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Updated: 07 अप्रिल, 2022 05:10 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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शेयर बाजार में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोग पेनी स्टॉक में इनवेस्ट करते हैं. क्योंकि, कभी-कभी इन पेनी स्टॉक का छप्परफाड़ रिटर्न लोगों को मालामाल कर देता है. ठीक इसी तरह देश में इन दिनों नींबू भी सब्जी बाजार का नया पेनी स्टॉक बन गया है. क्योंकि, चार दिन पहले तक जो नींबू ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा था. वो आज 336 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है. इस हिसाब से अगर किसी ने कुछ साल पहले नींबू के पेड़ लगाए होंगे, तो वह आज की तारीख में बिना किसी मेहनत के ही लखपति हो जाएगा. वैसे, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आए उछाल से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की आग को लोग इस गर्मी के मौसम में नींबू पानी और शिकंजी पीकर कम कर रहे थे. लेकिन, जब से नींबू भी पेट्रोल-डीजल की तरह 'पुष्पा' बनने की ओर बढ़ चला है. तो, नींबू ने लोगों के दांत खट्टे कर दिए हैं. बल्कि, ये कहना ज्यादा सही होगा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम लोगों के दांत खट्टे नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि, नींबू की कीमतें बढ़ गई हैं.

Lemon price hike social mediaविटामिन सी से भरपूर नींबू की कीमत कोरोना काल में भी इतनी नहीं बढ़ी थी.

वैसे, जिन लोगों को नींबू के दाम महंगे लग रहे हैं, वो सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए महंगा नींबू खट्टा नहीं है. आइए नजर डालते हैं महंगे नींबू के पक्ष और विपक्ष में दिए जा रहे ऐसे ही कुछ रिएक्शन पर...

महंगे नींबू ने जिनके खट्टे कर दिए दांत

-नींबू 350 रुपये किलो और उनका कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी है.

-सिद्ध हुआ कि प्याज ही नहीं नींबू भी रुला सकता है. और हां, अंधविश्वास में मत पड़ना, जो खुद को नजर लगने से नहीं बचा सका वो आपको क्या बचाएगा.

-नींबू के दाम यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़े हैं, सारा नींबू वही से आता है. और, अभी वहां युद्ध चल रहा है.

-नींबू महंगा हुआ तो क्या हुआ. 100 नींबू की शक्ति वाला विम साबुन सस्ता है. वो लेकर आओ एक टुकड़ा तोड़ो शिकंजी बनाओ. सलाद पे लगाओ और खाओ.

-नींबू इसलिए महंगा किया है ताकि मिर्ची को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

महंगा नींबू जिनके लिए खट्टा नहीं है

-ओन्ली नींबू से देश का इकॉनमी डिफाइन नई होता है मिस्टर. ये अचानक गर्मी बढ़ने का व इफेक्ट है.

-नींबू की सब्जी बनाते हो क्या?

-सारा नींबू रूस के दांत खट्टे करने के लिए सप्लाई किया जा रहा है.

-देश की अर्थव्यस्था, कभी प्याज, कभी टमाटर, कभी सरसो तेल और अब नींबू के दाम से तय होने लगी है.

नींबू के दाम इतने बढ़े हैं, जितना कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान में भी नहीं बढ़े थे. सोचिए, जब कोरोना काल में लोगों को विटामिन सी की कमी पूरा करने के लिए खट्टी चीजें खाने की सलाह दी जा रही थी. तब मेडिकल स्टोरों में विटामिन सी की टैबलेट की कमी हो गई थी. लेकिन, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले विटामिन सी से भरपूर नींबू के तब भी इतने महंगे नहीं हुए थे. लेकिन, बीते चार दिनों में नींबू के भावों में जो तेजी आई है, उसने हर किसी को हैरान कर दिया है. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि बुरी नजर से बचाने वाले नींबू को ही नजर लग गई है. हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर ऐसा हुआ क्या है, जो बाजार में नींबू जैसी एक आम सी सब्जी भी सेब से महंगी हो गई. नींबू के दामों को लेकर लोग अब फ्री राशन में दिए जा रहे रिफाइंड के साथ ही एक किलो नींबू देने की मांग करने लगे हैं. हालांकि, नींबू पानी और शिकंजी पीने वालों ने यहां भी एक जुगाड़ निकालते हुए 10 रुपये के नींबूज और 5 रुपये के टैंग पाउच का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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