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Updated: 04 मई, 2020 08:18 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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विश्व के तमाम मुल्कों की तरह कोरोना (Coronavirus) के मद्देनजर भारत की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. देश में बीमारों की संख्या जहां 42 हज़ार के पार है. तो वहीं 1300 से ज्यादा लोगों की मौत (Coronavirus Deaths In India ) इस जानलेवा की चपेट में आने से हुई है. संक्रमण कम से कम फैले इसलिए सरकार लॉकडाउन (Lockdown ) को भी लगातार बढ़ा रही है और अब जबकि लॉकडाउन के तीसरे चरण (Lockdown 3) की शुरुआत हो गई है माना यही जा रहा है कि यदि हम अब भी न सचेत हुए तो आने वाले वक्त में शायद ही हमारे पास कोई चीज संभालने के लिए बचे. कोरोना को लेकर ये तमाम बातें और सारे प्रयास एक तरफ हैं. मुम्बई (Mumbai) का एक डॉक्टर (Doctor) एक तरफ है जो अपने अंदर की हवस की आग में कुछ इस हद तक जल गया कि उसने एक मरीज का ही यौन शोषण (Sexual Abuse) कर डाला. मामले में दिलचस्प बात ये है कि जिस मरीज के साथ डॉक्टर ने मुंह काला किया है वो आईसीयू में भर्ती एक कोरोना पॉजिटिव मरीज (Covid-19 Patient) था. फिलहाल डॉक्टर को उसके घर पर क्वारंटाइन किया है.

Mumbai, Coronavirus, Patient, Sexual Abuse, Doctor मुंबई में एक डॉक्टर ने जो अपने मरीज के साथ किया वो इंसानियत को शर्मसार करने वाला है

मामले में पुलिस के साथ परेशानी ये है कि चूंकि डॉक्टर अपने घर में है इसलिए न तो उससे पूछताछ ही की जा रही है और न ही उसे गिरफ्तार किया जा रहा है. घटना मुंबई के वॉक हार्ट हॉस्पिटल की है जहां आई सी यू में एक 44 साल के कोरोना पॉजिटिव मरीज को भर्ती किया गया था. बताया ये भी जा रहा है कि 34 साल के डॉक्टर ने बीती 1 मई को ही हॉस्पिटल में ड्यूटी जॉइन की थी और आते साथ ही उसने इलाज के नाम पर इस घ्रणित वारदात को अंजाम दिया.

मामले पर मुंबई की अग्रीपाड़ा पुलिस का कहना है कि आरोपी को कोविड-19 संक्रमण के डर से फिलहाल न तो डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है और न ही उससे लगे हुए आरोपों के मद्देनजर पूछताछ हुई है. पुलिस ने आरोपी को ठाणे के एक अपार्टमेंट ब्लॉक में क्वारंटाइन किया है और उसकी निगरानी की जा रही है. डॉक्टर के वहां से निकलने के बाद ही पुलिस इस बात का पता लगाएगी कि आखिर उसने कोरोना जैसे एक मुश्किल वक़्त में ये दरिंदगी क्यों की?

वहीं मामला प्रकाश में आने के बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी सख्त कदम उठाए हैं और इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है. मामले पर अस्पताल प्रशासन ने एक बयान जारी किया है. वॉकहॉर्ट अस्पताल की तरफ से आए इस बयान पर यदि तजर डालें तो लिखा गया है कि उस दिन डॉक्टर की ड्यूटी का पहला दिन था. एक दिन पहली ही उन्होंने हॉस्पिटल ज्वाइन किया था. जैसे ही अस्पताल को इस बात की जानकारी मिली कि डॉक्टर दुराचार में लिप्त पाया गया है अस्पताल के प्रोटोकॉल के मुताबिक हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने तुरंत ही मामले की जानकारी पुलिस को दी और डॉक्टर को उसकी तमाम सेवाओं से मुक्त कर दिया.

बता दें कि वारदात के बाद पुलिस ने हॉस्पिटल के एचआर प्रमुख की शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 377, 269 और 270 के तहत केस दर्ज कर लिया है. बाक़ी की जांच डॉक्टर के क्वारंटाइन से वापस आने के बाद की जाएगी.

गौरतलब है कि ये मामला इस लिए भी चर्चा में बना हुआ है क्यों कि कोरोना वायरस और लॉक डाउन के इस दौर में तमाम डॉक्टर्स को भगवान का दूसरा रूप मानते हुए फ्रंट लाइन वारियर्स के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में इस तरह के मामले कहीं न कहीं पूरी मानवता को शर्मसार करते हैं.

डॉक्टर के क्वारंटाइन से आने के बाद मामले की क्या जांच होती है. आरोपी पर अपराध सिद्ध हो पाएगा या नहीं? इन तमाम सवालों के जवाब वक़्त की गर्त में छिपे हैं लेकिन मौत की कगार पर खड़े एक मरीज के साथ जो दरिंदगी और घटियापन एक डॉक्टर के रूप में हवस के इस भूखे भेड़िए ने किया है उसने उस विश्वास को प्रभावित किया है जो मरीज और एक डॉक्टर के बीच रहता है.

डॉक्टर को उसके गुनाहों की सजा तो कानून दे देगा मगर उस भरोसे का क्या जो टूट के तार तार हुआ है और जिसने एक पवित्र रिश्ते पर सवालिया निशान जड़े हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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