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Updated: 27 अक्टूबर, 2021 05:09 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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टी20 विश्व कप (t20 world cup) में पाकिस्तान के हाथों भारत की हार के बाद मोहम्मद शमी को ट्रोल किये जाने का मामला दिलचस्‍प होता चला गया. पहले लगा कि ये हिंदूू-‍मुस्लिम टकराव का मामला है. फिर पता चला कि पाकिस्तान से कुछ फेक मीडिया हैंडल ने शमी को अपशब्‍द कहने शुरू किए, और फिर ये मामला देखते ही देखते शमी का समर्थन करने वालों के कारण बहस में बदल गया. इतना ही नहीं, कई सेलिब्रि‍टी ने इन ट्रोल्‍स को कोई बड़ी हस्‍ती मानकर सोशल मीडिया पर शमी के पक्ष में बयान जारी करने शुरू कर दिए. लेकिन, इस पूरी भूमिका में मीडिया की भूमिका भी चौंकाने वाली रही. उसने फेक आई और गुमनाम ट्रोल्स को जितनी तवज्जो दी, उतना इस विषय पर ध्‍यान नहीं दिया कि कैसे कुछ लोगों ने पा‍किस्‍तान की जीत पर जश्‍न मनाया, और पटाखे फोड़े.

शमी को ट्रोल करने वाले सोशल मीडिया हैंडल्‍स का ब्‍यौरा बहुत ही हास्‍यास्‍पद है. जैसे, hvoeikdpo12345, इसने अपनी प्रोफाइल पर लॉक लगा रखा है. ये ऐसे लोग हैं जो कुछ ऐसी घटनाएं होने का इंतजार करते हैं ताकि वे हिंदू-मुस्लिम के घिसे-पिटे किस्से को भूना सकें. अब असल में उनका नाम क्या और उनका धर्म क्या है किसी को नहीं पता लेकिन हकीकत जानते हुए भी हम तो आंखें बंद कर उनके सोशल मीडिया वाली प्रोफाइल पर ही यकीन कर बात का बतंगड़ बना देते हैं.

india vs pakistan, mohammed shami, mohammed shami instagram, mohammed shami pakistan abuse, mohammed shami hate, india cricket team news एक तरफ आतिशबाजी की गई तो दूसरी तरफ शमी को कोसा गया

दूसरी तरफ भारत के कई जगहों पर पाकिस्तान की जीत पर पटाखे फोड़े गए. इस तरफ किसी की ध्यान क्यों नहीं गया? क्या ये बर्दाश्त करने वाली बात है या फिर इतना तो चलता है वाली बात है, क्योंकि हम सदियों से ही सहिष्णु है?

पटाखे जलाने वाली बात पर लोगों ने यह सफाई दी कि वो तो करवा चौथ की रात का जश्न था. वो तो किसी के घर शादी हो रही थी. कौन से लोग हैं जो रात के 11.30 या 12 बजे करवा चौथ पर पटाखे जलाकर चांद दिखने का जश्न मना रहे थे और अक्टूबर में शादी का कोई शुभ मुहूर्त ही नहीं है. हमारे ध्यान में तो ऐसा पहली बार हुआ है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि गूगल पर राशि, पंचाग सर्च करने के बाद ही बता रहे हैं.

अब मसला यह है कि ना तो सभी मुस्लिमों ने पटाखे फोड़े और ना ही सभी हिंदुओं ने शमी को ट्रोल किया तो फिर बहस का मुद्दा एक तरफा क्यों है? असल में जिन लोगों ने शमी को ट्रोल किया वे यही तो चाहते थे, लेकिन अब जो पढ़े-लिखे समझदार लोग हैं वे इस बात को ट्रेंड बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर ट्रेंड बनाना आज के समय में कोई बड़ी बात नहीं है. दो चार लोगों ने शाम को ट्वीट किया और किसी बड़े सेलिब्रेटी को टैग किया...देखते ही देखते सुबह तक उस नाम का हैशटैग बन जाता है.

दरअसल, पाकिस्तान के खिलाफ मैच हारने बाद सोशल मीडिया पर मोहम्मद शमी जमकर ट्रोल हुए थे. जिसके बाद सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट कर उनका बचाव किया. सचिन ने लिखा कि ‘जब हम भारतीय का समर्थन करते हैं तो हम हर उस खिलाड़ी का सपोर्ट करते हैं जो भारत का प्रतिनिधत्वि करता है, शमी एक शानदार गेंदबाज हैं, किसी भी खिलाड़ी की तरह उनका भी एक दिन खराब हो सकता है, मैं मोहम्मद शमी और टीम इंडिया का समर्थन करता हूं.’

जिन लोगों ने भी हमारे शानदार खिलाड़ी मोहम्मद शमी को आप्पतिजनक शब्द कहे उन्होंने गलत किया तो जिन लोगों ने भारत की हार  पर पटाखे फोड़े वे सही कैसे हो सकते हैं? आखिर वे कौन लोग हैं जो गलत नैरेटिव बनाकर अपनी साजिश को कामयाब करना चाहते हैं? 

दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पाकिस्तानी टीम के एकतरफा जीत के बाद कुछ भारत के कुछ इलाकों में आतिशबाजी की गई. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया कि ‘जब भारत में पटाखे बैन हैं तो ये आखिर आए कहां से? दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध हैं लेकिन पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के लिए पटाखे थे. अच्छा वो पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे होंगे, तो दीपावली पर पटाखों में क्या हर्ज है? पाखंड क्यों, सारा ज्ञान तब ही याद आता है’.

एक ओर विराट कोहली ने तो पाकिस्तान के खिलाड़ियों को गले लगाकर खुद को सुरक्षित कर लिया और फंस गए मोहम्मद शमी जबकि उनकी कोई गलती नहीं है, वो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. उनके लाखों फैंन हैं, इस बात सबूत भी सोशल मीडिया ही है जहां लोग मो. शमी का खुलकर समर्थन कर रहे हैं और उनके साथ हुए शर्मनाक व्यहार का विरोध कर रहे हैं. लाखों फैन उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्यार जता रहे हैं. वहीं पटाखे फोड़ने वाले अब किसी दूसरे प्लानिंग में लग गए होंगे. इनकी इस हरकत से एक बात तो साफ है कि वे हमें चिढ़ाना चाहते हैं.

आप यह उदाहरण ही ले लीजिए-

राजस्थान के उदयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की शिक्षिका नफीसा अटारी को ही ले लीजिए. जिन्होंने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर खुशी में व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरों के साथ 'वी वोन' का जिक्र किया था. एक अभिभावक के जब उनसे पूछा कि क्या आप पाकिस्तान की समर्थक हैं तो उनका जवाब हां था. जब शिक्षिका के स्टेटस का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ तो स्कूल प्रबंधन ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया. सोचिए जब एक शिक्षकी सोच ऐसी होगी तो वह बच्चों को क्या सिखाएंगी?

दूसरी बात यह है कि दिवाली पर पटाखे बैन हैं लेकिन भारत की हार पर उपलब्ध हैं. जब पटाखे बेचने ही नहीं है तो दुकानों में सप्लाई कहां से होती है? क्या ऐसे लोग पटाखे पहले से खरीद कर लाते हैं लेकिन जब पाकिस्तान हार जाता है तो फिर उनका क्या करते होंगे?

मो. शमी को ट्रोल करने वाले को जो चाहिए था वो मसाला उनको मिल चुका है लेकिन उन कुछ लोगों का क्या जो हर बार पाकिस्तान की जीत पर भारत में पटाखे फोड़ते रहेंगे?

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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