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Updated: 17 जून, 2022 07:54 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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ब्रह्मास्त्र (Brahmastra) फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद लोगों की नजरें रणबीर कपूर के साथ उनके जूतों पर भी पड़ीं. फिल्म का ट्रेलर देखने वाले लोग शायद बॉलीवुड की खराब छवि के बारे में अपनी राय बदलने की सोच ही रहे होंगे, कि उन्हें रणबीर कपूर जूते पहने हुए मंदिर में घंटी बजाते हुए दिख गए. जबकि फिल्म में रणबीर कपूर शिवा का किरदार निभा रहे हैं. जिनके पास 'ब्रह्मास्त्र' की शक्तियां हैं जो आग से खेलना जानते हैं, लेकिन वे यह नहीं जानते कि मंदिर में जूता पहनकर नहीं जाना चाहिए. ऊपर से वे तो घंटी बजा रहे हैं और दर्शन भी कर रहे हैं.

ओह बॉलीवुड वालों सबकुछ इतना बढ़िया करके फिर से कचरा कर दिया. मतलब इस फिल्म में रणबीर कपूर जब त्रिशूल लेकर खड़े रहते हैं तो उनके पीछ भगवान शिव की आकृति बनती है. फिर भी फिल्म से जुड़े लोगों का ध्यान इस बात पर नहीं गया.

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जब आप किसी धर्म पर फिल्म बना रहे होते हैं तब तो आपको और अधिक ध्यान देना चाहिए. 'ब्रह्मास्त्र' तो वैसे भी माइथोलॉजी से प्रेरित फिल्म है. ऐसे में जब लोगों ने रणबीर कपूर को जूतों के साथ देखा तो वे पीड़ा और गुस्सा से भर गए. अभी ब्रह्मास्त्र को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही थी कि ट्विटर पर बायकॉट ब्रह्मास्त्र और बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड करने लगा.

लोगों ने कहा कि बॉलीवुड वाले भले ही साउथ सिनेमा के नक्शे कमद पर चलकर करोड़ों की फिल्में बना लें, लेकिन संस्कृति का सम्मान करना नहीं जानते. यही तो अंतर है साउथ सिनेमा और हिंदी फिल्मों का, साउथ इंडस्ट्री हिंदू कल्चर का सम्मान करती है जबकि बॉलीवुड के लोग बार-बार किसी ना किसी बहाने से हिंदू धर्म का आपमान करते हैं. जूते पहनकर मंदिर की घंटियां बजाना...हिंदी फिल्मों में ही दिखाया जा सकता है, साउथ सिनेमा में नहीं.

 Brahmastra, Brahmastra trailer, ranbir kapoor in brahmastra, ranbir kapoor enter in temple with shoes, ranbir kapoor steps into Temple with shoesकुछ दर्शकों का कहना है कि हम ऐसी फिल्मों पर अपने पैसे नहीं खर्च करेंगे जो हमारे देवी-देवताओं का अपमान करती हैं

निर्देशक अयान मुखर्जी ने 'ब्रह्मास्त्र' के लिए लंबा इंतजार किया है. फिल्म के ट्रेलर में उनकी मेहनत दिख भी रही है, लेकिन जिस तरह फिल्म का विरोध हो रहा है डर है कि कहीं फिल्म पिट न जाए. हालांकि इस फिल्म में सुपर स्टार का जमावड़ा है. जिसमें रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, नागार्जुन, मौनी रॉय और कैमियो रोल में शाहरूह खान भी नजर आने वाले हैं. क्या किसी भी नजर इस दृश्य पर नहीं पड़ी? या फिर 'इतना तो चल सकता है' वाला फील लेकर इस सीन को शूट कर लिया गया?

कुछ दर्शकों ने इस फिल्म को नकार दिया है. उनका कहना है कि हम ऐसी फिल्मों पर अपने पैसे नहीं खर्च करेंगे जो हमारे देवी-देवताओं का अपमान करती हैं. एक यूजर ने लिखा है कि 'जूतों के साथ मंदिर में प्रवेश करना, हम उर्दूवुड से यही उम्मीद कर सकते हैं. बॉलीवुड सनातन धर्म के प्रति हमारी भावनाओं को आहत करने का कोई मौका नहीं चूकता.'

दूसरे ने लिखा है कि जूता पहनकर मंदिर का घंटा कौन बजाता है? यह सरासर हिंदू धर्म औऱ हमारे देवी-देवताओं का अपमान है. एक यजर लिखती हैं कि सभी शिवभक्त मेरे साथ बायकॉट ब्रह्मास्त्र लिखें. एक नेब्रह्मास्त्र वाले पोस्टर में रणबीर कपूर की तस्वीर पर क्रॉस बनाकर बायकॉट बॉलीवुड फॉरएवर लिखा है.

साउथ सिनेमा के प्रति हिंदी भाषी लोगों की दिवानगी तो पहले से थी लेकिन बाहुबली के बाद खुलकर सामने आ गई. इसके बाद केजीएफ, आरआर और पुष्पा को हिंदी भाषी लोगों ने ही देशभर में हिट बनाया. लोगों ने इन फिल्मों के बाद कहना शुरु कर दिया कि बॉलीवुड का जादू खत्म हो गया है.

लोग वैसे ही नेपोटिज्म, मी टू और सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड से खफा-खफा चल रहे हैं. ऐसे में 'ब्रह्मास्त्र' थोड़ी उम्मीद बनकर सामने आई, लेकिन अपनी एक गलती की वजह से विवाद में आ गई. जूतों के साथ मंदिर जाने पर रणबीर कपूर को दर्शक कितना पचा पाते हैं, यह तो आने वाला वक्त बताएगा?

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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