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Updated: 04 सितम्बर, 2016 02:49 PM
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एक जमाना था जब अपनों से दूर रहने वालों के लिए उनका हालचाल जानने के लिए खत से बेहतरीन शायद ही कोई माध्यम था. दूर देश कमाने गए पति और बेटे के खतों के इंतजार ने ही मां और पत्नियों के लिए खतों को लाने वाले डाकियों को भी बहुत महत्वपूर्ण बना दिया.

लेकिन धीरे-धीरे वक्त बदला और जनसूचना संचार के आधुनिक माध्यमों ने खत को बीते हुए कल की बात बना दी. अब मोबाइल और इंटरनेट के जमाने में भला कौन खत लिखता है. लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे है जिन्हें अपनी भावनाएं कागज के टुकड़े पर उकेरने में कहीं ज्यादा संतुष्टि मिलती है.

लेकिन खत के उसके गंतव्य तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है संबंधित व्यक्ति का पता. क्या कभी ऐसा हो सकता है कि बिना पते के ही कोई खत अपने गंतव्य तक पहुंच जाए. आप कहेंगे नहीं. लेकिन ऐसा हुआ है, आइसलैंड में एक व्यक्ति का बिना पते के भेजा गया खत अपने गंतव्य तक पहुंच गया और अब इस खत की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आइए जानें इस अद्भुत खत की कहानी.

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बिना पते के गंतव्य तक पहुंचा खतः

आइसलैंड को उसके खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है और अब इस देश की चर्चा इसके बेहतरीन डाक सेवा के लिए हो रही है. यहां के डाक विभाग ने एक टूरिस्ट द्वारा बिना पते के लिखे गए खत को उसके सही ठिकाने तक पहुंचाने का कमाल कर दिखाया. यह खत आइसलैंड की राजधानी और देश के सबसे बड़े शहर रेकजाविक (Reykjavik) में पोस्ट किया गया था. लेकिन एक समस्या थी, दरअसल इस खत का लेखक उस जगह का पता भूल गया था जहां इस खत को भेजना था.

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आइसलैंड में बिना पते वाला एक खत अपने गंतव्य तक पहुंच गया

खत भेजने वाले इसके लिए एक बेहतरीन तरीका खोजा और खत के ऊपर पता लिखने के बजाय लिफाफे पर गंतव्य जगह का का नक्शा खींच दिया और खत के पहुंचने की जगह को लाल रंग के निशान से इंगित कर दिया. इतना ही नहीं डाक विभाग की मदद के लिए उस व्यक्ति ने कुछ संकेत भी लिख दिए, मसलन, 'देशः आइसलैंड, शहरः Búðardalur और नाम: एक आइसलैंडिक/डैनिस कपल की घोड़े की फर्म जिनके तीन बच्चे और बहुत सारी भेड़ें हैं!'

द सन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस खत के सौभाग्यशाली प्राप्तकर्ता आइसलैंड के ओसटेंफील्ड के रीबेका कैथरीन काडू थे. कुछ महीने पहले घटित हुई ये घटना तब सुर्खियों में आई जब एक रेडडिट यूजर ने इस लिफाफे की तस्वीर पोस्ट की. इसके बाद से ही इस लिफाफे की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो गई.

मोबाइल फोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में एक खत की ये अनोखी कहानी वाकई दिल को छू लेने वाली है!

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