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Updated: 24 फरवरी, 2023 09:44 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप 2023 (T20 World Cup 2023) के सेमीफाइनल में भारतीय महिला खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई टीम से हार का सामना करना पड़ा. मगर केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान में कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने जो कुछ कहा है, उसके लिए हिम्मत चाहिए.

असल में दोनों टीमों के बीच रोमांचक मुकाबला चल रहा था. ऐसा लग रहा था कि दूसरी बार टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच जाएगी मगर हरमनप्रीत रन आउट हो गईं, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को चुकाना पड़ा.

ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करने 20 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 173 रन बनाए थे. भारतीय खिलाड़ी इस लक्ष्य को पाने की भरपूर कोशश में लगी थीं. मगर उनके विकेट गिर जाने के कारण महज 5 रनों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि भारतीय टीम ने 167 रन बना लिए थे.

हरमन प्रीत को शायद यह अफसोस था कि 2 रन बनाने के चक्कर में वे आउट हो गईं. मगर उनकी कोशिश तो जीतने की थी. फिर भी उन्होंने अपनी इस गलती को दुनिया के सामने स्वीकार किया. इतना ही नहीं अपनी हार के बावजूद उन्होंने आस्ट्रेलिया टीम की तारीफ भी की. यह हर किसी के वश की बात नहीं है.

 Harmanpreet Kaur, Harmanpreet Kaur Runout, Harmanpreet Sunglasses, Harmanpreet Run out, Harman runout, India national cricket team, IND vs AUS Women, Harmanpreet kaur sunglassesहरमन प्रीत कौर हार के बाद अपने सीनियर साथी रहीं अंजुम चोपड़ से गले लगकर रोती दिखीं

अब वो बात करते हैं जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है. असल में सब अपने जीतने की बात करते हैं. कोई अपनी हार के बारे में बात नहीं करना चाहता. मगर हरमनप्रीत ने कहा है कि "मैं नहीं चाहती कि मेरा देश मुझे रोते हुए देखे, इसलिए मैंने यह चश्मा लगा रखा है. मैं वादा करती हूं, हम सुधार करेंगे और देश को फिर से इस तरह निराश नहीं करेंगे." उन्होंने अपने रनआउट होने को सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

अपनी हार को स्वीकार कर लेना छोटी बात नहीं होती. अपनी गलती मान लेना आसान नहीं होता. भला कौन अपने आपको दुनिया के सामने कमजोर दिखाना चाहता है? कोई नहीं चाहता है कि उसके आंसू किसी के सामने निकले मगर हरमन प्रीत कौर हार के बाद आंसुओं में भीग गईं थीं. वे वह अपने सीनियर साथी रहीं अंजुम चोपड़ से गले लगकर रोती दिखीं.

किसी के लिए सबके सामने रोना आसान नहीं होता. जब वे मैच के बाद प्रजेंटेशन के लिए पहुंचीं तो आंखों पर सनग्लासेस पहन रखे थे. उन्होंने जाहिर किया कि हां मैं रो रही हूं और अपने आंसुओं को चश्मे के पीछे छिपा रखा है. इंसान को जब तकलीफ होती है तो आंसू निकलना सामान्य सी बात है.

मेरे हिसाब से इसे कमजोरी से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. जो लोग रोने को गलत मानते हैं उन्हें समझने की जरूरत है. किसी के आंसुओं से आप उसकी ताकत का अंदाजा नहीं लगा सकते. जब दिल करे रो लेना चाहिए. रो लेने में कोई बुराई नहीं है. हां मगर इस तकलीफ की वजह से सबक जरूर लेना चाहिए औऱ हरमनप्रीत ने यही किया है. उन्होंने अपने रोने को सामान्य सी प्रक्रिया बताते हुए भविष्य में बेहतर करने की बात कही है.

शायद कम लोगों को पता था कि उन्हें बुखार था फिर भी वे मैच खेलने गईं थीं. हरमन ने कहा है कि वे अपनी टीम के साथ फिर से दमदार अवतार में वापसी करेंगी और यह बहादुर लोग ही करते हैं. अपनी हार से सबक लेकर आने बढ़ जाने वाले को ही एक दिन मंजिल मिलती है. 

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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