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Updated: 29 जुलाई, 2018 02:51 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जब से आधार व्यवस्था लागू की गई है, तभी से सरकार हर चीज को आधार से लिंक करवाने के पीछे पड़ी हुई है. अगर सुप्रीम कोर्ट बीच में दखल ना देता तो शायद आज सरकार अपना ये फैसला लोगों पर थोपने में कामयाब भी हो जाती. लेकिन अगर सिर्फ आधार से ही सारे काम हो जाएं, आपको न पैन की जरूरत पड़े न वोटर आईडी की, तो इसमें बुरा क्या है? दरअसल, इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन आधार के सुरक्षित होने के दावे आए दिन फेल होते जा रहे हैं. अक्सर ही लोगों की जानकारियां कई तरह की वेबसाइट पर सार्वजनिक हो जाती हैं, जिससे आधार से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है. इसी बीच ट्राई के प्रमुख आरएस शर्मा ने लोगों को ये दिखाना चाहा कि आधार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना आधार नंबर सार्वजनिक कर दिया. अब तो पीएम मोदी से उनका भी आधार नंबर मांगा जा रहा है.

दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने शनिवार को उस वक्त सभी को चौंका दिया, जब उन्होंने अपना आधार नंबर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. दरअसल, एक शख्स ने उन्हें चुनौती दी थी कि अगर उन्हें लगता है कि आधार व्यवस्था एकदम सुरक्षित है, तो वे अपना आधार नंबर सार्वजनिक कर के दिखाएं. बस फिर क्या था, आरएस शर्मा ने भी न आव देखा न ताव, अपना पक्ष प्रमाणित करने के लिए ट्विटर पर अपना आधार नंबर शेयर कर दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने तो एक चुनौती भी दे डाली. उन्होंने लिखा- 'अब मैं आपको चुनौती देता हूं, मुझे कोई एक उदाहण दो कि तुम मुझे कोई नुकसान पहुंचा सकते हो.' हालांकि, आरएस शर्मा को किसी ने कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाया, लेकिन उनकी कई निजी जानकारियां जरूर सामने रख दीं.

आरएस शर्मा की निजी जानकारियां रख दी सामने

फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ और आधार के आलोचक एलिएट एंडरसन ने शर्मा का मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक था), उनका पैन, एक दूसरा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, वो कौन सा फोन इस्तेमाल करते हैं और उनके वाट्सऐप पर लगी तस्वीर को उनके सामने रख दिया. शर्मा का एड्रेस तक ट्विटर पर उन्हें दिखा दिया गया. हालांकि, शर्मा ने कहा है कि उनका मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता हमेशा से सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है. इसके अलावा, एक यूजर को तो उन्होंने कहा कि जो पता उसके पास है वो थोड़ा पुराना है और अगर उसे नया पता चाहिए तो बताए. शर्मा का कहना है कि ये सभी जानकारियां हासिल करके कोई किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है और सब पहले से ही सार्वजनिक हैं. एंडरसन ने ये भी बताया कि जो फोन नंबर आरएस शर्मा के आधार से लिंक है, वह सरकारी वेबसाइट के अनुसार उनके सचिव का है.

यहां माथा ठनका

बाकी सब तो ठीक था, लेकिन माथा तो तब ठनका जब एंडरसन ने कहा है कि उनका आधार किसी भी बैंक खाते के साथ लिंक नहीं है. फिर क्या था, ट्विटर पर लोगों ने आरएस शर्मा को आड़े हाथ ले लिया और आलोचना शुरू कर दी. उनका कहना था कि आम जनता को सरकार बार-बार कह रही है कि वह अपना आधार बैंक खातों से लिंक कराएं, लेकिन खुद सरकारी अधिकारियों का ही आधार उनके बैंक खातों से लिंक नहीं है. अपने ऊपर लगातर हो रहे हमले देखते हुए शर्मा ने कहा कि उनके सभी बैंक खातों से उनका आधार लिंक है. हालांकि, न तो इस बात का कोई सबूत शर्मा ने दिया, ना ही खुद एंडरसन अपने पक्ष में कोई सबूत दे पाए.

जब एंडरसन को मुंह की खानी पड़ी

एंडरसन ने भले ही ये कह दिया कि आरएस शर्मा का आधार किसी भी बैंक अकाउंट से लिंक नहीं है, लेकिन बहुत से ट्विटर यूजर ने ऐसे तर्क पेश किए, जिन्होंने एंडरसन की बात पर सवाल खड़े कर दिए. एक यूजर ने तो आधार नंबर के जरिए बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए और ट्रांजेक्शन सफल भी रहा. ये देखकर तो लगता है कि कम से कम एक बैंक खाता तो आरएस शर्मा के आधार से जरूर लिंक है. इस पर एंडरसन ने कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दी है.

आधार डेटा लीक होना कोई नई बात नहीं है. न जान कितनी ही बार लोगों का आधार डेटा लीक होकर सार्वजनिक हो चुका है. कुछ समय पहले तो मेरा आधार, मेरी पहचान लिख कर गूगल पर सर्च करते ही पीडीएफ की फाइल ही डाउनलोड हो जा रही थी, जिसमें न जाने कितने लोगों के आधार डेटा की लिस्ट थी. जब भी बात यूआईडीएआई पर आती है तो वह साफ कह देते हैं कि इनसे सिक्योरिटी और डेटाबेस का कोई लेना देना नहीं है. तर्क होता है कि लोगों का बायोमीट्रिक डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है. खैर, यूआईडीएआई की बात तो सही है, लेकिन क्या नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और बैंक खातों की जानकारियों का कोई दुरुपयोग नहीं हो सकता है? ये वो सवाल है, जिस पर सरकार और यूआईडीएआई को गंभीरता से सोचने की जरूरत है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आधार डेटा किसी भी हालत में लीक ना हों, वरना आधार को कोई भी अपनी पहचान बनाने में डरेगा और जिन्होंने बना रखा है वो भी खुद को उससे अलग कर लेंगे.

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