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Updated: 02 जून, 2018 08:28 PM
मोहित चतुर्वेदी
मोहित चतुर्वेदी
  @mohitchaturvedi123
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कभी चोटियां कट रही हैं... कभी चुड़ैल के आने की बात होती है... तो कभी भगवान अपने आप दूध पीते नजर आने लगते हैं... अलौकिक शक्ति, अंधविश्वास या धार्मिक फरेब जो भी कहें - कहना मुश्किल है ये किस तरह का चमत्कार है. अचानक चोटी कट जाने की घटनाओं की ही तरह दिल्ली और आस पास के इलाकों में मंकीमैन का आतंक मचा हुआ था.

चोटी काटने वाली चुड़ैल

दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहां महिलाएं अपनी चोटी कट जाने से दहशत में हैं. सुनने में तो ये कोरी अफवाह लगती है, लेकिन कई महिलाएं सबूतों के साथ दावा कर रही हैं.

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अब इसके पीछे सच क्या है, ये तो फिलहाल किसी को नहीं पता लेकिन लोग अपनी-अपनी थ्योरी लेकर जरूर आ रहे हैं. किसी का कहना है कि चुड़ैल चोटी काट रही है तो कोई कह रहा है कि चोटी काटकर कोई मक्खी बनकर उड़ जाता है. कुछ लोग किसी त्रिशूल वाले शख्स द्वारा उनकी चोटी काटे जाने का दावा कर रहे हैं. हालांकि, अभी तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. गांव में लोग रात-रात भर पहरा दे रहे हैं. हालत ये है कि कई जगह तो महिलाएं अपनी चोटी की हिफाजत के लिए सिर पर कपड़े बांधकर सो रही हैं.

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जब दिल्ली में मंकीमैन ने मचायी दहशत

साल 2001 की बात है. मई के महीने में भीषण गर्मी के बावजूद लोग बंद कमरे में सोने को मजबूर थे. वजह था मंकीमैन का खौफ. मंकीमैन की अफवाह पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, नोयडा और उसके आसपास के क्षेत्रों में फैली हुई थी. मंकीमैन की दहशत से दुर्घटनाओं में कम से कम 6 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था.

मंकीमैन से एनकाउंटर की हर शख्स की अपनी कहानी थी. कोई कहता वो बंदर लंबी छलांगें लगा सकता है, उसके तेज नाखून हैं. उसके शरीर में बिजली दौड़ती है. किसी को ये बंगाल का जादू लगा तो किसी को पाकिस्तानी साजिश. कुछ दिन बाद वो बंदर लोगों को दिखना बंद हो गया और फिर धीरे-धीरे लोग उसे भूल गए. वो कौन था, कहां से आया था, आया भी था या सिर्फ किसी की कल्पना थी, इन सवालों के जवाब अब तक नहीं मिल पाये हैं.

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जब दूध पीने लगी गणेश की मूर्ति

1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को अचानक अफवाह फैल गयी कि गणेश की प्रतिमाएं दूध पी रही हैं. देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई. न्यूज चैनलों पर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता भी गणेश की मूर्ति को दूध पिलाते दिख रहे थे. लोगों ने एक दूसरे को फोन कर इसकी सूचना दी. जिसको जहां मौका मिला गणेश के मंदिर पहुंचा और दूध पिलाने लगे.

ये बात दुनिया भर में फैल गई. अमेरिका की "हिन्दूइज्म टूडे" मैगजीन ने तो इसके पीछे की कहानी भी खोज डाली. मैगजीन के अनुसार एक आदमी को सपने में भगवान गणेश दिखाई दिए और उन्होंंने दूध पीने की इच्छा जाहिर की. जागते ही वो व्यक्ति नजदीक के मंदिर में गया और पुजारी से गणेशजी को दूध पिलाने की बात कही. जब उसने गणेश प्रतिमा को दूध पिलाया, तो जो कुछ दोनों ने देखा वह विस्मयकारी था. गणेश प्रतिमा ने देखते ही देखते सारा दूध पी लिया. लेकिन तमाम रिसर्च के बाद भी वैज्ञानिक इसको सुलझा नहीं पाए और अब तक ये रहस्य ही बना हुआ है.

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जब समुद्र से निकला मीठा पानी

अचानक किसी ने अफ़वाह उड़ाई कि माहिम बीच के पास समुद्र का पानी पीने में मीठा लग रहा है. फिर क्या था देखते देखते लोगों की भीड़ जुट गयी और पानी पीने की होड़ मच गई. धीरे धीरे लोगों ने डिब्बों, बोतलों या फिर जैसे बन पड़ा वैसे पानी भरने लगे. अंधविश्वास इस क़दर हावी हुआ कि कुछ लोग इसे एक सूफी संत का 'चमत्कार' बताने लगे.

कुछ ने तो इसे दवा के रूप में सहेज कर रखने का फैसला किया. उनका कहना था कि इस पानी से कई मर्ज़ दूर हो सकते हैं. सरकार की ओर से पानी न पीने की अपील भी की गई, लेकिन कोई सुनने को राजी हो तब तो. मीठा पानी कब फिर से खारा हो गया पता ही नहीं चला. रहस्य वैसे ही बरकरार है.

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“झलक दिखला जा” सुन आ जाते हैं भूत

साल 2006 का वाकया है. अफवाह फ़ैली कि “झलक दिखला जा” सुन कर भूत आ जाते हैं. फिल्म से भी ज्यादा इसका गाना फेमस हुआ. फिल्म का नाम था ‘अक्सर’. इसके सिंगर हिमेश रेशमिया हैं. कहा जाने लगा कि जब ‘झलक दिखला जा’ कोई गाता या बजाता है तो भूत आ जाते हैं और जो सामने मिलता है उसी को पकड़ लेते हैं.

ये अफवाह सबसे पहले गुजरात में उड़ी - वडोदरा के एक गांव भलेज से इसकी शुरुआत हुई. गांव के लोगों के मुताबिक, गाने के बोल ‘एक बार आ जा-आ जा’ सुन कर भूत आते थे.

गांव में एक से बढ़ कर भूतों की कहानियां बनाई गयीं. फिर गांव में ये गाना ही बैन कर दिया गया.

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चुडैल खटखटाती थी दरवाजा

बेंगलुरू के एक गांव में एक चुडैल घर के बाहर आती है और लोगों के दरवाजे खटखटाती है. जो भी दरवाजा खोलता है उसकी मौत हो जाती है. लोगों ने चुड़ैल से पीछा छुड़ाने के लिए मेन गेट पर लिख दिया - 'नाले बा' यानी कल आना. लोग मानते हैं कि फिर ही चुड़ैल रोज आती है और दरवाजा खटखटाती है.

कई लोग तो यहां तक बताते कि चुड़ैल दरवाजा खटखटाते वक्त घर के मालिक की आवाज में बोलती थी. खौफ इतना बढ़ गया कि लोगों ने पूजा-पाठ का सहारा लिया. कुछ दिन बाद ये सब तो बंद हो गया लेकिन सच्चाई का पता न चला.

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लेखक

मोहित चतुर्वेदी मोहित चतुर्वेदी @mohitchaturvedi123

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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