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Updated: 18 नवम्बर, 2015 01:14 PM
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इसे ही कहते हैं बिजनेस. और एक अच्‍छा बिजनेसमैन हर आइडिया में अपना फायदा ढूंढने की कोशिश करता है. हो सकता है कि यह आइडिया किसी मजाक में भेजे गए ट्वीट से ही मिल जाए. जैसा कि ओला कैब के साथ हुआ.

भारी बारिश ने चेन्नई को जलमग्न कर दिया है और हजारों लोग जलभराव के कारण जहां-तहां फंसे हैं. इस हालत में अगर आपको ऑफिस या कॉलेज जाना हों तो शायद यह नामुमकिन ही होगा! तो घबराइए नहीं, ओला को कॉल कीजिए वह आपको सुरक्षित ले जाएगी. आप सोचेंगे पानी में डूबी सड़कों पर भला ओला की कैब क्या करेगी? तो जनाब बाढ़ और बारिश में भी लोगों की मदद के लिए ओला ने जो कर दिखाया है वह वाकई काबिलेतारीफ है. दरअसल टैक्सी सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी ओला ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए यहां ओला बोट सर्विस शुरू की है, वह भी बिल्कुल मुफ्त. आइए जानें ओला को यह अद्भुत विचार कहां से आया.

एक मजाक बना इतनी बड़ी मदद की वजहः 

बाढ़ में डूबे चेन्नई की मदद के लिए ओला द्वारा उठाए गए कदम के पीछे एक मजाक छुपा है. दरअसल एक शख्स ने ट्वीट किया था, 'ऑफिस जाने के लिए कल ओला बोट बुक करने की योजना बना रहा हूं.' वेंकटेश कृष्णा नाम के इस व्यक्ति के मजाक को ओला ने गंभीरता से लिया. कंपनी से सबसे पहले स्थानीय फायर ब्रिगेड कर्मचारियों और चेन्नई की फिशिंग कंपनियों से संपर्क साधा और उनसे स्थानीय नाविकों और मछुआरों की जानकारी इकट्ठा की. इसके बाद ओला बोट्स को चेन्नई के जलभराव वाले इलाकों में उतार दिया गया. 

यह है वह मजाकिया ट्वीट, जिसने ओला को मदद की राह दिखाईः 

ओला ने अपने बयान में कहा, 'ओला ने फायर ब्रिगेड और बचाव विभाग की जानकारी के आधार पर जलभराव और आंशिक रूप से जलमग्न इलाकों में ओला बोट्स तैनात की हैं.' ओला बोट्स को चलाने के लिए प्रोफेशनल नाविकों और मछुआरों को लगाया गया है. इनकी मदद से ओला न सिर्फ सिर्फ लोगों को पानी से बाहर निकाल रही है हैं बल्कि इन बाढ़ प्रभावितों को मुफ्त में पानी और खाना भी उपलब्ध करा रही हैं.

एक ओला बोट्स में कई छातों के साथ दो नाविक होते हैं जो एक बार में 5 से 9 लोगों को बाहर ले आते हैं. ओला यह सेवा अगले तीन दिनों तक जारी रखेगी और जलभराव की स्थिति बनी रहने पर इसे आगे भी जारी रखा जाएगा. सोशल मीडिया पर बेंगलुरु की इस कंपनी के काम की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं.  

चेन्नई में टूटा बारिश का रिकॉर्डः

पिछले हफ्ते से जारी तेज बारिश के थपेड़ों ने पूरे तमिलनाडु में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. राजधानी चेन्नई का हाल भी बेहाल है. या यूं कहें कि चेन्नई की सड़कें पानी में डूब गई हैं और शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ज्यादातर स्कूल, कॉलेज, ऑफिस बंद हैं. जीवन पूरी तरह से पटरी से उतर गया है. भारी बारिश के कारण तमिलनाडु में मंगलवार तक 189 लोगों की मौत हो गई है.

आलम ये कि चेन्नई में रविवार से सोमवार के बीच हुई बारिश ने पिछले एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इन 24 घंटों के दौरान यहां 246.5 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई जोकि पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है. इससे पहले 7 नवंबर 2005 में 142.4 मिमी वर्षा दर्ज हुई थी. चेन्नई में इस मौसम में सबसे ज्यादा बारिश 25 नवंबर 1976 को हुई थी जब 452 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी.

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