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Updated: 09 अगस्त, 2022 06:25 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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दाग अच्छे हैं...लेकिन इतने भी अच्छे नहीं कि चेहरे पर नकली दाग (scar) बनाए जाएं. वो भी इसलिए ताकि इससे चेहरा दूसरों से अलग दिखे. ऐसा लग रहा है कि लड़कियां सुंदर दिखने की चाह में पागल होती जा रही हैं. देख रहे हो ना बिनोद...चेहरे पर नकली दाग-धब्बे और झाइयां (Fake Freckles) बनाकर लड़कियों को लग रहा है कि वे सुंदर लग रही हैं.

जी हां, आपने सही सुना है. आज कल लड़कियां अपने चेहरे पर नकली दाग को फ्लॉन्ट कर रही हैं. जिसके लिए वे नुकीले ब्रश या टूथ ब्रश का इस्तेमाल करने से भी परहेज नहीं कर रही हैं. ये वही दाग हैं जिसके दिखने पर लड़कियां टेंशन में पड़ जाती थीं. वे 10 तरह के दादी मां के घरेलू नुख्शे आजमाकर दाग को अपने गालों से खत्म कर देना चाहती थीं, लेकिन आज कल कुछ लड़कियों को इस तरह के दाग अच्छे लगने लगे हैं.

scars, fake freckle, alia bhatt  आज कल लड़कियां आलिया भट्ट की तरह अपने चेहरे पर नकली दाग को फ्लॉन्ट कर रही हैं

मान लीजिए अगर किसी लड़की के चेहरे पर पहले से पिंपल या तिल की तरह दिखने वाले दाग हैं तो समझ आता है. उन्हें फाउंडेशन या कंसीलर से छिपाने की जरूरत नहीं है. मगर जिनका चेहरा एक दम साफ है, वे अपने चेहरे पर नकली दाग इसलिए बना रही हैं ताकि वे कूल लग सके. मतलब, उन्हें मेकअप भी करना है और दाग भी दिखाना है.

असल में यह दाग वाला ब्यूटी ट्रेंड हॉलीवुड की गलियों से होकर बॉलीवुड में आया और अब आम लड़कियों तक पहुंच गया है. कुछ महीनों पहले आलिया भट्ट ने इन्हीं दागों के साथ फोटो शूट करवाया था. इसके बाद जान्हवी कपूर और जैकलीन फर्नांडिस ने भी इन दागों को फ्लॉन्ट किया था. फिर क्या हो गईं लड़कियां इन दागों के पीछे पागल...

fake freckle, scar, beauty trend  अब लड़कियां विदेशी गोरी मैम की तरह दिखना चाहती हैं

आलिया के इस लुक के लिए सबसे पहले चेहरे पर मेकअप कर लिया जाता है. फिर अपनी स्किन टोन से डार्क रंग के फाउंडेशन और पिन ब्रश की सहायता से चेहरे पर छोटे-छोटे तिल की तरह नकली दाग बनाए जाते हैं. इसके बाद लूज पाउडर की सहायता से इसे सेट कर लिया जाता है. माने लड़कियां अपने गालों को गुलाबी तो करती हैं लेकिन अपने दागों के ऊपर...जिसे देखने से लगता है कि यह तो एकदम नेचुरल दाग है. लड़कियां कितनी मॉर्डन सोच रखती हैं जो अपने दागों को छिपाती नहीं है. इस तरह ये लड़कियां खुद को वोक समझती हैं.

सोचिए यह मेकअप ट्रेंड क्या उन महिलाओं को दुख नहीं पहुंचाएगा जिन्हें स्किन से जुड़ी कोई बीमारी हो, या उनके चेहरे पर दाग हों. खैर, इस जमाने में खुद को अलग दिखाने के लिए लोग वैसे ही कुछ भी करने को तैयार हैं. खूबसूरत दिखने के लिए कई लड़कियां दर्द झेलने को तैयार हैं तो फिर उनके लिए नकली दाग बनाना कौन सी बड़ी बात है?

पार्लर के चक्कर लगने वाली लड़कियां कब बोटोक्स का इंजेक्शन लगवाने लगती हैं उन्हें पता भी नहीं चलता है. वे पूरे शरीर पर टैटू करा लेती हैं, बालों को लाल-पीला कर लेती हैं. आइब्रों से लेकर नाभि तक पियरसिंग करा लेती हैं. जब भूखे पेट रहकर भी उनका पेट, अंतड़ी में नहीं आता तो वे फैट फ्री सर्जरी कराने से भी बाज नहीं आती. इस तरह खूबसूरती के भंवर में फंसकर धंसती चली जाती हैं.

असल में हॉलीवुड और बॉलीवुड की अभिनेत्रियों के पीछे तो टीम होती है. जो उनके खाने-पीने से लेकर सोने-जगने का भी ख्याल रखती है. यह बात कुछ कम दिमाग लड़कियों के समझ में नहीं आती और वे बिना सोचे-समझे ही हीरोइन को कॉपी करने लगती हैं. इतना कुछ करने के बाद जब उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है तो वे अंत में खुद की पहचान के लिए तरसने लगती हैं.

लड़कियों को समझना होगा कि आलिया भट्ट या किम कार्दशियन को पसंद करना अलग बात है...और उनकी लाइफ स्टाइल को कॉपी करना अलग. इसलिए हमें वही बने रहना चाहिए जो हम असल में हैं, क्योंकि हर इंसान अपने आप में खूबसूरत है. 

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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