरह से साइमा अपनी आप-बीती बता रही थीं उससे पता चलता है कि वो कितनी मुसीबत में हैं.

नावेद और साइमा के साथ जो हुआ वो पाकिस्तान की ऐसी सच्चाई है जिसे नकारने का काम पाकिस्तान की तरफ से कई बार किया गया है, लेकिन कभी अपने यहां होने वाली इन हरकतों को खुल कर नहीं माना.

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां हॉनर किलिंग, ईशनिंदा, जबरन धर्म परिवर्तन के लिए कोई सख्त कानून नहीं है और मुजरिम आसानी से बचकर भाग निकलता है. न जाने ऐसे कितने ही लोग हैं पाकिस्तान में जो इस तरह की समस्याओं से आए दिन दो चार हो रहे हैं.

साइमा और नावेद की कहानी सुनकर भी शायद पाकिस्तानी आलाकमान का दिल नहीं पसीजेगा. साइमा जिस तरह रो रोकर कह रही हैं कि उनके शरीर के घाव पुलिस को नहीं दिख रहे, उनके बच्चों की शक्लों पर तरस नहीं आ रहा और जिस तरह उनके परिवार को सिर छुपाने की जगह के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है वो इंसानियत तो नहीं है.

तीन बच्चों की मां के साथ ऐसी हरकत होना किसी भी देश के लिए शर्मिंदगी की बात होगी, लेकिन पाकिस्तान पुलिस और मीडिया का ये बर्ताव देखकर लगता है कि उन्हें कोई चिंता ही नहीं.

साइमा और इकबाल की सुनवाई तो होने वाली है. कोर्ट ने 19 मार्च की तारीख भी दे दी है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह का कोई प्रोटेक्शन नहीं मिला है. पाकिस्तानी आलाकमान को खुद अपने देश के अंदर झांक कर देखना चाहिए कि असल में उनके देश में क्या चल रहा है. ये किसी दूर दराज के इलाके की घटना नहीं है. ये इस्लामाबाद के न्यू इकबाल टाउन की घटना है. ये पाकिस्तान की राजधानी की घटना है, लेकिन शायद अभी भी इमरान खान यही कहेंगे कि उनके देश में अल्पसंख्यकों को बेहद अच्छी स्थिति में रखा जाता है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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