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Updated: 16 मई, 2022 07:51 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी मस्जिद ढांचे के तीन दिनों से जारी सर्वे के आखिरी दिन वजूखाने के अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. वीडियो सर्वे करने वाली टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील ने कोर्ट में एप्लीकेशन देकर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है. जिसके बाद कोर्ट ने शिवलिंग मिलने के दावे के बाद उस जगह को सुरक्षित और संरक्षित करने का आदेश दिया है. साथ ही वहां पर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है. वहीं, कुछ दिनों पहले ही हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन कह चुके हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार जमाने से सत्य को कहती आई हैं. और, ऐसा कह कर मैं कोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं कर रहा हूं. हालांकि, मुस्लिम पक्ष के वकील ने शिवलिंग मिलने के दावे को गलत बताया है. इस खबर के सामने आने के साथ ही सोशल मीडिया पर #BabaMilGaye ट्रेंड कर रहा है. आइए जानते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित ढांचे में और क्या-क्या मिला है...

 Gyanvapi Mosque Kashi Vishwanath17 मई को सर्वे करने वाली टीम वाराणसी की लोअर कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

ज्ञानवापी मस्जिद में क्या मिला?

- ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित ढांचे के परिसर में श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए हिंदू पक्ष ने अपील की थी. जिस पर वाराणसी की लोअर कोर्ट ने वीडियो सर्वे का आदेश दिया था. इस सर्वे के आखिरी दिन मस्जिद के वजूखाने में भरा पानी निकाल कर उसकी भी वीडियोग्राफी कराई गई थी. इसके सर्वे के बाद बाहर निकले हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि कुएं में शिवलिंग मिला है. दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है. बता दें कि हर मस्जिद में वजूखाना होता है, जहां नमाजी हाथ-पैर धोते हैं और कुल्ला करते हैं. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है. वो एक फव्वारा है. 

- हिंदू पक्ष का दावा है कि दुनियाभर में जहां भी भगवान शिव का मंदिर होगा. वहां शिवलिंग के ठीक सामने नंदी महाराज (Nandi) को स्थापित किया जाता है. लेकिन, काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित नंदी की प्रतिमा का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ है. हिंदू पक्ष का दावा है कि नंदी की प्रतिमा ही अपने-आप में यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि ज्ञानवापी मस्जिद में ही स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर विराजमान हैं. इतना ही नहीं, इस बात के ऐतिहासिक तथ्य भी मिलते हैं कि मुगल शासक औरंगजेब ने ही काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था. 

- हिंदू पक्ष का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर से लगी हुई ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर भारतीय स्थापत्य कला के कई नमूने नजर आते हैं. इस दीवार पर देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने की जगह भी बनी हुई है. ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर स्वास्तिक आदि हिंदू धर्म से जुड़े कई प्रतीक नजर आते हैं. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने अब पश्चिमी दीवार के पास मंदिरनुमा मलबे के सर्वे की मांग करने का ऐलान किया है. बताया जाता है कि ज्ञानवापी मस्जिद से लगा हुआ ये मलबा 75 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचा है.

Gyanvapi Mosque Shivling ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार से लगा मलबा भारतीय स्थापत्य कला के नमूनों से भरा पड़ा है.

- पहले दिन के सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के कमरों का सर्वे किया गया था. इन कमरों की वीडियोग्राफी के दौरान दीवारों से लेकर खंभों की बनावट तक पर फोकस किया गया. पहले दिन का सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि यहां सबकी कल्पना से बहुत ज्यादा मिला है. हालांकि, कोर्ट द्वारा सर्वे प्रक्रिया को गोपनीय रखने की वजह से कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया गया था. दूसरे दिन के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया था कि सबूत उत्साह बढ़ाने वाले हैं. दावा किया गया कि दो दिनों में किये गए सर्वे में खंभों पर संस्कृत के श्लोक, दिया रखने की जगह, स्वास्तिक जैसे प्रतीक मिले.

- 17 मई को सर्वे करने वाली टीम वाराणसी की लोअर कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. कहा जा सकता है कि कोर्ट में पेश की जाने वाली रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही साफ हो सकेगा कि हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से किए जा रहे दावों की क्या सच्चाई है? वैसे, काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास से जुड़े तथ्यों को इतनी आसानी से नकारा नहीं जा सकता है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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