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Updated: 19 दिसम्बर, 2018 11:00 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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गूगल पर सिर्फ सोने निगम का नाम सर्च करने भर की देर है. हमारे सामने इतना कंटेंट होगा कि जिसे अगर समेटा जाए या फिर उसे सीरिअल में किया जाए तो लम्बा वक़्त लगेगा. बात साफ है कि सोने निगम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. सोनू के करियर ग्राफ का अगर गहनता से अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि बहुत पहले ही वो इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल कर चुके हैं जिसे पाने के लिए आज भी कई लोग एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रहे हैं और संघर्ष कर रहे हैं.

एजेंडा आजतक समिट में सोनू द्वारा पाकिस्तानी सिंगर्स पर निशाना साधना उन्हें महंगा पड़ता नजर आ रहा है. उनका एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है. अपने द्वारा दिए गए इस बयान में सोनू निगम पाकिस्तान में पैदा होने की इच्छा जताते नजर आ रहे हैं.

सोनू निगम, गायक, पाकिस्तान, फिल्म इंडस्ट्री     पाकिस्तानी गायकों पर दिए गए एक बयान के बाद सोनू निगम एक बार फिर लोगों की आलोचना का शिकार हुए हैं

क्या हुआ था एजेंडा आजकत समिट में: एजेंडा आजतक में सोनू निगम से एंकर ने पाकिस्तानी सिंगर्स को मिलने वाली तवज्जो पर सवाल किया तो इसपर जो कुछ सोनू भी सोनू ने कहा वो हैरान करने वाला था. सोनू का मानना है कि जैसा आजकल इंडस्ट्री का माहौल है, अच्छा होता कि वो पाकिस्तान में पैदा हुए होते.

पाकिस्तानी सिंगर्स को जिस तरह हाथों हाथ लिया जा रहा है उसपर सोनू का कहना था कि, 'कई बार मुझे लगता है कि अगर मैं पाकिस्तान से होता तो मुझे इंडिया से ऑफर्स मिलते. आजकल सिंगर्स को शोज करने के लिए म्यूजिक कंपनी को पेमेंट करना पड़ता है. अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो म्यूजिक कंपनी दूसरे सिंगर्स को बढ़ावा देगी और उन्हें गाने को कहेगी. लेकिन ये म्यूजिक कंपनी पाकिस्तानी सिंगर्स के साथ ऐसा नहीं करती.

आतिफ असलम जो मेरे दोस्त हैं और राहत फतेह अली खान इनसे कंपनी किसी शोज के पैसे नहीं मांगती.' बात इतनी थी मगर मामले ने तूल पकड़ लिया और सोनू आलोचना के पात्र बन गए और इंडिया पाकिस्तान के मुद्दों पर उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है.

पाकिस्तान में पैदा होने की बात कहकर चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहे सोनू निगम ने अपनी सफाई देने के लिए सोशल मीडिया का रुख किया. पूरी कंट्रोवर्सी पर अपना पक्ष रखने के लिए सोनू ने फेसबुक का सहारा लिया हैऔर लिखा है कि. 'कभी-कभी हेडलाइन को सनसनीखेज बनाने के प्रयास में कुछ पत्रकार वास्तविक कंटेंट को छोड़ देते हैं. कल का 'आजतक समिट' शानदार रहा और देखिए उन लोगों (कुछ पत्रकारों) ने इसे कहां पहुंचा दिया.

सोनू ने ये भी कहा कि,'पाकिस्तान में पैदा होना बेहतर होता बयान मैंने भारत में संगीत कंपनियों के संदर्भ में दिया था, जो गायक-गायिकाओं से अपने संगीत कार्यक्रम का 40-50 फीसदी भुगतान करने के लिए कहते हैं और जो यह पैसा देते हैं, वे (कंपनियां) सिर्फ ऐसे ही गायकों के साथ काम करते हैं...लेकिन वे विदेश के गायकों, विशेष रूप से पाकिस्तान के गायकों से ऐसा करने के लिए नहीं कहते."

उन्होंने कहा, "मैंने यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया था और इन लोगों ने इसे बदलकर 'पाकिस्तान में पैदा होना मेरे लिए बेहतर होता, ऐसा होता तो मुझे काम मिल रहा होता' लिख दिया. मैं क्या कह सकता हूं.'

बहरहाल, ये कोई पहला मौका नहीं है जब सोनू अपने किसी बयान के चलते लाइमलाइट हासिल करने में कामयाब हुए हैं. इससे पहले सोनू तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने इसी साल जनवरी में लाउद स्पीकर और अजान को लेकर बयान दिया था. तब सोनू ने लाउडस्पीकर पर बैन लगाने की मांग की थी और कहा था कि अजान की आवाज से उन्हें सोने में दिक्कत होती है. सोनू के इस बयान पर तरह तरह की प्रतिक्रिया आई थी और उनके खिलाफ फतवा तक जारी हो गया था.  

अब जबकि सोनू विवादों में आ गए हैं और उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी पड़ रही है तो हम बस इतना ही कहेंगे कि एक ऐसे वक्त में जब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान देश की सबसे बड़ी चुनौती हो उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं बोला चाहिए जिसमें पाकिस्तान या वहां की किसी चीज का जिक्र हो. हम ऐसा इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान को लेकर कब तिल का ताड़ बना दिया जाए और व्यक्ति ट्रोल का शिकार हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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