New

होम -> समाज

 |  एक अलग नज़रिया  |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 02 नवम्बर, 2022 08:08 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
  • Total Shares

मां तो आखिर मां होती है चाहें वह पुलिस अधिकारी हो या फिर घरेलू महिला...हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? आप केरल (Kerala) की इस सच्ची घटना से समझ जाएंगे. दरअसल, एक पति-पत्नी में आपसी विवाद के कारण एक 12 दिन का दुधमुंहा बच्चा अपनी मां से बिछ़ड़ गया था. इसके बाद उसने 3-4 दिनों तक दूध नहीं पिया. अब 12 दिन का बच्चा मां के दूध के सिवा कुछ खा भी तो नहीं सकता. इस कारण उसका शुगर लेवल गिर रहा था और वह थकी हालत में था.

दरअसल, 29 अक्टूबर को बच्चे की मां ने कोझीकोड के चेवयूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी पति से विवाद के बाद उसका बच्चा गायब है. उसका पति बच्चे को लेकर कहीं चला गया है. जांच में पुलिस को पता चला कि पिता बच्चे को लेकर बेंगलुरु जा सकता है, क्योंकि वह वहीं पर काम करता है. इसलिए पुलिस ने वायनाड बॉर्डर पर सभी पुलिस थानों को सतर्क कर दिया. जहां गाड़ियों की जांच के दौरान पुलिस ने बच्चे और पिता को ढूंढ लिया.

Female police officer M. R. Ramya Kerala, Infant baby, Breast feeding, Kerala, Woman police officer, Breastfeed, Kozhikode Chevayur Police Station, Police officer M.R Ramya मां तो आखिर मां होती है चाहें वह पुलिस अधिकारी हो या फिर घरेलू महिला

बच्चे की हालत खराब थी इसलिए उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां पता लगा कि स्तनपान ना करने की वजह से उसका शुगर लेवल काफी घट गया है. जब केरल की महिला पुलिस अधिकारी ने बच्चे को बेसुध हाल में देखा तो वे रह नहीं पाईं. उन्होंने डॉक्टर को बताया कि वे हाल ही में मां बनी है और बच्चे को स्तनपान कराना चाहती हैं. उन्होंने से डॉक्टर से परमिशन लेकर बच्चे को अपना दूध पिलाया. जिसके बाद बच्चे की हालत में सुधार होने लगा. इसके बाद उसी रात बच्चे को उसकी मां को सौंप दिया गया.

केरल की इस महिला पुलिस अधिकारी का नाम एम आर राम्या है जो बच्चे को लेने के लिए चेवयूर से वायनाड गईं थीं. उन्होंने हाल ही में मेटरनिटी लीव के बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी. वे खुद भी चार और एक साल के दो बच्चों की मां है. इसलिए उनके अंदर की ममता बच्चे का हाल देखकर चुप न रह पाई और उन्होंने एक दूसरी मां के बच्चे को दूध पिलाकर उसकी जान बचा ली.

अब राम्या के इस नेक काम के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक और केरल हाईकोर्ट के जज ने प्रमाण पत्र भेजकर उनकी तारीफ की है. राम्या को दिए गए सर्टिफिकेट में जस्टिस रामचंद्रन ने लिखा है कि, "आप आज पुलिस का सबसे अच्छा चेहरा हैं. आप एक उम्दा अधिकारी और एक सच्ची मां हैं! जीवन का अमृत स्तनपान एक दिव्य उपहार है जो केवल एक मां ही दे सकती है. आपने अपनी ड्यूटी के समय यह नेक काम किया है. हम सभी में आप भविष्य के लिए मानवतावाद की आशा को जीवित रखती हैं." वहीं एसपीसी अनिल कांत ने सीपीओ राम्या को उनके परिवार के साथ पुलिस हेडक्वार्टर पर बुलाकर एक प्रशस्ति प्रमाण पत्र सौंपा और कहा कि "उनके काम ने फोर्स की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है."

हम पुलिस के जितने चेहरे देखते हैं. उनमें राम्या का चेहरा सबसे अच्छा है. आम लोग तो पुलिस के नाम से डरते हैं. आखिर इतना खौफ उनके मन में कहां से बैठा है और क्यों बैठा है? सोचने वाली बात है कि आखिर पुलिस का चेहरा लोगों को इतना क्रूर क्यों लगता है? हालांकि इन्हीं पुलिस वालों में कुछ चेहरे रौम्या की तरह होते हैं जो अपनी ड्यूटी से कहीं ज्य़ादा कर जाते हैं. हमें यकीन है कि आपने मां की ममता के ऊपर जितनी कहानियां सुनी होंगी उनमें यह सच्ची कहानी सबसे अलग है. तो फिर आप क्या आप रौम्या जैसे ऑफिसर की तारीफ नहीं करना चाहेंगे?

#नवजात, #दूध, #स्तनपान, Female Police Officer M. R. Ramya Kerala, Infant Baby, Breast Feeding

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय