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Updated: 05 दिसम्बर, 2019 05:18 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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बीते दिनों हैदराबाद (Hyderabad Lady Doctor Rape) में डॉक्टर के रेप (Disha Rape Case In Hyderabad) फिर उसकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रखा दिया है. क्या मेन स्ट्रीम मीडिया क्या सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कोई भी हो, दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की वकालत हो रही है. प्रतिक्रियाओं का दौर (Social Media Reactions On Disha rape Case) शुरू हो गया है. यूं तो मामले को लेकर लोग संवेदनशील हैं और तथ्यात्मक बात कर रहे हैं मगर देश में मूर्खों की भी कमी नहीं है. मूर्खों को मौका चाहिए. इस घटना ने उन्हें भी मौका दे दिया है और उन्होंने भी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. बात मूर्खों की चली है तो हमें डैनियल श्रवण का जिक्र जरूर करना चाहिए. पता नहीं इन्होंने कभी कोई फिल्म बनाई भी है या नहीं मगर सोशल मीडिया पर श्रवण अपने को फिल्ममेकर बता रहे थे. दिशा रेप केस के मद्देनजर इन्होंने जिस तरह अपना मुंह खोला है उसने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया है. बल्कि ये तक बताया है कि रेप जैसी विकृत मानसिकता का मूल कहां छिपा है.

डैनियल श्रवण, फेसबुक पोस्ट, दिशा रेप केस, विवादित बयान, Daniel Shravan डैनियल श्रवण नाम के व्यक्ति ने दिशा रेप केस पर अतार्किक बातें लिखकर बेशर्मी की सारी सीमाएं लांघ दी हैं

अपने एक फेसबुक पोस्ट के कारण, जो अब डिलीट हो चुका है. जिसके स्क्रीन शॉट्स अब सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं कि वजह से डैनियल श्रवण सुर्ख़ियों में हैं. फिल्ममेकर ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखते हुए लिखा कि, महिलाओं को रेप में सहयोग करना चाहिए और अपने साथ कंडोम रखना चाहिए.'  डैनियल श्रवण का ये अंदाज लोगों को बिलकुल भी पसंद नहीं आया और उनकी जमकर लानत मलामत हुई. विवाद बढ़ता देख निर्देशक ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.

बात अगर डैनियल श्रवण के फेसबुक पोस्ट की हो तो इन्होंने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट करते हुए लिखा कि, मर्डर एक क्राइम है और रेप करेक्टिव सजा है. दिशा एक्ट या निर्भया एक्ट से कोई न्याय होने वाला नहीं है. रेप का एजेंडा अपनी सेक्शुएल जरुरतों को पूरा करना है जो समय और मूड के हिसाब से है और अगर समाज, कोर्ट और महिला संस्थाएं इस क्राइम को इग्नोर करती हैं तो वे रेप के साथ ही साथ एक कदम आगे बढ़कर महिलाओं का मर्डर कर देते हैं.'

इसके अलावा श्रवण ने ये भी लिखा कि, 18 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को रेप को लेकर अवगत कराना चाहिए. यानी की महिलाओं या लड़कियों को आदमियों की सेक्शुएल जरुरतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. तभी ऐसी चीजें होना बंद होंगी. ये बेवकूफी है कि वीरप्पन को मार दिया तो तस्करी बंद हो जाएगी या लादेन को मार दिया तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा. उसी तरह निर्भया एक्ट के सहारे बलात्कार को नहीं रोका जा सकता है.'

वो बात जो बनी विवाद की वजह

अब आते हैं श्रवण की उस बात पर जो पूरी पोस्ट का मूल थी और जिसने लोगों को सबसे ज्यादा आहात किया. श्रवण लिखते हैं कि, भारतीय लड़कियों को सेक्स एजुकेशन के बारे में पता होना चाहिए और 18 साल से अधिक उम्र होने के बाद उन्हें अपने साथ कंडोम रखने चाहिए. महिलाओं को 100 नंबर मिलाकर पुलिस को मदद के लिए बुलाने की बजाए रेपिस्ट्स के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि वे उनकी हत्या ना करें. सिंपल सा लॉजिक है, अगर सेक्शुएल इच्छाएं पूरी होंगी तो मर्द औरतों का रेप नहीं करेंगे. सरकार को ऐसी ही कोई स्कीम पास करनी चाहिए ताकि रेप के बाद रेपिस्ट महिलाओं की हत्या ना करें.'

अब जब बात ऐसी होंगी तो लोग सवाल करेंगे और घेरेंगे. श्रवण के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. एक्टर कुबरा सैत ने श्रवण की बातों को बेहूदगी से भरा हुआ बताया है और कहा है कि जो भी ये डेनियल श्रवण है, उसे मेडिकल हेल्प चाहिए, शायद उन्हें कुछ मार भी पड़नी चाहिए ताकि उनका सड़ चुका दिमाग साफ हो सके

विवाद बढ़ा तो स्वघोषित फिल्ममेकर श्रवण का माफ़ी मांगना स्वाभाविक था. विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपनी पोस्ट डिलीट करते हुए एक नया पोस्ट साझा किया.  इस पोस्ट में श्रवण ने माफी मांगते हुए लिखा कि वो अपनी फिल्म के विलेन के लिए डायलॉग्स लिख रहे थे. ये उसके ही डायलॉग्स थे. लेकिन लोगों ने उसकी बात को गलत रूप से ले लिया.

बात इतने संवेदनशील मामले पर मूर्खता की चली है तो हमें एक अन्य ट्विटर यूजर से भी रू-ब-रू होना चाहिए. ट्विटर पर 1.3 मिलियन फॉलोवर रखने वाले @GabbbarSingh मूर्खता और कुतर्कों के मामले में डैनियल से भी चार हाथ आगे हैं. रेप जैसी समस्या पर जो तर्क इन्होंने दिए हैं वो डैनियल श्रवण की बातों से ज्यादा घिनौने हैं.

गब्बर लिखते हैं कि वेश्यावृत्ति को वैध करें, अल्पावधि में पोर्न प्रतिबंध हटाएं. इससे लंबी अवधि में लिंग अनुपात में सुधार आएगा. साथ ही इससे कार्यबल में अधिक महिलाएं होंगी. इनका ये भी मानना है कि इस देश को  एक यौन क्रांति की जरूरत है.

गब्बर इतने पर ही अगर अपनी बेवकूफी और कुतर्क रोक देते तो भी ठीक था. मामले पर इन्होंने एक ट्वीट और किया है और अपनी बात सही साबित करने के लिए कुछ जबरदस्ती के आंकड़े दिए हैं.

बात सीधी और एकदम साफ़ है चाहे ट्विटर सेलेब्रिटी गब्बर सिंह हों या फिर स्वघोषित फिल्ममेकर डैनियल श्रवण. मामला जब गंभीर हो तो अपने को ज्ञानी समझ बेमतलब का ज्ञान नहीं देना चाहिए और थोड़ी संजीदगी बरतनी चाहिए. लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन इसका मतलब ये हरगिज नहीं है कि मुद्दा कोई भी हो आदमी अपना मुंह खोल दे. ये लोग अपना मुंह खोल चुके हैं परिणाम हमारे सामने हैं.

खैर दिशा रेप केस के मद्देनजर सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने वालों को सोचना चाहिए कि महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामले बेहद गंभीर हैं उनपर कुछ भी अनाप शनाप लिखने को देश और देश की जनता बिलकुल भी बर्दाश्त न करेगी.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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