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Updated: 02 दिसम्बर, 2015 06:47 PM
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फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग पिता बन गए हैं. अपनी बेटी मैक्स का स्वागत करते हुए मार्क और उनकी पत्नी प्रिसिला ने अपनी बेटी के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने अपने दिल की कुछ बातें लिखीं.

जाहिर है जीवन के इस खास मौके पर लिखा ये पत्र बेहद भावुक कर देने वाला होगा. लेकिन भावुकता के साथ इस पत्र में आने वाली दुनिया की एक झलक भी दिखाई दी. पेश हैं उनके पत्र की कुछ खास बातें-

भावुक शुरुआत- 'तुम्हारी मां और मेरे पास उन उम्मीदों को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं जो तुमने हमारे भविष्य के लिए जगाई हैं. तुम्हारी जिंदगी आशाओं से भरी है और हम उम्मीद करते हैं कि तुम हमेशा खुश और स्वस्थ रहो जिससे तुम अपने जीवन का आनंद ले पाओ. हर मां-बाप की तरह हम भी चाहते हैं कि तुम एक ऐसी दुनिया में बड़ी हो, जो आज से बेहतर हो.'

नैतिकता की बात- 'हम इस दुनिया को बेहतर बनाने की अपनी कोशिश करेंगे, इसलिए नहीं कि हम तुमसे प्यार करते हैं, बल्कि इसलिए भी कि अगली पीढ़ी के बच्चों के लिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है. इस दुनिया के लोगों के अलावा इस दुनिया में आने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आज निवेश करना सामाजिक दायित्व है.'

बीमारियों से मुक्त दुनिया की कल्पना- 'आज 5 कारणों से लोगों की मौत हो जाती है दिल की बीमारी, कैंसर, स्ट्रोक, मानसिक और संक्रामक बीमारियों से. हम इस तरह की समस्याओं पर जल्द विजय पाएंगे. हम चाहते हैं कि तुम्हारी पीढ़ी और तुम्हारे बच्चों की पीढ़ी ऐसी बीमारियों से पीड़ित न हो. इसलिए ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम भविष्य के लिए इस दिशा में भी निवेश करें. इसमें मैं और तुम्हारी मां अपना योगदान देना चाहते हैं.

ये कुछ 5 या 10 सालों में नहीं होगा. जो बीज हम आज बोएंगे वो कल विकसित होंगे और एक दिन आएगा कि तुम और तुम्हारे बच्चे वो देख पाएंगे जिसकी हम आज सिर्फ कल्पना कर सकते हैं- बीमारियों से मुक्त एक दुनिया.'

अगली पीढ़ी से की उम्मीदें- 'दो योजनाओं पर हम अगली पीढ़ी से उम्मीदें करते हैं- मानव क्षमता को आगे बढ़ाना और समानता को बढ़ावा देना. मानव क्षमता को आगे बढ़ाने से अर्थ है कि और ज्यादा सोचना जिससे मानव जीवन और बेहतर हो सकता है. समानता को बढ़ावा देने से आशय है कि इन अवसरों को हर किसी तक पहुंचाना, चाहे वो किसी भी राष्ट्र, किसी भी परिवार या किसी भी परिस्थिति में पैदा क्यों न हुए हों. हमारे समाज को ये सब न्याय और परोपकार के लिए नहीं बल्कि मानवता की प्रगति के लिए करना है. अगर हमारी पीढ़ी सही निवेश करेगी तो ये सब हमारे जीते जी संभव होगा.'

अगला मिशन- मानव क्षमता को आगे बढ़ाने और समानता को बढ़ावा देने से इन लक्ष्यों तक पहुंचा जा सकता है-

* हमें लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए, 25, 50 या 100 सालों के लिए.

* हम जिन लोगों की सेवा करते हैं उनके साथ जुड़ना चाहिए, ऐसा करके हम उनकी जरूरतों को समझ सकते हैं

* बदलाव लाने के लिए तकनीक का निर्माण करना होगा.

* हमें नीति और वकालत में भी हिस्सा लेना चाहिए.

* हमें हर क्षेत्र में सबसे मजबूत और स्वतंत्र लोगों का साथ देना चाहिए.

* हमें कल को बेहतर बनाने के लिए आज जोखिम लेना चाहिए.

तकनीकी विकास जरूरी- ‘हमारी पीढ़ी क्लास में पढ़कर बड़ी हुई है, जहां एक ही जगह हम सबने एक ही चीज सीखी है. लेकिन तुम्हारी पीढ़ी अपने लक्ष्य खुद तय करेगी कि तुम्हें क्या बनना है- जैसे इंजीनियर, डॉक्टर, लेखक या नेता. तुम्हारे पास वो तकनीक होगी जिससे तुम बेहतर सीख पाओगे. तुम उन क्षेत्रों में प्रवीण हो पाओगे जिसमें तुम्हारी दिलचस्पी है. हम आज ये तकनीक विकसित करने जा रहे हैं और इसके परिणाम बहुत अच्छे होंगे.’

इंटरनेट तक हो सबकी पहुंच- ‘आने वाली पीढ़ी को सारे अवसर मिलें इसके लिए जरूरी है कि हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल कर सके. इंटरनेट केवल मनोरंजन या संपर्क की चीज नहीं है, बल्कि ये बहुतों के लिए लाइफलाइन हो सकती है. दुनिया के आधे से ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते, पर अगर वो भी हमसे जुड़ जाएं तो हम करोड़ों लोगों की गरीबी दूर कर सकते हैं, करोडों को शिक्षा मुहैया करा सकते हैं, करोडों को बीमारियों से बचा सकते हैं. खैर ये एक बड़ा प्रोजेक्ट है जिसमें बहुत से लोगों के सहयोग की जरूरत होगी.’

आने वाली पीढ़ी के लिए करेंगे काम- 'तुम्हारी पीढ़ी के लिए बेहतर दुनिया बनाने के लिए हमारी पीढ़ी को बहुत कुछ करना है. आज तुम्हारी मां और मैं ये प्रतिज्ञा करते हैं कि हम दोनों इन चुनौतियों को आसान करने के लिए मदद करेंगे. मैं आने वाले कई सालों तक फेसबुक का सीईओ बना रहूंगा लेकिन ये मुद्दे इतने महत्वपूर्ण हैं कि तब तक इसका इंतजार नहीं किया जा सकता कि तुम बड़ी हो और इस पर काम करो. जल्दी शुरुआत करने से हमें उम्मीद है कि हम अपने जीवनकाल में इसके फायदे देख पाएंगे.'

एक बड़ी घोषणा- ‘हम फेसबुक के 99 प्रतिशत शेयर अपने नए मिशन को देंगे जिसका वर्तमान मूल्य करीब 45 अरब डॉलर है. हम जानते हैं कि इन मुद्दों से जुड़े संसाधनों और प्रतिभाओं के मुकाबले यह छोटा सा योगदान है लेकिन उन लोगों के साथ-साथ हम जो कर सकते हैं वो करना चाहते हैं.'

और अंत में- ‘मैक्स हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं और तुम्हारे और बाकी बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. हम चाहते हैं कि तुम्हारी दुनिया में भी वही प्यार, उम्मीदें और खुशियां हो जो तुमने आज हमें दी हैं. हमें इंतजार रहेगा कि तुम इस दुनिया को क्या दोगी.’

तुम्हारे,

माता-पिता

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