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Updated: 29 मार्च, 2019 07:27 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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2019 के लोकसभा चुनाव होने में कुछ समय शेष है. आचार संहिता लागू हो चुकी है, ऐसे में IRCTC और भारतीय रेलवे चर्चा में है. कारण बना है चाय का कप. ध्यान रहे कि, 12040 काठगोदाम शताब्दी में यात्रियों को चाय सर्व की गई. विवाद तक उठा जब यात्रियों ने देखा कि जिस कप में चाय सर्व की जा रही है उसमें 'मैं भी चौकीदार' लिखा हुआ है.मामले को लेकर फेसबुक और ट्विटर पर ऐसे तमाम लोग हैं, जिसका मानना है कि ऐसा करते हुए न सिर्फ भारतीय रेलवे ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है. बल्कि अपनी इस चूक से पूरे लोकतंत्र को शर्मिंदा किया है. ट्विटर पर विवाद गहराने के बाद रेलवे भी आनन फानन में हरकत में आया और उसने इन कपों को तुरंत हटा दिया है.

आईआरसीटीसी, मैं भी चौकीदार, नरेंद्र मोदी, भारतीय रेलवे    रेलवे द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे मैं भी चौकीदार के कप ने देश की राजनीति को गर्मा दिया है

बताया जा रहा है कि ये पूरा विवाद पायल मेहता नाम की यूजर के एक ट्वीट के बाद गहराया. पायल ने अपने ट्वीट में कहा कि ट्रेन नंबर 12040 काठगोदाम शताब्दी में 'मैं भी चौकीदार' वाले कप में दो बार चाय सर्व की गई. पायल ने रेल मंत्रालय. चुनाव आयोग के प्रवक्ता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को टैग करते हुए पूछा कि क्या ये 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं है?

पायल के इस ट्वीट पर तुरंत ही इंडियन रेलवे सेवा ने रिप्लाई किया और IRCTC नार्थ जोन को मामले की तहकीकात करने के आदेश दिए. पायल ने आए हुए इस जवाब पर पुनः अपना सवाल दोहराया और पूछा कि क्या ये  'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं है?

आईआरसीटीसी, मैं भी चौकीदार, नरेंद्र मोदी, भारतीय रेलवे यूजर ने रेल मंत्रालय से सवाल किया कि क्या ये मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं है

सोशल मीडिया की बदौलत अब तब विवाद बढ़ चुका था और काफी यूजर इस तस्वीर को वायरल कर चुके थे. रेलवे को तत्काल मामले पर सफाई  देनी पड़ी. रेलवे ने कहा कि, कप वापस ले लिया गया है और ठेकेदार को दंडित किया गया है. मामले पर IRCTC के प्रवक्ता ने कहा कि, 'इस कप के लिए हमसे कोई भी पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई थी. इस मामले में पर्यवेक्षक/पैंट्री इंचार्ज से स्पष्टीकरण मांगा गया है. साथ ही जहां एक तरफ सेवा प्रदाता पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है तो वहीं दूसरी तरफ कारण बताओ नोटिस के तहत उससे ये भी पूछा गया है कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया.

आईआरसीटीसी, मैं भी चौकीदार, नरेंद्र मोदी, भारतीय रेलवे    रेल मंत्रालय को ऐसे कपों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी

ट्रेन में 'मैं भी चौकीदार' के कप इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं वो एक अलग बात है. मगर जिस बात ने सबसे ज्यादा अचरज में डाला वो ये कि रेलवे को ये पता ही नहीं है कि ट्रेन के अन्दर क्या सामग्री इस्तेमाल की जा रही है और क्या नहीं. यदि हम IRCTC के प्रवक्ता के बयान पर गौर करें तो हमारे लिए भी बात समझने में आसानी होगी. प्रवक्ता के अनुसार, यात्रियों को चाय पिलाने के लिए ट्रेन में इस्तेमाल किए जा रहे ब्रांडेड कप के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

उन्होंने कहा, 'ट्रेन में इस तरह के कपों का इस्तेमाल हमारी जानकारी के बिना हुआ है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. अभी तक यह केवल एक ट्रेन में पाया गया है. हम जांच कर रहे हैं कि क्या यह अन्य ट्रेनों में भी ऐसे ही कप इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं. हम इस मामले पर जल्द ही एक औपचारिक बयान जारी करेंगे.'

मामला देखकर साफ पता चल रहा है कि इसके बाद रेल मंत्रालय से लेकर IRCTC की जानकर किरकिरी हुई है. एक ऐसे समय में जब चुनाव नजदीक हो और आचार संहिता लग चुकी हो. रेल मंत्रालय को इस घटना से सबक लेते हुए सोचना चाहिए कि आज भारत जैसे विशाल देश का एक बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर सक्रिय है.

खैर रेलवे द्वारा की गयी हरकत के बाद अब फैसला जनता को करना है कि रेलवे से ये गलती जानबूझ कर हुई या फिर जो कुछ भी हुआ वो अनजाने में और ठेकेदार की गलती से हुआ.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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