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Updated: 24 नवम्बर, 2022 05:07 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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भारतीय सेना का माखौल उड़ाने वाली एक टिप्पणी करने के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा लोगों के गुस्से का शिकार हो गई हैं. और, अब सोशल मीडिया पर ऋचा चड्ढा ने अपने ट्वीट पर विवाद बढ़ने के बाद बेशर्मी से भरा माफीनामा शेयर किया है. दरअसल, भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिनों पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को फिर से हासिल करने के संकेत दिए थे. और, इस पर उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि 'जब भी इस तरह का आदेश मिलेगा, हम उसके लिए हमेशा तैयार रहेंगे.' लेकिन, ये बात बॉलीवुड की 'वोक' अभिनेत्री ऋचा चड्ढा के गले नहीं उतरी. और, उन्होंने भारतीय सेना की खिल्ली उड़ाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा- 'Galwan says hi' और, अब ऋचा चड्ढा इस पर माफी मांग रही हैं.

Richa Chadha shameless apology on Galwan tweet mocking Indian Army is not worthyऋचा चड्ढा उसी बॉलिवुडिया वोक कम्युनिटी से आती हैं, जो अपनी राजनीतिक विचारधारा को संतुष्ट करने के चक्कर में भारतीय सेना जैसे तटस्थ संगठन को भी निशाने पर ले लेती है.

वैसे, ऋचा चड्ढा के इस माफीनामे को लिखने का आशय ऐसा है. जैसे वह अपनी गलती के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहरा रही हों. जबकि, ऋचा चड्ढा को भारतीय सेना के पीओके लेने वाले बयान पर किसी ने भी 'गलवान' का जिक्र करने के लिए नहीं उकसाया था. उन्होंने खुद ही ये लिखा था. और, जब विवाद होने लगा, तो उन्होंने सेना से जुड़े अपने रिश्तेदारों की ओट लेकर माफी मांगने लगीं. और, इसे अपने लिए भावनात्मक मुद्दा बता दिया. जबकि, ऋचा चड्ढा ने करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ अपने 3 शब्दों के जरिये खिलवाड़ किया था. 

दरअसल, कभी अपनी स्वघोषित प्रगतिवादी सोच, तो कभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, तो कभी कलात्मक आजादी के नाम पर बॉलीवुड लंबे समय से लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता रहा है. आसान शब्दों में कहें, तो बॉलीवुडिया वोक कम्युनिटी में तथाकथित एक्टिविज्म की भावना अचानक से ही जाग जाती है. और, अपने इस एक्टिविज्म के चक्कर में ऋचा चड्ढा सरीखी अभिनेत्रियां भारतीय सेना का अपमान करने से भी नहीं चूकती हैं. लेकिन, जैसे ही इस पर विवाद होता है. तुरंत ही ये बॉलीवुडिया 'वोक' अपने रिश्तेदारों के भारतीय सेना में होने की ओट लेकर माफी मांगने लगते हैं. ऋचा चड्ढा की तरह ही बॉलीवुड की एक्टिविस्ट अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी कई मौकों पर इसी तरह से अपमान के बाद माफी मांग लेती हैं.

हां, अगर इस तरह की माफी से बॉलीवुडिया वोक कम्युनिटी का काम नहीं चल पाता है. तो, तुरंत ही ये विक्टिम कार्ड निकाल लेते हैं. ऋचा चड्ढा ने भी यही किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'अभी एक 'कॉल' आया था. सभी रिप्लाई बंद कर दिए हैं. तो, क्या हो रहा है नहीं पता?' आसान शब्दों में कहें, तो ऋचा चड्ढा ने अपना अकाउंट प्राइवेट कर लिया है. यानी अब उन्हें हर कोई रिप्लाई नहीं कर सकता है. ऋचा चड्ढा का ये ट्वीट दिखाने के लिए काफी है कि उन्होंने अपना विक्टिम कार्ड चल दिया है. और, जल्दी ही लोगों के गुस्से को वो खुद को निशाना बनाए जाने के तौर पर पेश करने लगेंगी. संभव है कि ऋचा चड्ढा ये भी कह दें कि उन्हें बॉलीवुड एक्टर अली फजल से शादी करने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है. क्योंकि, उनके पति अली फजल मुस्लिम हैं. वैसे, ऋचा चड्ढा ने जिस तरह से भारतीय सेना का मजाक उड़ाने के बाद माफी मांगी है. उससे इस बात की संभावना कहीं ज्यादा बढ़ जाती है.

वैसे, सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के वेटरन अधिकारियों से लेकर कई यूजर्स ने ऋचा चड्ढा की जमकर आलोचना कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या ने दो टूक शब्दों में कहा है कि 'पहले भारतीय सेना के बारे में झूठ बताओ. फिर लोग गुस्सा हों, तो अपने फौजी रिश्तेदारों के पीछे छिप जाओ. ऋचा चड्ढा अगर आप भारतीय सेना का बहुत सम्मान करती हैं. और, ये आपके खून में हैं (जैसा आपने दावा किया है), क्या आप गलवान पर अपने ट्वीट का मतलब समझा सकती हैं? हम इंतजार कर रहे हैं.' 

भारतीय सेना के रिटायर्ज मेजर मानिक एम जॉली ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है कि 'ऋचा चड्ढा का ट्वीट न केवल जहालत बल्कि गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति घृणा को दर्शाता है. वो सैनिक हमें बचाने की अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए शहीद हुए थे. क्योंकि, उन्होंने सोचना छोड़ दिया था कि क्यों मेरी मौत पर ऋचा चड्ढा को कोई दिक्कत नहीं होगा? आप सोचते हैं कि उस संस्था का मजाक उड़ाना सही है, जो हमेशा अपनी शहादत के लिए तैयार रहती है. ताकि आप जैसे लोग कहते रहें कि भारत हमारा देश हैं.' 

माफीनामे में ऋचा चड्ढा ने क्या लिखा?

ऋचा चड्ढा ने लिखा है कि 'भले ही मेरी मंशा ऐसा नहीं थी. अगर 3 शब्दों से, जो विवाद में घसीटे जा रहे हैं, किसी को दुख या ठेस पहुंची हो. मैं माफी मांगती हूं. और, मुझे दुख होगा कि अगर जाने-अनजाने में मेरे शब्दों से मेरे फौज के भाईयों में ये भावना पैदा हुई हो. जिस सेना का मेरे नानाजी लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में शानदार हिस्सा रहे हैं. भारत-चीन युद्ध के दौरान उनके पैर में गोली लगी थी. मेरे मामाजी पैराट्रूपर थे. यह मेरे खून में है. देश को बचाने के लिए जब एक बेटा शहीद हो जाता है या घायल हो जाता है, तो एक पूरा परिवार प्रभावित होता है. जो हमारे जैसे लोगों से बना है. और, मैं निजी तौर पर जानती हूं कि ये कैसा महसूस होता है. ये मेरे लिए एक भावनात्मक मुद्दा है.'

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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