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Updated: 17 दिसम्बर, 2021 08:41 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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यह सोचकर ही जी सिहर जाता है कि भारत में हर 25 मिनट पर एक गृहिणी (housewife) अपनी जान दे रही होती है. आखिर वो क्या परेशानियां हैं जिस वजह से महिलाएं जिंदगी से ज्यादा मौत को गले लगाना सही समझती हैं?

दरअसल, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने हाल ही में एक आंकड़ां जारी किया है. जिसके अनुसार पिछले साल करीब 22,372 गृहिणियों ने मौत को गले लगा लिया. जिसमें प्रत्येक दिन 61 और हर 25 मिनट में एक महिला ने खुदकुशी कर ली. साल 2020 में देश में लगभग 153,052 लोगों ने अपनी जान दे दी, जिसमें महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है.

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वहीं जान देने वाली गृहिणियों की संख्या 14.6 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 20,000 से ज्यादा महिलाएं मौत को गले लगा लेती हैं. रिपोर्ट ने इन सुसाइड का जिम्मेदार पारिवारिक कलह और शादी से जुड़ी समस्याओं को ठहराया है.

आइए जानते हैं कि आखिर महिलाएं सुसाइड क्यों करती है? वे कौन सी बातें है जो पति-पत्नी के बीच तनाव की वजह बनती है? शादी के बाद जिदंगी में लाख परेशानियां क्यों ना हो अगर पति-पत्नी के बीच सब ठीक है तो वे मिलकर समस्या का समाधान निकाल ही लेते हैं. दिक्कत तो तब आती है जब गृहिणी अकेले पड़ जाती है.

1- महिलाएं भले ही सहनशील होती हैं लेकिन उनके सहने की भी एक क्षमता होती है. शादी के बाद ज्यादातर महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं. पति उन्हें प्रताड़ित करते हैं. ऐसे में उका शादी जैसे रिश्ते से भरोसा उठने लगता है और जब उनका दम घुटने लगता है तो वे मौत को गले लगा लेती हैं.

2- घरवाले लड़कियों की जल्दी शादी करा देते हैं. उन्हें कम उम्र में बहू बनने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है. वे दिन भर रसोई में खाना ही बनाती रहती हैं. वे हर पल घर का काम ही करती रहती हैं. उनके पास खुद के लिए समय भी नहीं रहता. घर की साफ-सफाई में ही उनका समय बीतता रहता है.

किसी को उनके सपनों की कद्र नहीं रहती ना ही उनकी शिक्षा का कोई महत्व रह जाता है. उन्हें अपने खर्चों के लिए पति से पैसे मांगने पड़ते हैं जो कभी-कभी ही मिलते हैं. इसके लिए पति-पत्नी के बीच कलह भी होती है. उनकी आजादी एक तरह से छिन जाती है. धीरे-धीरे उनकी इच्छाएं खत्म होने लगती हैं. ऐसी महिलाएं निराश रहने लगती हैं और उनका अस्तित्व ही उन्हें चिढ़ाने लगता है.

3- कई महिलाएं गुस्से में आत्महत्या कर लेती हैं. पति कहीं बाहर रहता है. वह घर आता है पत्नी को मारता-पीटता है और वे आहत होकर अपनी जान दे देती हैं. पति की वेफफाई करता है, धोखा देता है, गाली-गलौज करता है. पत्नी का सम्मान नहीं करता, दहेज के लिए प्रताड़ति करता है. ऐसे हालात में महिलाएं घरेलू हिंसा को पहले तो झेलने की कोशिश करती हैं. वह किसी के सामने अपना मुंह नहीं खोलतीं और खुदकुशी कर लेती हैं.

4- महिलाएं अकेलेपन की वजह से भी जान दे देती हैं. बच्चे बड़े हो जाते हैं. वे पढ़ाई या नौकरी करने के लिए घर से दूर रहने लगते हैं. मेनोपॉज झेल रही महिलाएं उदास रहने लगती हैं, उनसे अकेलापन बर्दाश्त नहीं होता और वे आत्महत्या का रास्ता अपना लेती हैं.

5- महिलाओं के पास उनका मन हल्का करने के लिए कोई होता नहीं है. वे मायके वालों वो अपनी तकलीफ बताना नहीं चाहती हैं. महामारी की वजह से भी कई गृहिणियों ने आत्महत्या कर ली. कोरोना काल से पहले पति जब ऑफिस चले जाते थे तो महिलाएं घर में थोड़ा समय खुद के लिए निकाल लेती थीं.

वे सब्जी खरीदने ही सही थोड़ा समय आस-पड़ोस की महिलाओं के साथ गुजार लेती थीं. महामारी के समय में सभी लोग घर से ही काम करने लगे. महिलाओं का कहीं बाहर आना-जाना भी बंद हो गया. घरवाले उन्हें और अधिकर परेशान करने लगे. हर वक्त काम करने से वे दुखी रहने लगीं. वे अपनी तकलीफ, गुस्सा और उदासी किसी के साथ शेयर नहीं कर पाईं और यह सब झेलते-झेलते मौत को अपना लिया.

पति-पत्नी के बीच तनाव की वजह क्या है?

घरेलू महिलाओं के लिए उनका घर, पति और बच्चे ही सबकुछ होते हैं. उनकी जिंदगी पति के आस-पास ही घूमती रहती है. वे पति की दुनिया में इतनी खो जाती हैं कि खुद को भूल ही जाती हैं. शादी से पहले और शादी के कुछ सालों तक तो पति-पत्नी का रिश्ता मधुर होता है लेकिन कुछ सालों बाद ही दोनों में तनाव होने लगता है. उनके बीच झगड़े शुरु हो जाते हैं और फिर दूरियां बन जाती हैं. जब पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत नहीं होता तो पत्नी धीरे-धीरे टूटने लगती है.

महिलाओं को लगता है कि पति उनपर ध्यान नहीं देते या फिर उनके जीने-मरने से पति को कोई फर्क नहीं पड़ता. पति काम में व्यस्त रहते हैं जैसे उनकी दुनिया में पत्नी की कोई अहमियत ही नहीं है. वे हर वक्त खुद को और अपने काम को ही प्राथमिकता देते हैं. ऐसे में पत्नी हीनभावना से ग्रसित होने लगती है. पति जरा भी गुस्सा करे तो पत्नी के अहम को ठेस पहुंचती है. वह सोचती है कि मैं पति और इनके घर के लिए कितना कुछ करती हूं फिर भी मेरी कोई वैल्यू नहीं है.

ये बातें तब और अधिक हो जाती हैं जब पति अपनी पत्नी से सही से बात नहीं करता. वह हर पल पत्नी में चिल्लाता रहता है और गुस्सा करता रहता है. ऐसे में पत्नी को यह लगता है कि पति उसका सम्मान नहीं करता और वह दूर होने के लिए सुसाइड के बारे में सोचने लगती है.

झगड़ों से बचने के लिए पति-पत्नी इन बातों का रखें ध्यान-

-शादी के बाद भी कुछ लोग बैचलर वाली जिंदगी जीने की कोशिश करते हैं. देर रात तक पार्टी, दोस्तों के साथ खूब समय बीताना और देरी से घर आना...इन आदतों को छोड़ दीजिए. याद रखिए कि घर पर कोई आपका इंतजार करता है.

-अक्सर पति-पत्नी अपनों झगड़ों के बीच में एक-दूसरे के घरवालों को घसीटने लगते हैं. किसी भी इंसान को अपने घर की बुराई सुनना पसंद नहीं. कई बार पति अपने ससुराल वालों के नाम पर पत्नी को ताना मारते हैं, जो झगड़े को बढ़ा देती है.

-पति या पत्नी छोटी-छोटी बात पर एक-दूसरे को ताना मारने लगते हैं. जिससे हर छोटी बात पर दोनों में झगड़ा होने लगता है. ऐसे में कोशिश करें कि छोटी बातें बहस का मुद्दा ना बने. वरना रिश्ता टूटने में देरी नहीं लगेगी.

-पति-पत्नी किसी भी तरह से बेवफाई को बर्दाश्त नहीं कर पाते. दोनों में ज्यादातर लड़ाइयां इस पर होती हैं जब कोई तीसरा उनकी जिंदगी में आ जाता है. पति-पत्नी और वो का किस्सा तो आपने सुना ही होगा. इसलिए अपने पार्टनर के साथ ईमानदार रहें. कोई तीसरा आपके रिश्ते को बर्बाद कर देता है.

-कई बार पति या पत्नी एक-दूसरे को इगनोर करने लगते हैं. वे दूसरे की बात भी ध्यान से नहीं सुनते. ऐसे में दोनों में लड़ाई होने लगती है. कभी भी अपने रिश्ते को हल्के में ना ले. वरना बसी बसाई दुनिया उजड़ने में देर नहीं लगेगी.

काश कि ये दुनिया महिलाओं को समझ जाए ताकि उन्हें सुसाइड जैसे कदम ना उठाना पड़े. महिलाओं को अपने लिए लड़ना होगा, अपने लिए आवाज उठानी होगी. आत्महत्या कहीं से भी सही नहीं है. जिंदगी हसीन है इसे अपने लिए जीयो, जो आपकी कद्र नहीं करता उसके लिए मरने से क्या हांसिल हो जाएगा?

जिंदगी में कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो? उसका सामना करना सीखो, मौत को गले लगाना कायरता है. महिलाओं तुम अपने होने का दुनिया को एहसास कराओ. परिवार, पति, बच्चे, मायका, माता, पिता...सब जरूरी हैं लेकिन तुम सबसे ज्यादा जरूरी हो...

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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