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Updated: 07 अक्टूबर, 2020 09:56 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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इंसान विचित्र है. गलती करता है और दोष दूसरे को देता है. मनुष्यों की ये समस्या कोई आज की नहीं है बरसों से यही सब चला आ रहा है. इंसान के द्वारा की गयी गलती कभी कभी किस हद तक भारी होती है. गर जो इस बात को समझना और इसका अवकोलन करना हो तो हम श्रीलंका के रुख कर सकते हैं. श्रीलंका में जंगली हाथी (Wild Elephants) जंगल में न होकर कूड़े के ढेर में हैं और खाना तलाश रहे हैं. प्रकृति का ये रूप न केवल विचलित करने वाला है बल्कि हमें ये भी सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी लापरवाहियां और मूर्खता अब हमें कम प्रकृति और जानवरों को ज्यादा प्रभावित कर रही है. श्रीलंका से आ रही इन तस्वीरों ने पूरे इंटरनेट पर कोहराम मचा दिया है. तमाम तरह की बातें हो रही हैं और प्रतिक्रियाओं का अंबार लगा है. लोगों का तर्क है कि आज इस तरह हाथी जो कूड़े के ढ़ेर में हैं और भोजन के लिए इधर इधर मुंह मार रहे हैं इंसान ही उसे इस मुहाने पर लाया है.

Elephant, Srilanka, Jungle, Animals, Human, Deathश्रीलंका में कूड़े के ढेर में खाना तलाश करत्ते जंगली हाथी 

इंटरनेट पर तहलका मचा रही इन तस्वीरों को Tharmaplan Tilaxan नाम के फोटो ग्राफर ने क्लिक किया है. Tilaxan जाफना के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि Tilaxan जंगली जानवरों और उनकी खाने की आदतों पर रिसर्च कर रहे हैं.

मीडिया से बात करते हुए Tilaxan ने बताया है कि कई बार ऐसा होता है कि आसपास के गांव में रहने वाले किसानों की फसलें भी हाथी बर्बाद कर देते हैं. इसके चलते इंसान और जानवरों विशेषकर हाथियों में संघर्ष देखने को मिल रहा है और इंसानों और जानवरों के बीच का रिश्ता बेहद पेचीदा हो गया है.

फोटोग्राफर Tilaxan इस बात से खासे दुखी हैं कि हाथियों को इस प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने के लिए किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

हाथियों के इस तरह कूड़े के ढ़ेर में प्लास्टिक खाता देखकर पर्यावरण पर काम करने वाले लोग खासे चिंतित हैं. ऐसा इसलिए क्यों कि न केवल ये कचरा हाथियों के पेट में जा रहा बल्कि मल के रूप में ये जंगलों में जा रहा है जिससे अन्य जानवरों की जान पर खतरा बना हुआ है.

Tilaxan का मानना है कि जल्द ही हालात सही होंगे और जल्द ही हम इस समस्या के निस्तारण पर पहुंचेंगे. हाथियों की ये बदहाली कब सही होगी इसका फैसला वक़्त करेगा. लेकिन वर्तमान में जंगली हाथियों के साथ जो दुर्दशा हो रही वो न केवल विचलित करती है बल्कि इसे देखकर दुख भी खूब हो रहा है. महसूस  होता है कि जिस इंसान ने प्रकृति और उसमें रहने वाले जीवों का ये हश्र किया है वो किस मुंह से उससे नजरें मिलाएगा? नजरें मिलाएगा या यूं ही बेगैरत बन निकल जाएगा? 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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