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Updated: 12 जनवरी, 2019 02:44 PM
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एक महिला के लिए मां बनना बेहद सुखद अनुभव माना जाता है. पर एक पुरुष के लिए ये जिम्मेदारी भरा हो सकता है. खास तौर पर तब जब एक पुरुष बच्चे को जन्म दे. पुरुषों या यूं कहें ट्रांसजेंडर पुरुषों के बच्चों के जन्म देने की घटनाएं अब अनोखी नहीं रहीं. दुनिया के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आ चुकी हैं. अब ऐसे ही एक पुरुष ने अपनी कहानी साझा की है.

हेडेन क्रॉस 9 जनवरी को एक ब्रिटिश टीवी चैनल ITV के शो पर इंटरव्यू के लिए आए थे. हेडेन ने 2017 में इतिहास रच दिया था क्योंकि वो ब्रिटेन के पहले पुरुष थे जो मां बने थे. दरअसल, हेडेन का जन्म एक महिला के तौर पर हुआ था. पर हेडेन ने सेक्स चेंज करवाने की सोची पर ट्रांजीशन पीरियड के बीच ही उन्हें लगा कि उन्हें अपना खुद का बच्चा चाहिए और इसलिए उन्होंने ट्रांजीशन रोककर मां बनने का फैसला लिया.

अपना सेक्स चेंज करवाने से पहले हेडेन ऐसी दिखती थीं. उनका नाम पेज (Paige) था.अपना सेक्स चेंज करवाने से पहले हेडेन ऐसी दिखती थीं. उनका नाम पेज (Paige) था.

आखिर क्यों लिया हेडेन ने ऐसा फैसला?

हेडेन क्रॉस जो की पहले लड़की थीं सेक्स चेंज ऑपरेशन करवा रही थीं कि ट्रीटमेंट के बीच उन्हें पता चला कि वो शायद कभी बायोलॉजिकल पेरेंट ना बन पाएं. अपना बच्चा चाहने वाली हेडेन ने उस समय तक अपना गर्भाशय नहीं निकलवाया था. उन्होंने स्पर्म डोनर का सहारा लिया और अपनी प्रेग्नेंसी की घोषणा की थी. हेडेन ने जब प्रेग्नेंसी की घोषणा की थी तब उन्हें लोगों ने जान से मारने तक की धमकी दी थी. कारण ये था कि वो अपनी खुशी के लिए अपने हिसाब से नियम तोड़ मरोड़ रही थीं. हेडेन ने बीच में ही अपना ट्रांजीशन बंद करवा दिया था और गर्भ धारण किया था.

खुद मां बनकर कहा किसी को नहीं करना चाहिए ऐसा-

हेडेन खुद तो मां बन गईं और उसके बाद अपना ट्रांजीशन पूरा कर पूरी तरह से पुरुष भी बन गईं पर बच्ची को जन्म देने के एक साल बाद उन्होंने कहा है कि ऐसा सबको नहीं करना चाहिए.

हेडेन का कहना है कि एक ट्रांसजेंडर पुरुष होने के कारण उन्हें कभी वो सपोर्ट नहीं मिल पाया जो एक महिला को बच्चा पैदा करने के समय मिलता है. डिलिवरी के समय बहुत सी भावनाएं आती हैं, लेकिन अंत में कोई साथ नहीं होता.

हेडेन क्रॉस और उनकी बेटी ट्रिनिटीहेडेन क्रॉस और उनकी बेटी ट्रिनिटी

हेडेन का कहना है कि अगर किसी ऐसे इंसान को बच्चे चाहिए भी तो उन्हें अपना सपोर्ट सिस्टम पहले से तैयार कर लेना चाहिए. अगर कोई साथ देने वाला नहीं है तो खुद को पहले से ही मानसिक तौर पर तैयार कर लेना चाहिए कि उसे बहुत लंबी जंग लड़नी है.

हेडेन को सिर्फ ब्रिटेन से ही नहीं बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कई जगहों से धमकियां मिल रही थीं और उन्हें इतनी मानसिक यातनाएं मिलीं कि उन्होंने अपना सोशल मीडिया अकाउंट ही डिलीट कर दिया. लोग कहते थे कि वो उन्हें और उनके बच्चे को नुकसान पहुंचाएंगे.

बच्चे को जन्म देने का फैसला सिर्फ इसलिए था क्योंकि हेडेन नहीं चाहते थे कि उन्हें आगे चलकर किसी पर निर्भर रहना पड़े. परिवार की जरूरत को वो अपने बच्चे के सहारे पूरा करना चाहते थे. ट्रिनिटी को जन्म देना और उसे पालने के बारे में अभी भी हेडेन कहते हैं कि वो बहुत खुश हैं. उनके लिए ये जिंदगी का सबसे हसीन समय है क्योंकि उनका बच्चा उनके साथ है, लेकिन फिर भी वो मानसिक तौर पर मिल रही प्रताड़ना से बेहद दुखी हैं. उनका कहना है कि वो लोग जो उन्हें नहीं जानते, जो उनसे दूर-दूर तक जुड़े हुए नहीं हैं वो भी उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं.

शो के दौरान हेडेन ने कहा कि, 'मैं झूठ नहीं बोलूंगा. ये बहुत अजीब था. मैं ये करना नहीं चाहता था, लेकिन कोई ऑप्शन नहीं था. उस समय बहुत सी भावनाएं मन में थीं. मैं किसी को ये नहीं कहूंगा कि वो ऐसा करे. ये बहुत मुश्किल था.'

हेडेन ने ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया और उसके 11 महीने बाद अपने ब्रेस्ट निकलवा लिए. अब वो आगे बची हुई सर्जरी तब करवाएंगे जब वो तैयार होंगे. ट्रांजिशन के समय प्रेग्नेंसी बेहद कठिन साबित हुई और सबसे ज्यादा कठिन था लोगों का व्यवहार.

ये समाज ही तो है जो किसी भी मामले में इंसान को अपने हिसाब से जीने नहीं देता. नियम और कायदे सही हैं, लेकिन अगर कोई इंसान बिना किसी और को नुकसान पहुंचाए अपनी खुशी के लिए कुछ अलग करना चाहता है तो उसे हमारा समाज नहीं अपनाता. हमारा समाज उसे प्रताड़ना देता रहता है. उसे जान से मारने की धमकी देता है. सही मायने में ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि उस समय अकेलेपन की हद में भी हेडेन को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं वो भी सिर्फ अपने देश से नहीं विदेश से भी. कितना घबरा गया होगा वो इंसान कि उसे अपने आप को सीमित करना पड़ा. सोचने वाली बात है कि किसी दर्द या शारीरिक तकलीफ के कारण नहीं बल्कि मानसिक प्रताड़ना के कारण हेडेन किसी और को ऐसा करने से मना कर रहे हैं.

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