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Updated: 05 अक्टूबर, 2018 12:21 PM
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भारत में लड़के और लड़कियों के लिए एक बेहद जरूरी रिवाज है और वो है शादी. इसे किसी रिवाज की तरह ही मानें क्योंकि ये करना बहुत जरूरी है और जिसने 'सही उम्र' (सामाजिक हिसाब से) में शादी नहीं की उसे यकीनन ताने और सवालों का सामना करना पड़ेगा. शादी करने के लिए तरह-तरह की चीज़ें आजमाई जाती हैं, रिश्तेदारों को बताया जाता है, मोहल्ले में लोगों को बताया जाता है, मैट्रिमोनियल वेबसाइट में देखा जाता है कि बस कोई अच्छा लड़का/लड़की मिल जाए हमारे बच्चे के लिए और शादी कर दें उसकी. गूगल में मैट्रिमोनियल साइट डालकर देखें शायद ही ऐसी कोई वेबसाइट आएगी जो भारत की न हो.

ऑनलाइन दूल्हे या दुल्हन को खोजना बहुत मुश्किल काम है और जरूरी नहीं कि आपको सही इंसान मिल ही जाए. ऐसे में मैट्रिमोनियल वेबसाइट के ग्राहक खुद को ठगा हुआ सा महसूस करते हैं. पर चंडीगढ़ की एक महिला ने मैट्रिमोनियल वेबसाइट के साथ जो किया वो शायद काम न होने पर पैसे वापस मिलने का सबसे बढ़िया उदाहरण है.

चंडीगढ़ की एक लड़की ने weddingwish.co वेबसाइट का इस्तेमाल किया. ये वेबसाइट चंडीगढ़ और पंजाब में बहुत लोकप्रिय है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के हिसाब से इस वेबसाइट से महिला ने 70 हज़ार रुपए ले लिए क्योंकि उसे दूल्हा नहीं मिला था.

मैट्रिमोनियल, शादी, विज्ञापन, महिलाएं, सोशल मीडियामैट्रिमोनियल वेबसाइट्स ये दावा करती हैं कि साथी मिल ही जाएगा पर ऐसा होता नहीं है

सेक्टर 27 चंडीगढ़ में रहने वाली एक महिला ने सेक्टर 36 स्थित weddingwish.co में खुद को एनरोल किया और फिर उनका रॉयल प्लान लिया. ये किस्सा है जून 2016 का. वेबसाइट ने दावा किया था कि 1 साल के अंदर दूल्हा मिल जाएगा. इसके लिए महिला ने वेबसाइट को 58,650 रुपए भी दिए थे.

वेबसाइट ने कुछ 21 मैट्रिमोनियल प्रोफाइल भेजीं और महिला से मिलने को या बात करने को कहा, लेकिन महिला को कोई प्रोफाइल पसंद नहीं आई. महिला ने इसके बाद कंज्यूमर फोरम को शिकायत कर दी और अब उसका फैसला आया है. अपनी शिकायत में महिला ने कहा है कि जो भी प्रोफाइल्स उसे भेजी गई थीं वो बेकार थीं और कोई भी ऐसा नहीं था जिससे मिला जा सके.

उसने जिस प्लान को चुना था और मैट्रिमोनियल वेबसाइट को पैसे दिए थे उसमें उसे 21 प्रोफाइल मिलनी थीं जिसके बाद पोर्टल को ही चुनिंदा प्रोफाइल्स के साथ मीटिंग करवानी थी और आगे बात बढ़ानी थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उसे सिर्फ प्रोफाइल भेजी गईं. इसके बाद महिला ने कंज्यूमर फोरम को केस सौंप दिया.

क्या कहना है कंज्यूमर फोरम का?

फोरम का कहना है कि भले ही वेबासइट ने प्रोफाइल भेजी हों, लेकिन महिला को सिर्फ नंबर दिया गया और पूरी डिटेल्स नहीं. अगर ऐसा न होता और ठीक से उसे हर बात बताई जाती तो उसके साथ ऐसा न होता और शादी के लिए कोई न कोई सही लड़का मिल जाता. लेकिन वेबसाइट ने ऐसा नहीं किया और महिला की शादी नहीं हो सकी. जो प्लान दिया गया था वो कुछ और था और महिला से जो वादा किया गया था वो भी अलग था ऐसे में महिला का पूरा हक बनता है अपना नुकसान वसूलने का.

कंपनी का कुछ और ही कहना है..

कंपनी का कहना है कि महिला को 21 प्रोफाइल भेजी जानी थी, लेकिन उन्होंने 37 भेजीं पर महिला हर बार लड़कों को रिजेक्ट करती गई और बाद में महिला ने उनकी कॉल उठानी भी बंद कर दी थी.

हालांकि, कंज्यूमर फोरम ने फैसला महिला के हक में सुनाया है. अब महिला को 58,650 रुपए के साथ एक्स्ट्रा 7000 रुपए वेबसाइट ने दिए हैं ताकि महिला द्वारा उठाए गए लीगल खर्च की भी भरपाई हो सके.

कंज्यूमर फोरम ने अपने बयान में कहा है कि अगर सही प्रोफाइल नहीं दी जाएगी तो भला शादी के लिए बात कैसे होगी. अब साल भर के बाद फैसला आया है तो ये कहा जा सकता है कि फोरम ने सभी पक्षों का ठीक तरह से अध्ययन किया होगा.

पर सोचने वाली बात ये है कि वाकई कई विज्ञापन हमें इस कदर वादे कर देते हैं कि लगता है जैसे बस हमारी जिंदगी बेहतर हो जाएगी उनका प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पर ऐसा होता नहीं है. न तो किसी परफ्यूम को लगाने से लड़कियां पास आती हैं और न ही किसी मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर इस बात की गारंटी होती है कि साथी मिल ही जाएगा. आखिर किसी मैच मेकिंग वेबसाइट का क्या मतलब है अगर मैच मिले ही न तो?

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