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Updated: 03 जनवरी, 2020 06:13 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक मैसेंजर तक तो प्रेमी प्रेमिका के बीच सब ठीक रहता है मगर दिक्कत तब है जब बात मुलाकात की आती है. हम चाहे कितने भी लिबरल और मॉडर्न क्यों न हों, लेकिन जब बात प्यार करने वालों की आएगी तो उनका प्राइवेट स्पेस हमें दिक्कत देगा. हम कल्चर की दुहाई देंगे और कहेंगे कि हमारी संस्कृति का हनन किया जा रहा है. उसे तार तार किया जा रहा है. मजेदार बात ये है कि प्यार में डूबे लव बर्ड्स पार्क जाए तो वहां दिक्कत. इसी तरह मॉल और मल्टीप्लेक्स में भी उसे तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. प्रेमी-प्रेमिका को एक दूसरे से मुलाकात भी करनी है और उन्हें इस जालिम समाज से भी बचना है. क्या किया जाए? विकल्प बचता है होटल. मगर उस कपल का, जिसे समाज 'अविवाहित' कहता है. क्या उनका होटल में मुलाकात करना सही है? क्या हमारा समाज इसकी इजाजत दे देता है ? क्या होटल में एक कपल को दुश्वारियों का सामना नहीं करना पड़ता ? इन सारे ही सवालों का जवाब है नहीं. ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि प्यार में डूबे लव बर्ड्स को होटल जाकर सुकून मिल जाता है. वहां की चुनौतियां दूसरी हैं. बात आगे बढ़ाने से पहले बता दें कि जब से टेक्नोलॉजी का विस्तार हुआ और हर हाथ स्मार्ट फोन आया देश में विशेषकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में होटलों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला. आज हालत उच्च ऐसी है कि कोई भी कहीं भी बड़ी ही आसानी के साथ होटल में कमरा बुक कर सकता है.

ओयो होटल, तमिलनाडु, होटल, प्रेमी, रिलेशनशिप, Oyo Hotels  oyo समेत आज तमाम ऐसी सेवाएं हैं जिनका इस्तेमाल करते हुए एक ही क्लिक में होटल बुक कराया जा सकता है

सवाल है कि क्या किसी प्रेमी और प्रेमिका के लिए किसी एप के माध्यम से कमरा बुक करना और उसमें जाकर रहना आसान है?  इस सवाल का जवाब भी उपरोक्त सवाल से मिलता है.जवाब है नहीं ? मामला कितना पेचीदा है इसे हम दक्षिण भारत के कोयंबटूर की एक घटना से समझ सकते हैं. राजधानी चेन्नई के बाद तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा शहर होने के कारण कोयंबटूर में यूं ही भीड़ भाड़ रहती है. इसके बाद टेक्सटाइल का बिजनेस और सॉफ्टवेर इंडस्ट्री की वजह से भी यहां लोगों की एक बड़ी संख्या आती है. अब जब शहर में भीड़ होगी तो 'लॉजिंग' का एक बड़ी समस्या बनना लाजमी है. समाधान निकाला Oyo, fab hotels, booking.com जैसी सेवाओं ने. ये तकनीक का विस्तार ही है जिसके कारण अब कोयंबटूर की हर चौथी इमारत एक होटल है.

बात बीते दिनों की है. AIDWA की कुछ महिलाएं कोयंबटूर स्थित कलेक्टर के ऑफिस पहुंची और उन्होंने एक बेहद अजीब सी शिकायत की. कलेक्टर से मिलने आने वाली महिलाओं ने बताया कि एक ओयो होटल 'अविवाहित जोड़ों' को प्रवेश दे रहा है जिससे संस्कृति का हनन हो रहा है. औरतों ने मांग की कि होटल को तत्काल प्रभाव में बंद किया जाए. दिलचस्प बात ये भी है कि प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ कुछ स्थानीय निवासी भी थे और इन्होंने ही कलेक्टर को 'संस्कृति के दूषित होने' का हवाला दिया था.

अगले ही दिन तहसीलदार ने आई हुई शिकायत पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की और होटल सील कर दिया. साथ ही जो अविवाहित कपल वहां रह रहे थे उन्हें पुलिस स्टेशन लाया गया. उनकी जमकर फजीहत हुई और तमाम सवालों के जवाब उन्हें देने पड़े. बता दें कि बीते साल दिसंबर में इसी मामले को लेकर हुई सुनवाई के दौरान मद्रास हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया था जिसमें कहा गया था ऐसी स्थिति में होटल को सील नहीं किया जा सकता.

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि ,'जब दो वयस्कों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप को अपराध नहीं माना जाता है,' तब एक अविवाहित जोड़े द्वारा होटल में रहना कैसे अपराध की श्रेणी में आ गया? कोर्ट ने इस मामले को एक्सट्रीम स्टेप बताया था और इस प्रक्रिया को अवैध कहा था.

गौरतलब है कि होटल आज भी सील है और आज भी होटल के आस पास रह रहे लोग नैतिकता और संस्कृति की दुहाई दे रहे हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद शहर के तकरीबन सभी होटलों के ऐसे हाल है. बताया जा रहा है कि पहले की अपेक्षा अब होटलों में कपल कम आते हैं जिससे होटल चला रहे लोगों और ओयो तक को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कह सकते हैं कि कोयंबटूर अब दो चुनौतियों जिनमें पहली है टेक्नोलॉजिकल बदलाव और दूसरा है सामाजिक बर्ताव और उसकी पहरेदारी करते लोगों से एक साथ मोर्चा ले रहा है.

मामले पर संस्कृति का हवाला देकर तमाम तरह के तर्क दिए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस तरह प्रेमी जोड़ों के होटल जाने से अपराध का ग्राफ बढ़ेगा. वेश्यावृति होगी सेक्सुअल एब्यूज की घटनाओं में इजाफा होगा. लाखों तर्क हो सकते हैं. तमाम तरह की बातें हो सकती हैं मगर कहीं न कहीं लोगों की ये हठधर्मिता समाज को पिछड़ेपन की तरफ ले जा रही है. हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए.

ओयो होटल, तमिलनाडु, होटल, प्रेमी, रिलेशनशिप, Oyo Hotels  Oyo ने जो स्कीम कपल्स के लिए निकाली उसे युवाओं द्वारा भी हाथों हाथ लिया गया

भले ही कमाई के नाम पर छुपते छुपाते मिलने वाले आशिकों के लिए होटल चेन OYO ने आसरा देने की पहल की हो और उसके ऑफर को आशिकों ने हाथों हाथ लिया हो मगर अब वो उन लोगों से मोर्चा ले रहा है जो संस्कृति की हिफाजत में आशिकों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. बात अब जब यहां तक आ ही गई है तो हमारे लिए ये जान लेना भी बहुत जरूरी है कि आखिर इन सब की शुरुआत हुई कैसी और क्यों आखिर Oyo की तरफ से समाज रुपी बिल्ली के गले में घंटी बांधने की कोशिश हुई.

क्या है OYO का ऑफर

जैसा कि हम बता चुके हैं आज प्रेमी प्रेमिकाओं के पास सबसे बड़ी चुनौती पर्सनल स्पेस है. जैसा हमारा सामाजिक ताना बाना है प्रेमियों के लिए पब्लिक प्लेस पर मिलना कई मायनों में टेढ़ी खीर है. ओयो ने कपल्स की इस परेशानी को समझा और ऐसे ऑफर रखे जिसमें अब अविवाहित कपल भी होटल में कमरा बुक कर सकता है. इसके लिए कपल को ओयो एप पर अपनी रिलेशनशिप से संबंधित सवालों के जवाब देने होते हैं. यदि कपल अविवाहित हैं तो उन्हें ये बात मेंशन करनी होती है और उन्हें कमरा मिल जाता है.

कपल्स इस सेवा का फायदा उठाए इसके लिए उन्हें तरह तरह के प्रलोभन जैसे डिस्काउंट कूपन वगैराह भी दिए जाते हैं. आपको बताते चलें कि oyo के इस ऑफर को कपल्स द्वारा हाथों हाथ लिया गया और oyo ने जमकर कमाई की.

क्या है ऑफर से उपजा बवाल

Oyo के इस ऑफर ने उन लोगों को आहत कर दिया जो समाज की ठेकेदारी करते थे. लोगों का तर्क था कि इससे न सिर्फ अपराध में इजाफा होगा बल्कि वेश्यावृत्ति और सेक्सुअल एब्यूज के मामले भी सामने आएंगे. ऑफर का विरोध करने वाले लोगों का ये भी तर्क था कि इससे सामाजिक ताना बाना प्रभावित होगा और हमारे युवा गलत दिशा में जाएंगे. मामले के विरोध में कुछ लोग ऐसे भी सामने आए जिनका कहना था कि ये बात विवाद पद्धति को प्रभावित करेगी.

OYO की खासियत ही, इसकी कमजोरी क्यों है

Oyo ने जो भी किया उसके पीछे की वजह कंपनी का कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाना था. क्योंकि ये अपनी तरह का पहला ऑफर था जिसे जनता ने हाथों हाथ लिया. तमाम ऐसे अविवाहित कपल थे जिन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया और होटलों में आकर अपने पर्सनल स्पेस को महत्त्व दिया.

ये इसे Oyo की खासियत कहना कहीं से भी गलत नहीं है. Oyo होटल में जो कुछ भी दक्षिण के कोयंबटूर में हुआ उसके बाद इतना तो साफ़ हो गया है कि oyo की यही खासियत उसकी मज़बूरी है. कोयंबटूर में होटल को बंद करवाने की मांग इसलिए हुई क्योंकि होटल के आस पास रह रहे स्थानीय लोगों को लगता था कि वहां होटल की आड़ में कुछ गलत काम हो रहा है. चूंकि जिस तरह की परवरिश हम भारतीयों की होती है, Oyo का इस तरह का ऑफर हमारी नजरों में संशय पैदा करता है.

Oyo को समझनी चाहिए थी भारतीयों की मनोदशा

बात एकदम स्पष्ट है जिस वक़्त Oyo इस तरह का कोई ऑफर लेकर आ रहा था उसे भारतीयों की मनोदशा का गहन अध्ययन कर लेना चाहिए था. चूंकि कहीं न कहीं ये ऑफर संस्कृति को चोट दे रहा था या ये कहें कि ये पुराने स्टीरियोटाइप को तोड़ रहा था तो कम्पनी को बहुत सावधान रहना था.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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