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Updated: 06 अप्रिल, 2020 06:02 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे वैसे भारत (India) में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रति आम लोगों में डर बढ़ता जा रहा है. जिक्र मामलों का हो तो अब तक भारत में 4067 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 109 लोग इस बीमारी के चलते अपना दम तोड़ चुके (Coronavirus Death In India) हैं. चीन (China) को तबाह करने के बाद पूरी दुनिया को अपने खौफ से आतंकित करने वाले कोरोना वायरस (Coronavirus) का सबसे खौफनाक रूप, वर्तमान में हम अमेरिका में देख रहे हैं. कोरोना के आगे सुपर पावर अमेरिका (America) ने भी घुटने टेक दिए हैं. अमेरिका मरते हुए लोगों को बचाने में नाकाम है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ,बेबस खड़े मौत का मंजर अपनी आंखों से देख रहे हैं. अब तक मरते हुए इंसानों को बचाना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रह था. मगर अब कोरोना वायरस ने अमेरिका में जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. खबर है कि न्यूयॉर्क (Newyork) के ब्रोंक्स चिड़ियाघर (Bronx Zoo) में नाडिया नाम के एक बाघ (Tiger) को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.

Coronavirus, Tiger, Lion, America, Donald Trumpन्यूयॉर्क की मूर्खता का खामियाजा चिड़ियाघर के बाघों को भुगतना पड़ रहा है

चिड़ियाघर की वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी के मुताबिक चिड़ियाघर के ही किसी कर्मचारी से 4 साल के मलायन प्रजाति के बाघ तक कोरोना का संक्रमण पहुंचा है. अमेरिका के कृषि विभाग के नेशनल वैटनरी सर्विसेज लैबरोटरीज के अनुसार जानवरों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की यह पहली घटना है. बताया जा रहा है कि टाइगर का सैम्पल लेकर उसे टेस्ट के लिए भेजा गया जिसमें बाघ के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं. इस खबर के बाद पूरे ब्रोंक्स चिड़ियाघर में हड़कंप मच गया है.

चिड़ियाघर अधिकारीयों ने ज़ू में मौजूद अन्य शेर और चीतों के सैंपल लिए हैं. इन जानवरों में भी कोरोना के शुरूआती लक्षण साफ़ तौर पर दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि अमेरिका में न्‍यूयॉर्क शहर कोरोना वायरस से सबसे ज्‍यादा प्रभावित है. अमेरिका में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के कारण 1200 लोगों की मौत हो चुकी है. यह अब तक अमेरिका में एक दिन में कोरोना वायरस के करण हुई सबसे ज्‍यादा मौत हैं.

ब्रोंक्स चिड़ियाघर में आए कोरोना के इस मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि कोरोना पॉजिटिव आए इस शेर के अलावा इसकी बहन अजुल और 3 अफ्रीकी शेर सूखी खांसी की चपेट में हैं. मामले में राहत की बात ये है कि इनके अलावा ये लक्षण अभी किसी और जानवर में नहीं दिखे हैं. चिड़ियाघर प्रशासन ने इनको अलग कर दिया है ताकि दूसरे जानवरों को बचाया जा सके.

खबर के भारत में भी मचा हड़कंप

अब तक यही समझा जा रहा था कि ये बीमारी सिर्फ इंसानों में बनी है और जानवर इससे बचे हैं लेकिन अमेरिका से आ रही इस खबर के बाद ये मिथक भी टूट गया है. स्थिति जब ऐसी वो तो भारत का चिंतित होना स्वाभाविक था. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने देश के सभी चिड़ियाघरों को हाई अलर्ट में रहने और संदिग्ध मामले में सैम्पल लेने के लिए कहा है. ब्रोंक्स चिड़ियाघर की तरह से लिखे गए पत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि सभी चिड़ियाघर सतर्क रहे और सीसीटीवी कैमरे के जरिये जानवरों पर नजरें बनाए रहें.

यदि उन्हें जानवरों की तबियत ख़राब दिखाई देती है या कुछ भी ऐसा लगता हो जो सामान्य नहीं है तो इसका फ़ौरन ही गंभीरता से संज्ञान लें और जानवरों के सैम्पल लेकर उसे परीक्षण के लिए भेजें. पत्र में इस बायत पर बल दिया गया है कि चिड़ियाघर बिल्ली की प्रजातियों, गंधबिलाव और बंदरों पर विशेष नजर रखें। इसके अलावा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने पशु स्वास्थ्य संस्थानों को भी निर्देशित किया है कि वो भी मामले में बिलकुल भी लापरवाही न करें.

गौरतलब है कि आईसीएमआर ने चिड़ियाघरों को पहले ही गाइड लाइन जारी की थी कि वो उन जानवरों पर पैनी नजर रखें जो कीड़े मकौड़े या मांस का भक्षण करते हैं. साथ ही तब इस बात का भी जिक्र हुआ था कि प्रत्येक 15 दिनों में संदिग्ध जानवरों की जांच कराई जाए.

तमाम गाइड लाइंस के बाद चिड़ियाघर ने तमाम जरूरी प्रयास करने शुरू कर दिए थे. मगर अब जबकि जानवरों में कोरोना का पहला मामला अमेरिका से आ चुका है. भारत के तमाम चिड़ियाघरों में कार्यरत अधिकारीयों के हाथ पैर फूलने लगे हैं. भारत में भी सरकार के लिए चुनौती इंसानों की जान बचाना था लेकिन अब जबकि जानवर भी रडार पर हैं तो प्रयास और परेशानियां दोहरी हैं.

इंसानों के अलावा जानवरों के लिए सरकार क्या करती है जवाब वक़्त देगा. लेकिन इस खबर से उन लोगों को जरूर तकलीफ हुई है जिन्हें जीव जंतुओं से प्यार था और जो उनके संरक्षण से जुड़े थे. अगर जानवरों में भी कोरोना होता है तो ये खबर भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि वन्य जीवों उनमें भी बिल्ली की प्रजातियों की एक अच्छी आबादी भारत में रहती है जिनको बचाने के लिए पहले ही सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है.

यदि कोई अनहोनी कोरोना के कारण होती है तो ये उन तमाम प्रयासों को प्रभावित करेगी जोकि वन्य जीवों के लिहाज से कहीं से भी राहत देने वाली खबर नहीं है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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