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Updated: 14 दिसम्बर, 2021 05:09 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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बात चुभती हुई सी लगेगी, लेकिन है यही. भले कहा जाए कि जोडि़यां आसमान में बनती हैं, लेकिन जब जमीन पर लोगों को जोड़ी बनाने का मौका मिलता है तो तमाम तरह के पैमाने दिमाग में घर करने लगते हैं. यदि लड़की के लिए लड़का ढूंढा जा रहा है तो well settled हो, खूब कमाऊ हो. यदि लड़की पढ़ी-लिखी है, कमा रही है तो लड़का उससे ज्‍यादा कमाने वाला और रसूख वाला चाहिए होता है. मतलब, लड़की 19 है तो लड़का 20 हो. और यदि लड़की 20 तो लड़का 21. आखिर इस मान्‍यता के पीछे कारण क्या है?

कुछ लोगों को कैटरीना कैफ (Katrina kaif) और विकी कौशल (Vicky kaushal) की जोड़ी भी बेमेल लगी. ये वे लोग थे, जिन्‍हें लगता है कि कैटरीना का स्‍टारडम विकी से ज्‍यादा बड़ा है, इसलिए उसे और बेहतर दूल्‍हा मिल सकता था. भला, 59.1 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स वाली कैटरीना, 11.7 मिलियन फॉलोअर्स वाले विकी कौशल (Vicky kaushal) से शादी कैसे कर सकती हैं? हालांकि, ऐसा सोचने वाले कई लोग कैटरीना की जोड़ी सलमान खान के साथ सजाए बैठे थे.

अब आइए, इस मुद्दे पर समाज के रवैये को समझने की कोशिश करते हैं. जब भी किसी लड़की के लिए रिश्ता आता है, सबसे पहला सवाल यही होता है कि लड़का करता क्या है? कमाता कितना है? रिश्ता बताने वाले लोगों से घरवाले पहले ही अपनी डिमांड बता देते हैं कि लड़के में क्या-क्या गुण होने चाहिए. अभी विकी कौशल और कैटरीना कैफ की शादी हुई तो कई लोगों ने कहा कि कैटरीना ने क्या देखकर विकी को चुना? कैटरीना इतनी सुंदर हैं, विकी कौशल से ज्यादा पैसे वाली हैं... बस, इतना ही है एक जोड़ी का सोशल स्‍टेटस. विकी कौशल के अभिनय की काबिलियत और क्षमता का जोड़ी से कोई लेना-देना नहीं है.  

Mismatch couple, Katrina kaif, Vicky kaushal, Katrina Vicky weddingकैटरीना ने क्या देखकर विकी को चुना?

कई लोगों ने यह भी तौला कि दोनों में किसका स्टारडम ज्यादा है? दोनों में कौन ज्यादा फेमस है. दोनों में से बड़ा स्टार कौन है? लोगों के बीच शुरु से ही कैटरीना को लेकर एक अलग ही क्रेज रहा है, ऐसे में उनका विकी कौशल से शादी कई लोगों को बेमेल लग रही है. ऐसा शायद इसलिए क्योंकि लोग कैटरीना को विकी कौशल से अधिक सफल मानते हैं. हमारे समाज में अधिक कामयाब लड़की अगर अपने से कम हैसियत वाले लड़के से शादी कर ले तो लोगों को यह बात खटकने लगती है. इनके हिसाब से दुल्हन जितनी भी कामयाब क्यों ना हो, उसे दूल्हे से कम सफल ही होना चाहिए. लड़के से ज्यादा पढ़ी-लिखी लड़की ही लोगों को खटकने लगती है. लोगों का कहना होता कि वह बेटे पर हुकुम चलाएगी. 

मतलब लोगों के दिमाग में अभी भी वही बातें बैठी हैं कि लड़की हमेशा लड़के से कमतर होनी चाहिए. अगर लड़का-लड़की में 19-20 का फर्क हो तो भी लड़का ही 20 पड़े यानी वह लड़की की खूबियों पर भारी पड़े. यहां खूबियों का मतलब पैसा, पॉवर, खानदान, सुंदरता और शोहरत से है.

वहीं अगर लड़की ने अपनी पसंद का लड़का है चुना है तो भी लड़के को परिवार के गुणों वाले तराजू पर खुद को तौलना ही पड़ता है. लड़की के मां की सबसे पहली मांग यही होती है कि लड़का अंबानी चाहिए. कहने का मतलब यह है कि लड़का पैसे वाला ही चाहिए. लड़के पास गाड़ी, बंगला, जमीन, जायदाद तो होना ही चाहिए. अगर वह नौकरी करता है तो उसकी सैलरी बेटी की सैलरी से अधिक होनी चाहिए. तभी रौब वाली बात आती है, और रौब तो लड़का तभी जमाएगा जब वह लड़की से अधिक सफल होगा.

मतलब लड़की की सैलरी 50 हजार है तो लाख है तो लडक मतलब घरवालों को अपनी बेटी से कम कमाने वाला लड़का आज भी नहीं पचता है. पिता को लड़का ऐसा चाहिए जो जिसके पास दुनियां का हर ज्ञान हो. अब ऐसा जरूरी तो है नहीं कि किसी इंसान के पास दुनियां भर की जानकारी हो. असल में पिता को अपनी बेटी से अधिक नॉलेज वाला लड़का ही चाहिए.

लड़की जो है वह देखती है कि उसका होने वाला पति दिखता कैसा, उसका व्यवहार कैसा है? मतलब लड़का दिखने में हैंडसम तो होना ही चाहिए. आधे बाराती तो सिर्फ दूल्हे के लुक को जज करने के लिए तैयार रहते हैं कि कब बारात आए और लड़के में कमी निकाल सकें. ऐसे लोगों को सिर्फ इस बात से मतलब रहता है कि फलाने ने अपना दामाद कैसा चुना है? अगर लड़का थोड़ा भी कम लगा तो 10 मुंह बातें बननी शुरु हो जाती हैं.

इतना ही नहीं लड़की के घरवालों को उनका दामाद एकदम बाहुबली टाइप बलवान होना चाहिए. सबसे जरूरी बात उसकी उम्र लड़की से छोटी नहीं होनी चाहिए. भले ही लड़की से अधिक उम्रवाला चलेगा. लड़के का खानदान, उसकी संपप्पि लड़की से अधिक होनी चाहिए. मुझे बड़ा आश्चर्य लगा जब एक लड़की ने कहा कि मुझे तो ऐसा लड़का चाहिए जो मुझे कंट्रोल रख सके. मतलब लड़की की मानसिकता खुद यह है कि उसे दंबग लड़का चाहिए, वह अपने पति के सामने झुककर रहना चाहती है.

समय बदल गया, शादी करने के तरीके बदल गए लेकिन आज भी लोगों के दिमाग में बैठा हुआ है कि लड़का हर मामले में लड़की से अधिक हो. वे चाहते हैं कि उनकी बेटी दामाद के सामने हां में हां मिलाए और यह उनके लिए गर्व की बात है, शर्म की नहीं.

अपनी बेटी से कम पढ़ा-लिखा लड़का, कम सैलरी वाला लड़का, कम ओहदे वाला लड़का, कम उम्र वाला लड़का, कम हाइट वाला लड़का, कम सुंदर लड़का किसी भी माता-पिता को नहीं चाहिए. भले ही लड़की आत्मनिर्भर हो और अपना खर्च खुद चला सकती है लेकिन लड़का तो उससे ज्यादा ही चाहिए. वरना समाज में नाक कट जाएगी. मतलब अगर लड़की अनुष्का है तो लड़का विराट ही होना चाहिए. बाकी आप समझदार है...

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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