New

होम -> समाज

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 28 अक्टूबर, 2018 02:00 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

अक्सर ऐसा होता आया है कि पाकिस्तान को वो काम जरूर करना होता है जो भारत ने किया होता है. अब इसे आदत कह लीजिए या फिर विकास का नाम देकर पल्ला झाड़ लीजिए लेकिन होता तो यही आया है. भारत अगर न्यूक्लियर पावर बना तो पाकिस्तान ने भी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया न्यूक्लियर पावर बनने के लिए. भारत की तरफ से अगर किसी मुद्दे पर बात की गई तो उसपर पाकिस्तान का पलटवार जरूर हुआ है. अब एक बार फिर कुछ ऐसा होने जा रहा है जो 34 साल पहले भारत कर चुका है और पाकिस्तान एक बार फिर कर रहा है.

पाकिस्तान की तरफ से 2022 में चीन की मदद से पहला पाकिस्तानी नागरिक अंतरिक्ष में जाएगा. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में ये फैसला लिया गया और इसके बारे में जानकारी दी पाकिस्तानी इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर फवाद चौधरी ने. गौरतलब है कि 3 नवंबर से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के अपने दौरे पर जाएंगे और उसके पहले ये फैसला सुनना जरूरी समझा गया.

पाकिस्तान, अंतरिक्ष, अंतरिक्ष यात्री, सोशल मीडियाजहां भारत ने 1984 में रशिया की मदद से ये काम किया था पाकिस्तान वही 2022 में चीन की मदद से करेगा.

पाकिस्तानी अंतरिक्ष एजेंसी पाकिस्तान स्पेस एंड अपर एट्मॉस्फियर रिसर्च कमीशन (SUPARCO) और चीन की एक कंपनी के बीच ये समझौता हुआ है. अहम बात ये है कि ये 2022 को होने वाला है और यही वो साल है जब भारत की तरफ से अपना खुद का पहला मानव स्पेस मिशन लॉन्च करने वाला है. वैसे तो भारत की तरफ से राकेश शर्मा पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन चुके हैं, लेकिन वो भी सोवियत यूनियन (रशिया) के मिशन के कारण अंतरिक्ष में गए थे और 8 दिन वहां रहकर आए थे. उस समय भारत और रशिया के बीच एक संधि हुई थी जिसमें राकेश शर्मा को भारत की तरफ से अंतरिक्ष यात्री बनाया गया था. इस मिशन के लिए सोवियत यूनियन का Soyuz T-11 रॉकेट इस्तेमाल किया गया था और राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में जाकर बायोमेडिसिन और रिमोट सेंसिंग पर काम किया था.

जिस तरह भारत ने रशिया की मदद से अपना पहला अंतरिक्ष यात्री पाया था शायद उसी तरह पाकिस्तान अब चीन की मदद ले रहा है. पर ध्यान रहे कि जिस वक्त पाकिस्तान ऐसा करने जा रहा है उसी साल भारत बिना किसी अन्य देश की मदद के अपना पहला अंतरिक्ष मानव मिशन पूरा करने जा रहा है. ऐसा करने पर भारत चौथा ऐसा देश बन जाएगा जो अंतरिक्ष में अपने बल पर यात्री भेज पाएगा. नरेंद्र मोदी ने ये घोषणा 72वें स्वतंत्रता दिवस के दिन की थी.

पाकिस्तान और चीन के पहले ही बहुत गहरे संबंध हैं और चीनी मिलिट्री हार्डवेयर का सबसे बड़ा खरीददार इस्लामाबाद ही है. यहां तक कि पाकिस्तान ने इसके पहले जो सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च किए हैं उनके लिए भी चीनी लॉन्च वेहिकल का इस्तेमाल किया गया है. ये सैटेलाइट पहले चाइना भेजे गए थे फिर चीनी रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजे गए थे. क्योंकि पाकिस्तान के पास अभी अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने लायक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है.

चीन की तरफ से पहला अंतरिक्ष यात्री मिशन 2003 में लॉन्च किया गया था और चीन ऐसा तीसरा देश है जिसने ये किया था. अब चौथा भारत होगा.

भारत से 34 साल बाद पाकिस्तान ये काम करेगा, लेकिन भारत तो अब इस मामले में इतना आगे बढ़ गया है कि पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा पर बायोपिक बनाने की तैयारी में है. राकेश शर्मा पर बनने वाली बायोपिक 'सारे जहां से अच्छा' का प्रोडक्शन 2019 में शुरू हो सकता है और बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के अनुसार इसमें शाहरुख खान अहम किरदार निभाएंगे. इसे सिद्धार्थ रॉय कपूर और रॉनी स्क्रूवाला एक साथ प्रोड्यूस कर सकते हैं.

जहां एक ओर भारत 2022 तक खुद इतना सक्षम होगा कि वो खुद का मिशन पूरा कर सके वहीं पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ एक ऐसा मिशन पूरा होगा जहां वो किसी पाकिस्तानी नागरिक को अंतरिक्ष भेज पाए. भारत अपना 100वां सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुका है और पाकिस्तान ने दो सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे हैं वो भी चीन की मदद से. एक तरफ पाकिस्तान की माली हालत को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और दूसरी तरफ पाकिस्तान की तरफ से ये ऐलान थोड़ा पेचीदा लगता है.

ये भी पढ़ें-

अंतरिक्ष में हमारे 100 सैटेलाइट तो बाकी देशों के कितने?

मानव अंतरिक्ष मिशन की ओर इसरो की जोरदार छलांग

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय