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Updated: 10 मार्च, 2017 11:35 AM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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एक दिन महिला शक्ति की जय-जयकार करने के बाद, सब कुछ फिर वैसा ही हो जाता है जैसा एक दिन पहले तक था. महिलाओं की स्वावलंबिता की बातें करने वाले लोग फिर उनके कपड़ों की लंबाई चौड़ाई नापने लगते हैं. और फिर बहने लगती है ज्ञान की गंगा, कि लड़कियों की स्कर्ट की लंबाई इतनी हो, उनके गले की गहराई इतनी हो, इतनी न हो.

ऐसे लोगों को ये वीडियो जरूर देख लेना चाहिए, जिसमें अभिनेत्री स्वरा भास्कर और तापसी पन्नू ने महिलाओं को कुछ सलाह दी हैं कि, कितना क्लीवेज दिखाना उनके लिए सही है और वो कैसे उसे मैनेज करें.

जगह और लोगों के हिसाब से कपड़ों की नेक लाइन कहां तक सही है ये विस्तार से बताया गया है, जैसे-

ऑफिस में अजीब तरह से देखने वाले और रंगीन मैनेजर हों तो लड़कियां कॉलर बोन हाईनेक पहनें.

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जिम में आपकी टी-शर्ट का गला 'सफारी नेक' होना चाहिए.

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शाम को भीड़भाड़ वाली जगह पर जाएं तो ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है, तो पोलो नेक पहनें, क्योंकि लोग कुछ देख नहीं पाएंगे तो उन्हें आइडियाज़ कम आएंगे.

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अगर क्लब में हों तो स्कार्फ पहनें, या दानी नानी का शॉल लो और पूरा ओढ़ लो, क्योंकि सेफ्टी सबसे ज्यादा जरूरी है न.

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अपना शादी के दिन सबकी निगाहें आप पर ही होंगी, तो आप खुद को पूरा का पूरा ढक लो, बेकार में कोई पंगा हो तो उससे तो यही अच्छा है.

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...लेकिन इस सलाह के बाद, जो बात इन दोनों ने कही वो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिसे सभी को अपने दिमाग में अच्छी तरह बसा लेना चाहिए...

सही तो कहा, हम इसी शरीर के साथ जन्मे हैं, और हमें इसपर गर्व होना चाहिए. ये शरीर आपका है और ये आपकी मर्जी होनी चाहिए कि आप इसे कितना दिखाएं और कितना छुपाएं.

यहां इस बात की पैरवी नहीं की जा रही कि लड़कियों को खुले कपड़े पहनने चाहिए, बल्कि ये बताया जा रहा है कि वो कुछ भी पहनें वो उनका अधिकार है. लड़के कुछ भी पहनकर बाहर निकलते हैं, क्या उनके लिए कोई रोकटोक या नियम-कायदे होते हैं. हां, लड़कियां उनकी बराबरी तो नहीं कर सकतीं लेकिन अपनी मर्जी का पहन तो सकती हैं. और यहां, जो लड़के ये कहते हैं कि 'लड़कियां अगर दिखाएंगी तो हम देखेंगे' तो उन्हें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है, क्योंकि जिन्हें देखना होता है वो तो बुर्के और साड़ी पहनने वालों तक को नहीं छोड़ते, छोटे कपड़े और डीप नेक सिर्फ बहाना हैं..

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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