दस रुपए के सिक्के को आखिर इंसाफ मिल ही गया
दस रुपए के सिक्के को लेकर अभी तक हमने खूब सरे विवाद देखें हैं. मगर मध्य प्रद्रेश के मुरैना में जो हुआ, वो आश्चर्य में डालने वाला है. मामला ये भी बताता है कि अब बात निकली है तो दूर तलक जाएगी.
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10 रुपए के सिक्के को लेकर ऊहापोह की स्थिति जस की तस बनी हुई है. समस्या इसलिए है क्योंकि अफवाह फैला दी गई है कि मार्केट में जो सिक्के तैर रहे हैं उनमें ऐसे सिक्कों की बहुतायत है जो नकली हैं. यही अफवाह समस्या का मूल है. ये भी कह सकते हैं कि भारतीय मुद्रा में सबसे ज्यादा जलील होने वाली मुद्रा 10 रुपए का सिक्का है. जिसकी इज्जत बाजार में 'नकली' के नाम पर नीलाम होती रही. RBI की तमाम दलीलों के बावजूद. आज हालात ये हैं कि न तो दुकानदार 10 रुपए के सिक्के लेने को तैयार हैं न ही ग्राहक ही इसे दुकानदार से ले रहे हैं. ऐसी स्थिति में विवाद होना लाजमी है. मध्यप्रदेश के मुरैना में भी विवाद हुआ है. विवाद कैसा था? इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मामला थाने में गया. वहां से कोर्ट आया. सजा हुई और जुर्माना लगा.
10 रुपए के सिक्के को लेकर लगातार अफवाह उड़ाई जा रही है कि ये नकली हैं
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक स्थानीय अदालत ने एक दुकानदार को ग्राहक से दस रुपये के सिक्के लेने से इनकार करने का दोषी पाया और उसे अदालत उठने तक की सजा और 200 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. इस पूरे मामले पर सहायक लोक अभियोजन अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में जौरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट जेपी चिडार की अदालत ने बीते दिन एक दुकानदार अरुण जैन को सामान के बदले ग्राहक आकाश से 10 रुपये के सिक्के लेने से इनकार करने का दोषी ठहराया. अदालत ने आरोपी दुकानदार को अदालत उठने तक की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लगाया है.
आपको बताते चलें कि मामला 17 अक्टूबर 2017 का है जहां 10 रुपए को लेकर दुकानदार और ग्राहक में विवाद हुआ था और मामला थाने आया था. न्यायिक मजिस्ट्रेट जौरा ने प्रकरण की सुनवाई के बाद IPC की धारा 188 के तहत कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करने का दोषी पाया और उसे अदालत उठने तक की सजा और 200 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया.
यहां ये भी बताना ज़रूरी है कि मुरैना के कलेक्टर ने पहले ही ये आदेश पारित कर दिया था कि चूंकि ये सिक्के बाजार में चलन में हैं अतः कोई भी दुकानदार इन्हें लेने से मना नहीं कर सकता. ऐसे में कोई इस आदेश के विरुद्ध जाता है तो उसपर एक्शन लिया जाएगा.
आरबीआई तक ने कह दिया है कि दस के सिक्के लेने से कोई भी दुकानदार इंकार नहीं कर सकता
गौरतलब है कि हाल फिल्हाल बाजार में 10 रुपए के कुल 14 प्रकार के सिक्के हैं. जनता के बीच सिक्कों को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक नोटिफिकेशन जारी कर के कह चुका है यह सभी 14 सिक्के असली हैं और वैध हैं. यानी कोई भी शख्स 10 रुपए का कोई भी सिक्का लेने से मना नहीं कर सकता है. दरअसल, RBI को शिकायत मिली थी कि ट्रेडर 10 रुपए के कुछ सिक्के लेने से मना कर रहे हैं, जिसके चलते बैंक ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है. RBI के अनुसार यह सिक्के भारत सरकार के टकसाल विभाग की ओर से जारी किए गए हैं. इन्हें देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की थीम के हिसाब से डिजाइन किया गया है.
खैर अब तक हम 10 रुपए के सिक्के को लेकर खूब सारे विवाद देख चुके थे. इसको लेकर लड़ाइयां भी हुई हैं मगर ये पहली बार है जब किसी को इस मामले में पहले थाने फिर कचहरी के चक्कर लगाने पड़े और उसे सजा हुई. कहना गलत नहीं है इस खबर से उन लोगों को बल मिलेगा जो अब तक 10 रुपए को लेकर अपना गुस्सा दबाए बैठे थे. ये मामला हमारे सामने है ऐसे में वो दिन भी दूर नहीं जब हम भविष्य में इस तरह की अन्य खबरें सुनेंगे और कहेंगे कि भले ही देर में सही मगर इंसाफ तो मिला.
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