एक जली लाश, एक सेक्स टेप, एक हत्या की गुत्थी... इंटरनेट को और क्या चाहिए!
ओडीशा के एक लड़के का वायरल सेक्स टेप सामने आता है, फिर उस लड़के की हत्या (तथाकथित) हो जाती है, जली हुई लाश बरामद होती है. अब पुलिस इसकी एक अलग ही कहानी कह रही है. मामला जो भी हो, लेकिन इंटरनेट पर यह अलग-अलग कहानियों के साथ वायरल हो रहा है...
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इंटरनेट पर एक जली लाश की फोटो काफी वायरल हो रही है. इसके साथ एक सेक्स टेप भी. और साथ में जितनी मर्जी उतनी कहानियां. कोई हिंदू-मुस्लिम कहकर आगे बढ़ा रहा है, तो कोई इसे प्रेम कहानी का घातक अंत. लेकिन सच्चाई कुछ और ही. इस सच्चाई पर हम बाद में आएंगे. आखिर इंटरनेट पर ऐसे कंटेंट को शेयर किए जाने की वजह क्या है. नफरत भरे माहौल में ऐसी कहानियां क्या किसी खास मानसिकता की पसंद हैं या फिर वजह कुछ और?
अब चलते हैं ओडीशा के इस मामले पर. एक लड़के का वायरल सेक्स टेप सामने आता है, फिर उस लड़के की हत्या (कथित) हो जाती है. जली हुई लाश बरामद होती है. चोट के कई निशान मिलते हैं. पुलिस बुलाई जाती है. तहकीकात होती है और अंत में पुलिस का बयान आता है कि ये हत्या नहीं ये तो आत्महत्या थी.
ये कहानी है उड़ीसा के उन्मय पाढी की. पुलिस ने अब ये साफ कर दिया है कि ये फिल्मी कहानी असल में आत्महत्या की है. मामला जो भी हो, लेकिन इसने इंटरनेट पर तूफान ला दिया है.
क्या था बयान?
पुलिस का कहना है कि चंडीगढ़ सेंट्रल फॉरेंसिक लेबोरेटरी की रिपोर्ट के आधार पर ये फैसला दिया गया है. पुलिस का ये भी कहना है कि उन्मय ने इस हादसे को हत्या की शक्ल देनी की कोशिश की और फिर खुद को जला लिया. मृत शरीर के पास जो जूते मिले हैं और शरीर से जो आल्ता मिला है वो उन्मय के ही द्वारा लगाए गए सबूत थे.
फिल्मी आत्महत्या के असली सबूत..
AIIMS और फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट कहती है कि जो भी जख्म उन्मय के शरीर पर मिले हैं, जो चाकू के निशान मिले हैं वो ऐसे लग रहे हैं कि उन्मय ने खुद ही लगाए हों. सिर के बाईं तरफ लगा चोट का निशान ऐसा नहीं लगता कि किसी और ने किया हो. इसके अलावा, शरीर पर झड़प के भी कोई निशान नहीं थे. सेल फोन रिकॉर्ड से साबित होता है कि उन्मय घटनास्थल पर अकेला पहुंचा था और शाम 6 बजे से लेकर 11.44 तक जिंदा था.
घटनास्थल पर उन्मय की लाश जो इंटरनेट पर दहशत का कारण बन रही है.
पुलिस का बयान..
पुलिस कमिश्नर वायबी खुरानिया का कहना है कि पुलिस को एक हाथ से लिखा हुआ नोट मिल गया है जिसकी बारीकी से जांच हुई है. इसके बाद पता चला है कि उन्मय पाढी शादीशुदा नहीं था और एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहा था. उसके एक लड़की के साथ संबंध थे. वो उन्मय की जूनियर थी. एक ही ऑफिस में दोनों काम करते थे और एक दिन उन्मय ने उस लड़की के साथ सेक्स वीडियो को वायरल कर दिया. उन्मय को गिरफ्तार कर लिया गया और लंबे समय के लिए कस्टडी में भेज दिया.
इस घटना के कारण उन्मय की नौकरी चली गई और समाज में काफी बदनामी हुई. इसके बाद उन्मय ने उस लड़की को निशाना बनाया और साथ ही एक अन्य शख्स को भी जिसके साथ उस लड़की का अफेयर था.
मेडिकल रिपोर्ट, फिजिकल सबूत, उन्मय का लिखा हुआ खत और मोबाइल फोन लोकेशन के आधार पर पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि उन्मय ने खुद पर किसी धारदार चीज़ से वार किया और फिर अपने ऊपर ही पेट्रोल डालकर आत्महत्या कर ली.
उस लेटर में लिखा था कि उन्मय को वो महिला और उसका ब्वॉयफ्रेंड मिलकर ब्लैकमेल कर रहे हैं और उन्मय के अकाउंट से पैसे भी निकाले हैं. जांच करने पर ये दावा भी झूठा पाया गया. जानकारी मिली है कि अपने भाई के साथ मिलकर उन्मय ने अपने अकाउंट से खुद पैसे निकाले हैं. उन्मय ने सीधे लिखा था कि वो महिला और उसका ब्वॉयफ्रेंड ही उन्मय की मौत के लिए जिम्मेदार होंगे, लेकिन पुलिस को ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला.
इस केस को पहले 302 और 201 धारा के तहत दर्ज किया गया था जो गलत निकली. शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि उन्मय पर चाकू से वार किया गया था फिर उसे जिंदा जला दिया गया था.
पुलिस ये सोच रहीथी कि इस केस में दो से ज्यादा लोग जुड़े हो सकते हैं, लेकिन ये नहीं सोचा था कि खुद उन्मय ही अपनी जान लेगा. जांच के दौरान उस सेक्स टेप की बात पता चली और उससे जुड़े लोगों को (महिला सहित) गिरफ्तार किया गया. पहली रिपोर्ट भी यही बनी थी कि उन्मय को वायरल सेक्स क्लिप के कारण मारा गया है.
तथाकथित वायरल वीडियो की तस्वीर
पर बाद में वो सारी रिपोर्ट गलत साबित हुई. आखिरी ऑटोप्सी रिपोर्ट से साबित हुआ कि उन्मय ने खुद ही अपनी ये हालत की थी. AIIMS के डॉक्टरों ने भी इसकी पुष्टी कर दी.
जिस महिला की बात हुई थी उसका फोन चांदबाली में और उसके ब्वॉयफ्रेंड का फोन खांडागिरी में उसी समय मौजूद था जब उन्मय की काऊखाई नदी के पास मौत हुई. उन्मय के फोन नंबर के करीब कोई और फोन नहीं था.
उन्मय का शरीर 21 मार्च को मिला था और इस पूरे केस को खत्म होते होते दो महीने लग गए. यकीनन किसी के प्रति नफरत इतनी बढ़ सकती है कि एक इंसान अपनी मौत के बाद भी उसे बर्बाद करने की कोशिश करे. कम से कम यहां पुलिस की समझदारी ने दो लोगों को बिना जुर्म सज़ा काटने से बचा लिया.
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