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Updated: 09 मार्च, 2022 05:16 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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World Cup एंकरिंग के 19 साल बाद मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) का दर्द छलका है. अपनी तकलीफ को दुनिया को बताने में मंदिरा जैसी ताकतवर महिला ने सालों लगा दिए. अब जरा सोचिए कि, आम महिलाओं को उनके साथ हुए यौन हिंसा के बारे में बताने में कितनी हिचक होती होगी?

दरअसल, मंदिरा बेदी ने अपने एक इंटरव्यू में क्रिकेट जगत पर आरोप लगाया है कि, स्पोर्ट्स एंकरिंग के समय क्रिकेटर्स उन्हें घूरते थे और नीचा दिखाते थे. जब से महिलाओं को मंदिरा बेदी की इस भवायह आप बीती के बारे में पता चला है, उनका दिल रो रहा है. महिलाओं का कहना है कि, क्या इस जहां में ऐसी कोई एक भी महिला है जो यह कहे कि उसके साथ कभी कुछ गलत नहीं हुआ?

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मंदिरा बेदी के साथ हुए इस वाकये को जानने के बाद कोई भी इंसान गुस्से से भर जाएगा, शायद आपक मन में भी अंदर ही अंदर एक टीस उठ रही होगी. मन कचोट रहा होगा कि, टीवी में अपने मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे मंदिरा ने कैसे अपने जख्मों को छुपाए होंगे? जिसकी हमें भनक तक नहीं लगी.

दरअसल, यह बात 2003 क्रिकेट वर्ल्ड कप के समय की है. जब एक भारतीय महिला ने स्टाइलिश साड़ी और बड़ी बिंदी के साथ ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर सोनी मैक्स के खास प्रोग्राम एक्स्ट्रा इनिंग्स की एंकरिंग की थी. यह महिला कोई और नहीं बल्कि मंदिरा बेदी थीं. जिन्होंने खेल में उस वक्त ग्लैमर का जबरदस्त तड़का लगाया था.

मंदिरा के क्रिकेट शो होस्ट करने के तरीके को खूब पसंद किया जाता था. उस वक्त मंदिरा बेदी के इस स्टाइल को महिलाओं ने खूब कॉपी किया. हालांकि उस समय किसी को अंदाजा भी नहीं था कि बाहर से दिख वाले चकाचौंध के भीतर मंदिरा के ऊपर क्या बीत रही है?

दुनिया की नजर में मंदिरा बेदी एक मजबूत महिला हैं. जो जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना जानती हैं. तभी तो मंदिरा बेदी को कई महिलाएं अपना आदर्श मानती हैं.

मंदिरा ने हाल ही में यह खुलासा किया है कि 'मुझे बहुत से क्रिकेटर्स घूरा करते थे. मानो वे यह सोचते थे कि, 'मैं क्या पूछ रही हूं, क्यों पूछ रही हूं? खिलाड़ी जो भी जवाब देते वह मेरे सवाल से जुड़ा हुआ ही नहीं होता था. यह अनुभव मेरे लिए काफी डरावना था.'

साड़ी पहनने वाली स्पोर्ट्स एंकर को नीचा दिखाया गया

मंदिरा बेदी की माने तो महिला स्पोर्ट्स एंकर को खिलाड़ी और साथी पैनलिस्ट पचा नहीं पा रहे थे. उन्हें शायद यह पसंद नहीं था कि एक महिला साड़ी पहनकर क्रिकेट पर बात कर रही है. वे जब भी सवाल पूछतीं तो उन्हें खिलाड़ी देखते रह जाते. उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की जाती. 'मेरा आत्मविश्वास डगमगा चुका था, लेकिन ब्रॉडकास्टर्स ने मेरा हिम्मत बंढ़ाई. उन्होंने कहा कि आपको 150-200 महिलाओं में से चुना गया है क्योंकि आप बेस्ट हैं, इसलिए खुद पर भरोसा रखिए.'

मंदिरा ने हार न मानने की ठानी और 2003 वर्ल्ड कप के अलावा 2007 के विश्व कप में भी एंकरिंग की. इतना ही नहीं 2004 और 2006 का चैंपियंस ट्रॉफी भी मंदिरा के ग्लैमर से ही सजा. इसके बाद IPLके दूसरे सीजन में भी फैंस ने मंदिरा की काफी सराहना की.

बालों को छोटा करवाने के बाद ऑफर हुए निगेटिव और वैम्प रोल

आपने मंदिरा बेदी को दूरदर्शन के धारावाहिक 'शांति' के किरदार में देखा. वहीं 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में शर्मीली पंजाबी लड़की के रूप में भी देखा. तो आपको लंबी जुल्फों और झुकी-झुकी सी नजरों वाली नाजुक सी लड़की तो याद ही होगी. असल में मंदिरा बेदी को अपने घने, लंबे और घुंघराले बालों की केयर करने में बड़ी उलझन होती थी. बालों को स्ट्रेट करना पड़ता था, इसलिए उन्होंने अपने बालों को कटवाकर छोटा कर लिया.

अब मंदिरा बेदी ने अपने शॉर्ट हेयर पर भी खुलकर बात की है. उनका कहना है कि मुझे छोटे बालों में देखकर लोग चौंक गए थे. हेयर कट के बाद मुझे ऐसे जो रोल ऑफर कर रहे थे कि मैं हैरान थी. मुझे निगेटिव महिला का किरदार निभाने के लिए कहा गया. मुझे पुलिस कॉप के रोल्स ऑफर हुए. मुझे इस बात का अफसोस है कि मेरे छोटे बालों की वजह से मुझे वैम्प के रोल के लिए ज्यादा सही माना गया. वहीं पॉजिटिव रोल निभाने के लिए विग लगाने तक की सलाह दी गई.

ना अपने बाल लंबे नहीं किए और ना ही साड़ी पहननी छोड़ी

इन कड़वे अनुभवों के बाद, मंदिरा चाहतीं तो खुद को बदल सकती थीं लेकिन उन्होंने ना अपने बाल लंबे नहीं किए और ना ही साड़ी पहननी छोड़ी. इसका परिणाम यह रहा कि मंदिरा इसी शॉर्ट स्टाइल के साथ पिछले बारह सालों से लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं.

भले अच्छे रोल ऑफर न हुए लेकिन मंदिर आखिर मंदिरा ही बनी रहीं. अपने इसी शॉर्ट हेयर के साथ ही मंदिरा ने स्पोर्ट जगत में फैशन और नॉलेज की एक अलग परिभाषा दी...

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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